रायपुर।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने सीडी की राजनीति पर कहा है कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह फिर बदले और सबक सिखाने की राजनीति पर उतर आए है।सीडी की राजनीति भाजपा के चाल उर चरित्र में शामिल है।चेहरे भी वही बदलवा रहे है।सीडी गिरोह के संचालन में मुख्यमंत्री कार्यालय भी शामिल ह।
दिल्ली से लौटने के बाद राजीव भवन में पत्रकारों से बात करते हुए भूपेश ने कहा कि पिछले तीन चार दिनों से एक सीडी की चर्चा मीडिया में चल रही है और भाजपा इसे भी एक ब्रह्मास्त्र की तरह देख रही है।हमने अब तक उनके सारे हथियार भोथरे कर दिए हैं, इससे भाजपा के भीतर एक स्वाभाविक खीझ है।यह खीझ दरअसल चुनाव में दिख रही अवश्यंभावी हार से जुड़ी हुई है।भूपेश ने कहा कि बात की जड़ छत्तीसगढ़ के प्रभारी पी.एल. पुनिया के उस बयान में है जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्होंने लंदन भागने से पहले शराब कारोबारी विजय माल्या को वित्तमंत्री अरुण जेटली के साथ संसद के सेंट्रल हॉल में बैठे हुए देखा था।
पुनिया ने कहा था कि वे प्रत्यक्षदर्शी हैं और वे ज़िम्मेदारी के साथ कह रहे हैं कि माल्या के मामले में अरुण जेटली और नरेंद्र मोदी झूठ बोल रहे हैं।पीएल पुनिया के इस बयान से नरेंद्र मोदी सरकार की कलई खुल गई है और अब नरेंद्र मोदी और अमित शाह अपनी असली राजनीति पर उतर आए हैं।पिछले दो दशकों का राजनीतिक इतिहास गवाह है कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को किस निर्दयता से रास्ते से हटाते हैं।
दरअसल उनकी मानसिकता ही आपराधिक है और वे बदला लेने के लिए अपने सहयोगियों तक को नहीं छोड़ते।गुजरात में संघ के एक नेता और भाजपा के महामंत्री की सीडी का बंटना और प्रवीण तोगड़िया का जान बचाने के लिए मीडिया के सामने गिड़गिड़ाना इसका पुख्ता उदाहरण है।पुनिया जी के बारे में जो कुछ भी अफ़वाह उड़ाई जा रही है, वह इसी बदला राजनीति की एक और कड़ी है।pl पुनिया के आरोप के बाद छत्तीसगढ़ में जो कुछ हुआ, उससे भी नरेंद्र मोदी और अमित शाह तिलमिला गए हैं। बिलासपुर में पुलिस की बर्बरता का विरोध करते हुए प्रदेश भर में जिस तरह से नरेंद्र मोदी का विरोध हुआ और काले झंडे दिखाए गए, उसने आग में घी का काम किया है। हम जानते हैं कि इसके बाद रमन सिंह को आलाकमान से कैसी लताड़ पड़ी है और निर्देश मिले हैं कि किसी तरह से भूपेश बघेल को रास्ते से हटाओ।
रमन सिंह का ब्रह्मास्त्र झीरम में चल चुका
अपने नेताओं, नरेंद्र मोदी और अमित शाह की तरह मुख्यमंत्री रमन सिंह भी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को रास्ते से हटाने की राजनीति पर भरोसा करते हैं।अभी दो दिन पहले भी उन्होंने मेरे चुनाव क्षेत्र पाटन में कहा कि वे मुझ जैसे लोगों को निर्ममता से नष्ट करेंगे. इस निर्ममता का क्या मतलब है? पिछली बार चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के नेताओं पर झीरम घाटी में जो कथित नक्सली हमला हुआ वह इसी निर्मम राजनीति का हिस्सा था।
झीरम का ब्रह्मास्त्र एक बार चल चुका, उसकी जांच न करवाने से भी उनके हाथों में लगे ख़ून के धब्बे छिपने वाले नहीं हैं।पिछले 15 बरसों से शासन ने उनके मन में यह दंभ भर दिया है कि वे सर्वशक्तिमान हो गए हैं। वे किसी तानाशाह की तरह हो गए हैं और उनकी सोच आपराधिक हो गई है। इसीलिए वे राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को रास्ते से हटाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हो गए हैं।
रमन सिंह और उनके इर्दगिर्द बैठे अफ़सर किसी गिरोह की तरह काम कर रहे हैं और वे किसी भी तरह से मुझे रास्ते से हटाना चाहते हैं।उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ़ तरह तरह के मामले मुक़दमे करने के बाद वे भी जब कुछ नहीं कर पाए तो अब झुंझलाहट में वह आरोप मुझ पर मढ़ना चाहते हैं, जिसमें मैं शामिल नहीं हूं। क्योंकि वे जानते हैं कि कांग्रेस को अब सत्ता में आने से कोई नहीं रोक सकता और न कोई तरकीब भाजपा को हारने से रोक सकती है।
अंतागढ़ के धंधेबाज़ किस मुंह से लोकतंत्र की बात करेंगे
भूपेश ने कहा कि2014 में अंतागढ़ उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी को सात करोड़ देकर, बंगला और लालबत्ती का लालच देकर खरीदने वाले लोग किस मुंह से लोकतंत्र की बात करेंगे? मुख्यमंत्री रमन सिंह के दामाद पुनीत गुप्ता, रमन सिंह के मित्र पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और उनके विधायक बेटे अमित जोगी ने मिलकर षडयंत्र रचा था। मुख्यमंत्री रमन सिंह ख़ुद इसमें शामिल थे क्योंकि आश्वासन तो उन्होंने ही दिया था। पूरा भांडा फूट गया. हमने पुलिस में शिकायत की, निर्वाचन आयोग में शिकायत की लेकिन जांच नहीं हुई।हम हाईकोर्ट गए तो रमन सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने कहा कि जांच नहीं होनी चाहिए।उन्होंने कहा किहम सुप्रीम कोर्ट तक गए हैं. इस मामले में तो चारों जेल जाएंगे।
इस मामले की न्यायालिक जांच करवाएगी कांग्रेस सरकार
भूपेश ने कहा कि जिस सीडी की चर्चा पिछले चार दिनों से चल रही है, उसमें क्या हुआ या क्या न हुआ इस पर राजनीति करने से अच्छा है कि इसकी जांच हो जाये। झीरम से लेकर अंतागढ़ तक, नान से लेकर अगुस्टा तक ढेर सारे मामले आ गए लेकिन रमन सिंह ने किसी मामले की जांच नहीं करवाई।
आज चुनाव की तिथियां घोषित हो रही है। अब तो चुनाव होंगे। हम घोषणा करते है कि सरकार बनते ही हम न्यायालय के सिटिंग जज की निगरानी में एसआईटी गठित करके हम इस पूरे मामले की जांच करवाएंगे।