रायपुर । शिक्षक मोर्चा ने यह मुद्दा उठाया है कि शिक्षा कर्मियों की मांगों पर विचार करने के लिए गठित समिति में संविलयन, क्रमोन्नति, समानुपातिक अँतर और सातवां वेतनमान का जिक्र क्यों नही किया गया है। मोर्चा संचालक संजय शर्मा ने पंचायत संचालक ( कमेटी के सदस्य सचिव ) से मिलकर इस मुद्दे पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई । जिस पर पंचायत संचालक ने बताया कि कमेटी क्रमोन्नति, समानुपातिक अंतर और सातवाँ वेतनमान पर चर्चा कर फैसला करेगी।
मोर्चा संचालक संजय शर्मा ने बताया कि उन्होने पंचायत संचालक के समक्ष यह मुद्दा रखा । पंचायत संचालक से चर्चा के दौरान गठित कमेटी में संविलियन, क्रमोन्नति, समानुपातिक अंतर, सातवां वेतन मान का उल्लेख नही होने पर आपत्ति दर्ज करते हुए पक्ष रखा गया।पंचायत संचालक(कमेटी के सदस्य सचिव) ने मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल को बताया कि कमेटी, क्रमोन्नति ,समानुपातिक, सातवाँ वेतनमान पर चर्चा कर निर्णय लेगी।
मोर्चा के संजय शर्मा ने संचालक के समक्ष क्रमोन्नति के साथ वर्ग 03 की वेतन विसंगति को रखते हए मांग किया कि– 1998 में पहला वेतनमान मे वर्ग-3 को 800 मूलवेतन, वर्ग-2को 1000मूलवेतन , वर्ग-1को 1200मुलवेतन में तीनो वर्ग में 200 रु का मूल वेतन में अंतर था। 2003 में दिए गए वेतनमान में वर्ग-3को 2700मूलवेतन, वर्ग-2को 3250मूलवेतन , वर्ग-1को3900 मुलवेतन में वर्ग 3 से वर्ग 2 के मुलवेतन में 550 रु का अंतर था
व वर्ग 2 से वर्ग 1 के मुलवेतन में 650 का अंतर था।
– 2007 में दिए गए वेतनमान में वर्ग-3को 3800मूलवेतन, वर्ग-2को 4500मूलवेतन, वर्ग-1को 5300मुलवेतन में वर्ग 3 से वर्ग 2 के मुलवेतन में 700 रु का अंतर था। वर्ग 2 से वर्ग 1 के मुलवेतन में 800 रु का अंतर था
– 2013 में दिए गए वेतनमान में वर्ग-3 को 7440+2400= 9840 मूलवेतन, वर्ग-2को 9300+4200= 13500 मूलवेतन, वर्ग-1को10230+4300=
14530 मुलवेतन में वर्ग 3 से वर्ग 2 के मुलवेतन में 3660 रु का अंतर है। वर्ग 2 से वर्ग 1 के मुलवेतन में 1030 रु का अंतर है
वर्ग 03 व वर्ग 02 का वेतन अंतर पर एक नजर
⭕1998– *200*
⭕2003– *550*
⭕2007– *700*
⭕2013– *3660*
उपरोक्त वेतन विसंगति/अंतर (वर्ग 03 के समानुपातिक वेतन अंतर की मांग) का तथ्यात्मक पक्ष प्रदेश संचालक संजय शर्मा ने रखा। जिस पर पंचायत संचालक(कमेटी के सदस्य सचिव) तारन प्रकाश सिन्हा ने उपरोक्त वेतन विसंगति को स्वीकार करते हुए निराकरण के लिए सैद्धान्तिक सहमति दी।
ज्ञात हो कि हड़ताल के दौरान भी उपरोक्त मांगो को प्रमुखता से रखा गया।