सब-स्टैण्डर्ड क्वालिटी की दवाईयों और उपकरणों की खरीदी किसी हालत मेँ नहीं,अजय चँद्राकर ने दी सख्त हिदायत

Chief Editor
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8C5AA4E063D1A3FC769DAD6451235100  रायपुर । स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अजय चन्द्राकर अपने निवास कार्यालय में अधिकारियों की बैठक लेकर विभागीय काम-काज की समीक्षा की। श्री चन्द्राकर ने कहा कि प्रस्तावित राजधानी रायपुर के डी.के.एस. सुपर-स्पेशलिटी अस्पताल का रेनोवेशन कार्य अगले तीन माह में पूर्ण किए जाए। अस्पताल के लिए निर्धारित सेटअप के अनुरूप भर्ती की कार्यवाही भी प्रारंभ कर दी जाए। उन्होंने कहा कि सुपर स्पेशलिटी अस्पताल चिकित्सा सुविधाओं के मामले में आधुनिक होगा। अस्पताल पेपरलेस  और उच्च गुणवत्ता के चिकित्सा उपकरणों से सुसज्जित होगा जिसका फायदा छत्तीसढ़ की जनता को मिलेगा। उन्होने इस अस्पताल को पीजी रिसर्च इंस्टीट्यूट के रूप में विकसित करने पर बल दिया।चन्द्राकर नये शासकीय मेडिकल कॉलेज अम्बिकापुर और शासकीय मेडिकल कॉलेज राजनांदगांव की भी विशेष रूप से समीक्षा की। उन्होंने मेडिकल काउसिंल ऑफ इण्डिया (एमसीआई) के मापदण्ड के अनुरूप सभी जरूरतें समय-सीमा में पूर्ण करने के सख्त निर्देश दिए ताकि अगले शैक्षणिक सत्र में पूरी क्षमता के अनुरूप बच्चों की भर्ती और पढ़ाई निरंतर हो सके।

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चन्द्राकर ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना और मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना की भी समीक्षा की। उन्होने कहा कि योजना के तहत छूटे हुए परिवारों का शत-प्रतिशत स्मार्ट कार्ड बनाना सुनिश्चत हो। ताकि राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ लोगों को मिल सकें। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में इस योजना के तहत छूटे हुए परिवारों के लगभग 11 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं। सत्रह जिलों के आवेदनों का डाटा एन्ट्री का कार्य पूर्ण हो चुका है और उन्हें यूआरएन नम्बर के लिए केन्द्र सरकार को प्रेषित कर दिया गया है। शेष 10 जिलों में भी प्राप्त आवेदनों का डाटा एन्ट्री तेजी के साथ किया जा रहा है।

चन्द्राकर ने एक सप्ताह में एन्ट्री कर यूआरएन नम्बर के लिए केन्द्र सरकार को भेजने के निर्देश अधिकारियों को दिए। ताकि जल्द से जल्द शिविर लगाकर ऐसे वंचित परिवारों का हेल्थ कार्ड बनाया जा सके। श्री चन्द्राकर ने छत्तीसगढ़ मेडिकल कॉर्पोरेशन(सीजीएमएससी) के कार्यों की प्रगति की जानकारी ली। श्री चन्द्राकर ने कहा कि किसी भी स्थिति में सब-स्टैण्डर्ड क्वालिटी की दवाईयों और उपकरणों की खरीदी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने प्रदेश के सभी अस्पतालों में जरूरत के अनुरूप सही समय पर सही दवाई और आवश्यक उपकरणों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए। श्री चन्द्राकर ने विभिन्न अस्पतालों में चल रहे अधोसंरचना विकास के कार्यो को भी तेजी के साथ पूर्ण करने के निर्देश दिए। बैठक में स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव सुब्रत साहू, संचालक स्वास्थ्य सेवाएं श्रीमती रानू साहू, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रबंध संचालक डॉ. सर्वेश्वर भूरे, संचालक चिकित्सा शिक्षा  डॉ. ए.के. चन्द्राकर, सीजीएमएसी के प्रबंध संचालक  रामाराव, खाद्य एवं औषधि प्रशासन के संचालक नरसिम्ह राव, डी.के.एस. अस्पताल के अधीक्षक एवं नोडल अधिकारी डॉ. पुनीत गुप्ता सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

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