रायपुर । बात हो रही है आगे बढ़ने की….. बात हो रही है व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए आधुनिक सूचना तकनीक के इस्तेमाल की……। लेकिन प्रदेश सरकार का शिक्षा विभाग तारीख के मामले में आगे बढ़ने की बजाय पीछे चलता हुआ दिखाई दे रहा है। इसके उदाहरण के रूप में शिक्षा विभाग की ओर शालाकोष सर्वर अपडेट करने और ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित करने को लेकर जारी एक आदेश को देखा जा सकता है। 30 दिसंबर की तारीख पर जारी इस आदेश में 30 दिसंबर तक शाला कोष सर्वर में जानकारी अपलोड करने की हिदायत दी गई है। साथ ही 01-01-2017 से ब्लॉक / संकुल स्तर पर ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित करने कहा गया है। जबकि सोमवार से 2018 का नया साल शुरू हो रहा है।
लोक शिक्षण संचालनालय की ओर से जिला शिक्षा अधिकारी दुर्ग, कवर्धा, कोंडागांव, रायपुर और राजनाँदगाँव के नाम एक आदेश जारी किया गया है। यह आदेश शाला कोष योजना के क्रियान्वयन को लेकर है। जिसमें कहा गया है कि आपके जिलें में सभी सरकारी स्कूल में शाला कोष योजना अँतर्गत शिक्षक एवं विद्यार्थियों की जानकारी के साथ टेबलेट का वितरण किया जा रहा है। साथ ही सभी संस्था प्रमुखों को निर्देशित शिक्षक एवं विद्यार्थियों की अद्यतन जानकारी के साथ शिक्षकों का बायोमेट्रिक पहचान की जानकारी शाला कोष सर्वर में 30 दिसंबर तक अपलोड करने हेतु निर्देशित किया गया है। इसके बावजूद संस्था प्रमुखओं के द्वारा उक्त जानकारी अपलोड करने की गति अत्यंत धीमी है।
आदेश में आगे कहा गया है कि टेबलेट के संचालन एवं डाटा अपलोड की प्रक्रिया को सुस्पष्ट करने के लिए दिनांक 01-01-2017 से विकास खंड / संकुल स्तर पर समस्त संस्था प्रमुखों का प्रशिक्षण आयोजित करवाएं ( जबकि सोमवार से नया साल 2018 शुरू हो रहा है यदि विभाग के लोग 01-01-2017 से ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू करने के निर्देश का पालन करेंगे तो अपडेट की बजाय बैकडेट पर जाना पड़ेगा ) तथा संबंधितों को अनिवार्यतः डाटा अपलोड करने हेतु निर्देशित करें। अपलोड किए दए विद्यालयों की जानकारी शालाकोष डैश बोर्ड में उपलब्ध है। जिसके आधार पर प्रगति की मॉनिटरिंग की जा सकती है।