रायपुर । छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से पुरानी मांगो के निराकरण की दिशा में कोई पहल नहीं किए जाने पर सरकारी कर्मचारियों में असंतोष बढ़ता जा रहा है। कई बार इस ओर ध्यान दिलाए जाने के बावजूद कोई कदम नहीं उठाए जाने पर कर्मचारी संगठन अब आँदोलन की तैयारी में हैं। इस सिलसिले में छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ नें अपनी मांगों की ओर शासन का ध्यान आकर्षित कराने 22 अगस्त को भोजन अवकाश पर तख्ती लेकर प्रदर्शन करने का फैसला किया है।छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष पी.आर.यादव नें बताया कि पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के घोषणा पत्र में शासकीय कर्मचारियों के लिए चार स्तरीय समयमान वेतनमान देने की घोषणा की गई थी। जबकि कर्मचारियों की और भी कई माँगें लम्बित हैं।सीजीवालडॉटकॉम के whatsapp group से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करे
इस ओर शासन का ध्यान आकर्षित कराने के लिए सिलसिलेवार आँदोलन की शुरूआत की जा रही है। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय निकाय के आव्हान पर कर्मचारी 22 अगस्त को राजधानी रायपुर एवं जिला तथा तहसील मुख्यालयों मे कर्मचारी संगठन के बैनर के साथ मांगों का तख्ती लेकर भोजन अवकाश में प्रदर्शन करेंगे तथा कलेक्टर/ एसडीएम /तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव के नाम ज्ञापन सौंपेंगे ।
पी. आर. यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री का कर्मचारियों की ज्वलंत मुद्दों पर अनेकों बार ध्यान आकर्षित कराया गया है । लेकिन कर्मचारियों की मांगे शासन की प्राथमिकता में नहीं है । ऐसे में संघ ने निर्णय लिया है कि भोजन अवकाश में जंगी प्रदर्शन कर शासन का ध्यान आकृष्ट कराया जाए । उन्होने बताया कि केंद्र के समान मंहगाई भत्ता , सातवां वेतनमान का एरियर्स का भुगतान, संविदा आकस्मिक निधि एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का नियमितीकरण ,लिपिक सहित सभी कैडर की वेतन विसंगति दूर करना, सातवें वेतनमान के अनुसार सभी प्रकार के भत्तों का पुनरीक्षण एवं अन्य लम्बित मांगें प्रमुख है ।
इस संबंध में संघ के सभी राजधानी सहित जिला और तहसील इकाइयों को पत्र जारी कर दिया गया है कि 22 अगस्त को भोजनावकाश मे दोपहर 1 बजे कलेक्टर कार्यालय /एसडीएम /तहसीलदार कार्यालयों के समक्ष प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री एवं मुख्यसचिव के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौपेंगे ।साथ ही ज्ञापन का प्रारूप भी भेजा गया है। उन्होने अपील की है कि सभी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता अपने विभाग एवं कार्यालय के साथियों सहित अधिक से अधिक सँख्या में प्रदर्शन में शामिल होकर आंदोलन को सफल बनाएं।