( गिरिजेय ) मंगलवार 25 अगस्त की शाम…… वक्त 6 बज़कर 55 मिनट……. केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप पुरी का ट्वीट आया । जिसमें उन्होंने बिलासपुर –भोपाल- बिलासपुर हवाई सेवा का अनाउंसमेंट करते हुए बधाई दी । ट्वीट के साथ जो तस्वीर छपी उसमें बिलासपुर के हाईकोर्ट और भोपाल ताल की झलक नजर आ रही थी और यह भी लिखा था …सब उड़ें – सब जुड़ें ….फ्लाइंग फॉर ऑल ….। केंद्रीय मंत्री का यह ट्वीट स्क्रिन पर उभरते ही बिलासपुर के इतिहास में जन संघर्ष की एक और जीत दर्ज हो गई । जिस हवाई सेवा की मांग को लेकर बिलासपुर के लोगों ने सड़क पर संघर्ष किया । कोर्ट में याचिकाएं लगाई, नुमाइंदों ने भी आवाज उठाई और आखिर बिलासपुर के लोगों को एक और लड़ाई में जीत हासिल हुई । हालांकि बिलासपुर को दिल्ली मुंबई जैसे मेट्रोपोलिटन शहरों के साथ हवाई सेवा से जोड़ने की मांग अभी कायम है और इस जीत के साथ संघर्ष अभी ज़ारी रखने के संदेश भी है।
बिलासपुर को हवाई सेवा से जोड़ने की मांग काफी पुरानी है । इसे लेकर अलग-अलग मोर्चे पर लड़ाई काफी समय से जारी है । जिसके सुखद परिणाम के रूप में 25 अगस्त की शाम केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप पुरी का ट्वीट आया । जिसमें- बिलासपुर- भोपाल- बिलासपुर हवाई सेवा का ऐलान किया गया । खास बात यह है कि 25 अगस्त की तारीख पर देश में हवाई सेवा के 78 रूट एलॉट किए गए । जिसमें ज्यादातर पूर्वोत्तर राज्यों के रूट हैं । लेकिन केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने बिलासपुर- भोपाल हवाई सेवा को ही लेकर ही ट्वीट किया और शुभकामनाएं दी । बाक़ी सभी रूट की लिस्ट विभाग के सेक्रेटरी ने ज़ारी कर दी । यह इस बात का संकेत है कि केंद्र सरकार के सामने बिलासपुर को हवाई सेवा से जोड़ने की मांग कितनी अहम रही और जन दबाव को देखते हुए सरकार को यह फैसला करना पड़ा ।
गौरतलब है कि बिलासपुर को हवाई सेवा से जोड़ने के लिए की मांग को लेकर गठित की गई जन संघर्ष समिति की ओर से पिछले साल 6 अक्टूबर को अखंड धरना शुरू किया गया था । जिसमें बिलासपुर शहर के अलग-अलग वार्ड के लोगों, स्वयंसेवी संगठनों, व्यापारिक संगठनों, छात्रों ,कर्मचारियों के साथ ही इस इलाके के दूसरे स्थानों से भी लोगों ने हिस्सेदारी निभाई । शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन के जरिए केंद्र सरकार को भी मैसेज किया और जनप्रतिनिधियों को भी जिम्मेदारी का एहसास कराया । जिससे सभी के स्तर पर पहल हुई । इस जन संघर्ष का एक असर आंदोलन शुरू होने के कुछ़ दिनों बाद ही सामने आ गया था । जब 20 नवंबर को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने ऑफ़िसियल हैंडल से ट्वीट कर जानकारी दी कि उड़ान -04 में बिलासपुर को शामिल कर लिया गया है। पिछले साल दिसंबर में इसे लेकर टेंडर भी जारी कर दिया गया था । तीन – चार महीनें में इसके नतीज़े भी सामने आचुके होते । लेकिन कोरोना की वजह से यह प्रक्रिया समय पर पूरी नहीं हो सकी और आगे टलती रही । इस बीच दबाव कायम रखने के लिए जन संघर्ष समिति ने सोशल डिस्टेंसिंग के एहतियातों को ध्यान में रख अपना आंदोलन फिर से शुरु कर दिया था । इस दबाव का