बिलासपुर राज्य की मौज़ूदा सरकार में दृढ़ इच्छाशक्ति की कमी है। लोगों का ध्यान भटकाने के लिए भूपेश बघेल रोज नया बहाना तलाशते है । कांग्रेस सरकार और उनके नेताओं ने चुनाव से पहले वादा किया था कि किसानों के धान का एक एक दाना 2500 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदा जाएगा। इसलिए सरकार को वादा पूरा करना ही होगा। यह बातें पूर्व नगरीय निकाय मंत्री अमर अग्रवाल ने धरना प्रदर्शन की अगुवाई करते हुए कही।
पुराना बस स्टैंड में दान खरीदी के मुद्दे पर भाजपा के एक दिवसीय धरना प्रदर्शन के दौरान अमर अग्रवाल ने कहा कि सरकार किसानों को धोखा दे रही है। यही कारण है कि भूपेश सरकार को चुुुनाव से पहले किये गए वादों को याद दिलाने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन की जरूरत पड़ी है।अमर ने कहा कि आज प्रदेश स्तर पर भारतीय जनता पार्टी के नेता और कार्यकर्ता एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। चुनाव से पहले कांग्रेसी नेताओं ने किसानों से वादा किया था हर एक किसानों से 2500 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से धान खरीदा जाएगा। लेकिन अब अब नए नए बहाने बनाये जा रहे है।
अमर ने बताया पिछले 15 सालों में कभी ऐसी स्थिति नहीं बनी कि भाजपा सरकार ने 15 नवंबर के बाद धान खरीदना शुरू किया हो। लेकिन राज्य सरकार ने इस बार 1दिसंबर से धान खरीदने का फैसला किया है। । जाहिर सी बात है देरी से धान खरीदी का नुकसान किसानों को उठाना पड़ेगा।
सीधे – सीधे किसानो को तीन प्रतिशत की सुखतका नुकसान है।क्योंकि धान में नमी का भी भाजपा सरकार भुगतान करती थी। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। किसान अपने उत्पादन को लेकर परेशान हैं । पहले धान खेत से सीधे सोसाइटी पहुंचती थी। लेकिन इस बार किसानों को धान संग्रहण की समस्या है ।सुखत का अलग से नुकसान है ।
अमर ने बताया किसानों का ध्यान भटकाने के लिए भूपेश बघेल नए नए बहाने तलाश रहे हैं। कभी 1871 रुपये समर्थन मूल्य देने की बात करते हैं। कभी ढाई हजार रुपए प्रति क्विंटल का राग अलापते है।दरसल सब नाटकबाजी है।
हम धरना प्रदर्शन के माध्यम से सरकार को याद दिला रहे हैं कि चुनाव से पहले कांग्रेसी नेताओं ने गंगाजल उठाया था कि किसानों का धान ढाई हजार रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदा जाएगा ।सरकार को किसानों से किए गए वादों को पूरा करना चाहिए ।
सवाल-जवाब के दौरान अमर अग्रवाल ने बताया सरकार लोगों के दिमाग को डायवर्ट कर रही हो। धान राज्य को खरीदना है। रेट भी राज्य सरकार को तय करना है। फिर सांसदों की बैठक बुलाने की जरूरत क्या है। यह सिर्फ लोगों को भटकाने का प्रयास है।
पत्रकारों से बातचीत के दौरान एक सवाल के जवाब में अमर ने बताया कि जब कर्ज लेकर ही धान खरीदना था तो इसकी तैयारी 4 महीने पहले से क्यों नहीं की गई। कर्ज लेते समय केंद्र की किसी प्रकार की भूमिका नहीं होती है । यह सच है कि केंद्र सरकार राज्य सरकार से पीडीएस के लिए 25,00,000 मीट्रिक तन चावल खरीदेगी। बाकी चावल की व्यवस्था सरकार को करनी है। लेकिन भूपेश सरकार पूरी तरह से किसानों से धान खरीदी को लेकर फेल हो चुकी है । सच्चाई सामने आ चुकी है । भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता किसानों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे। भूपेश सरकार पर दबाव डाला जाएगा कि जनता से किए गए वादे को पूरा करें। यदि सरकार अपने वादों पर खरा नहीं उतरती है उग्र आंदोलन से ही इंकार नहीं किया जा सकता है ।
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