फैनी तूफान का असर : राजधानी में बिजली व्यवस्था सुधारने कम्पनी ने किया फोरकोर केबल और डमी टॉवर का इस्तेमाल

Shri Mi
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रायपुर।फैनी तूफान का व्यापक प्रभाव रायपुर शहर की बिजली व्यवस्था पर भी पड़ा। तेज गति से आधा घण्टे तक चले फैनी तूफान की वजह से अनेक स्थानों पर उखड़े पेड़, टूटी डंगालिया और फ्लेक्स-होर्डिग्स के गिरने से विद्युत लाईनें और खम्भे बड़ी संख्या में क्षतिग्रस्त हुये। ऐसी भीषण प्राकृतिक आपदा से उत्पन्न बिजली व्यवधान की बहाली के लिये विद्युत कर्मी युद्धस्तर पर जुटे रहे, जिससे अनेक क्षेत्रों की बाधित विद्युत आपूर्ति को न्यूनतम समय में रिस्टोर करने में बड़ी कामयाबी मिली। श्री भूपेश बघेल ने फैनी चक्रवर्ती तूफान के आने की पूर्व सूचना मिलने पर बिजली अमला को सतर्क रहने और आवष्यक सामग्रियों के साथ तैयारी रखने निर्देषित किया था।

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फैनी तूफान की तेज गति से प्रभावित विद्युत प्रणालियों को सुधारने के लिये यही रणनीति अपनाई गई कि सर्वप्रथम उन क्षेत्रों की क्षतिग्रस्त प्रणालियों को दुरूस्त किया जाये जहाॅ कि ज्यादा रहवासी प्रभावित हुये हैं, ताकि न्यूनतम समय में प्रणाली दुरूस्तीकरण के कार्य से ज्यादा से ज्यादा रहवासियों को एकसाथ बिजली व्यवधान की परेषानी से निजात मिल सके। यही वजह है कि ऐसे समय में व्यक्तिगत अथवा किसी एक घर की बिजली गड़बड़ी के सुधार कार्य में विलम्ब होना स्वभाविक होता है।

पाॅवर कंपनीज अध्यक्ष श्री शुक्ला ने यह व्यक्त किया कि ऐसे प्राकृतिक विपदा के दौरान उपभोक्ताओं से विद्युत कर्मियों को बेहतर सहयोग मिला। भविष्य में भी उपभोक्ताओं से ऐसे ही सहयोग किये जाने की अपील करते हुये उन्होंने कहा कि विद्युत कर्मियों को भीषण आॅधी-तूफान, तूज धूप और बारीष जैसे विपरीत परिस्थितियों में कार्य करने की बाध्यता होती है। ऐसे समय में उपभोक्ताओं का सहयोग विद्युत कर्मियों के लिये सबसे बड़ा सम्बल होता है। पाॅवर कम्पनीज द्वारा उपभोक्ताओं को कम से कम विद्युत बाधा का सामना करना पड़े इस हेतु कम्पनी द्वारा नई पहल की गई है। इसके अन्तर्गत नई नई तकनीकी और योजनाओं के क्रियान्वयन पर जोर दिया जा रहा है, जिसमें फोरकोर केबल लगाने और डमी टाॅवर के उपयोग को आरंभ कर दिया गया है।

फोरकोर केबल और डमी टाॅवर से जल्द बिजली बहाल
पाॅवर कम्पनीज द्वारा अब विद्युत व्यवधानों को न्यूनतम समय में रिस्टोर करने विषेष ध्यान केन्द्रित किया गया है। आॅधी-तूफान से क्षतिग्रस्त लाईनों, खम्बों को तत्काल मरम्मत करना संभव नहीं होता, अतः ऐसे कार्यों के लिये वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। कंपनी ने फोरकोर केबल और डमी टाॅवर के माध्यम से क्षतिग्रस्त लाईनों और खम्भों के स्थान पर फोरकोर केबल लगाने और डमी टाॅवर को स्थापित करने कारगर पहल की है। इसके अन्तर्गत जल्द से जल्द बिजली बहाल करने दो खम्भों के बीच सबसे पहले फोरकोर केबल को जोड़ा जाता है। इसी तरह टूटे खम्बे के स्थान पर डमी टाॅवर खड़ा कर दिया जाता है। बाद में क्षतिग्रस्त तार एवं खम्बे की मरम्मत की जाती है। यही वजह है कि बिजली व्यवधान को रिस्टोर करने के समय में कमी आई है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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