असर सरकार पर भी पड़ा और जनप्रतिनिधि भी आगे आए । बिलासपुर के सांसद अरुण साव ने भी भी पहल की और बिलासपुर – भोपाल हवाई सेवा की घोषणा के बाद उन्होंने कहा भी है कि यह बिलासपुर के जनता की जीत है । बिलासपुर विधायक शैलेश पांडे ने भी केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय को रिमाइंडर लेटर भेजा । पिछले 31 ज़ुलाई को ही जन संघर्ष समिति की पहल पर बिल्हा के विधायक और छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कोशिक ने भी केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय को एक भावनात्मक पत्र भेज़ा । ज़िसमें उन्होंने जिक्र किया था कि बिलासपुर का हवाई अड्डा उनके अपने विधानसभा क्षेत्र में आता है । हवाई सेवा शुरु होने से उनके क्षेत्र को भी लाभ मिलेगा । दिल्ली की बीजेपी सरकार के लिए नेता प्रतिपक्ष के पत्र को भी बेहद असरदार माना गया । इधर बिलासपुर नगर निगम के महापौर राम शरण यादव ने भी पुरज़ोर तरीके से यह माँग उठाई और उन्होने विभाग को पत्र लिखकर सीधे तौर पर आरोप लगा दिया था कि टेंडर लेने के बाद भी कंपनियां पीछे हट रहीं हैं। इसलिए उड़ान शुरू करने के नतीज़े का एलान नहीं हो पा रहा है। नगर निगम समान सभा की बैठक में भी बिलासपुर को हवाई सेवा से जुड़ने का प्रस्ताव पारित किया गया ।
कुल मिलाकर बिलासपुर के जनता की मांग और दबाव के असर से एक बार फिर जीत हासिल हुई है । यह दिन याद दिलाता है कि बिलासपुर ने रेलवे ज़ोन, मेडिकल कॉलेज ,हाई कोर्ट, सेन्ट्रल यनिवर्सिटी जैसी मांगों को लेकर सड़क पर संघर्ष किया और नतीजे के बतौर ये सौगात बिलासपुर को मिलीं । इसी तरह ज़नदबाव की ताक़त से बिलासपुर एक बार फिर ज़ीत हासिल कर हवाई सुविधा के पहले पड़ाव तक पहुंच गया है। बल्कि हवाई सेवा को लेकर लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है । जन संघर्ष समिति ने बिलासपुर -भोपाल हवाई सुविधा शुरू करने की घोषणा का स्वागत किया है । साथ ही मांग की है कि बिलासपुर से दिल्ली, मुंबई ,पुणे ,हैदराबाद, बेंगलुरु ,कोलकाता आदि महानगरों तक सीधी हवाई सेवा की जरूरत है । समिति ने मांग की है कि उड़ान- 4 के तहत बिलासपुर -प्रयागराज और दिल्ली मार्ग भी अलायंस ,एयर स्पाइसजेट ने टेंडर डाला था । इसलिए उस उड़ान सुविधा को भी तुरंत स्वीकृति प्रदान की जाए। बिलासपुर के जनदबाव की ताक़त की एक मिसाल यह भी है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी बिलासपुर -भोपाल हवाई सेवा की घोषणा का स्वागत करते हुए यह बात भी उठाई है कि दिल्ली-मुंबई जैसे महानगरों से जोड़ने पर ही बिलासपुर को वास्तविक लाभ मिल सकेगा । संकेत स्पष्ट है कि “ सब उड़ें ….. सब ज़ुड़ें…. फ़्लाइंग फ़ार ऑल ….” का लक्ष्य हासिल करने के लिए संघर्ष की उड़ान अभी बाकी है…..।
यह लिख़ते हुए मशहूर कवि राजेश रेड्डी की कविता याद आ रही है………..
जाने कितनी उड़ान बाक़ी है
इस परिन्दे में जान बाक़ी है।।
जितनी बँटनी थी बँट चुकी ये ज़मीं
अब तो बस आसमान बाक़ी है।।
अब वो दुनिया अजीब लगती है
जिसमें अम्नो-अमान बाक़ी है।।
इम्तिहाँ से गुज़र के क्या देखा
इक नया इम्तिहान बाक़ी है।।
सर कलम होंगे कल यहाँ उनके
जिनके मुँह में ज़ुबान बाकी है।।