HEALTH NEWS:जीवन में सादगी हो तो दांतों के लिए पेस्ट ज़रूरी नहीं… ! पढ़िए- डेंटिस्ट डॉ. प्रियंका नेताम से ख़ास बातचीत

Chief Editor
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HEALTH NEWS:आज की व्यस्त तथा भगामभाग की जिंदगी में भोजन किसी भी तरह पेट भरने का जरिया बनकर रह गई है. इसके दुष्परिणाम से नावाकिफ आज का युवा वर्ग कुछ भी खा कर उदरशांति कर लेता है. कालान्तर में दाँत दर्द, गैस अपचन, जैसी बिमारियों से जूझना पडता है. बेहतर जीवन शैली की शुरुआत मार्निंगवाक से शुरू होती है. सुबह उठते ही गुनगुने पानी का सेवन बीमारियों से लड़ने का रामबाण उपाय है. फास्टफूड आकर्षक रेपर में रोगों का जड़ है. डेंटिस्ट डॉ प्रियंका नेताम से हुई बातचीत  इस बात के प्रति सज़ग करती है कि रोग मुंह से शुरू हो कर. पूरे शरीर को अपनी गिरफ्त में ले लेती है.प्रस्तुत है डॉ. प्रियंका नेताम से बातचीत  के प्रमुख अंशः-

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प्रश्न -क़्या ब्रश में पेस्ट लगाना जरुरी है? पहले दातून आदि इसके पर्याय थे. अब पेस्ट जरुरी क्यों है?

उत्तर -जीवन सादगी भरी हो तो पेस्ट जरुरी नहीं है. लेकिन जिस तरह आज कि जीवनशैली है, उसमे दाँत -मसूड़ों को रोगों से दूर रखने पेस्ट जरुरी है. ज्यादा चाय -कॉफ़ी, कोल्डड्रिंक के सेवन से दातों का एनेमल हट जाता है.हम लोग रात में टीवी, मोबाइल देखते सो जातें हैँ. दाँतों रह गए अन्न कण सड़न पैदा कर दाँतों को रोगग्रस्त कर देते हैँ. रात में भोजन के बाद ब्रश -कुल्ला जरूर करना. चाहिए. दाँतों को स्वस्थ रखने उषा पान जरुरी है.

प्रश्न -खानपान के अलावे और कोई कारण दाँत रोग के हो सकते हैँ?

उत्तर -जीवन में गुस्सा, डिप्रेशन, चिंता, अवसाद और ईर्ष्या पेट में एसिडिटी बढ़ाते हैँ जो मसूड़ों के लिए हानिकारक है. उषापान से हेल्दी बेक्टिरिया मुँह के लार द्वारा पेट में जाता है. इससे पेट सम्बन्धी रोग नहीं होती.

प्रश्न -आम आदमी के लिए अब तो दाँतों का इलाज महँगा साबित हो रहा है?

उत्तर -हाँ यह सही है.
डेंटल ट्रीटमेंट महँगा हो गया है. टेक्नोलॉजी के कारण ऐसा है. डॉ प्रियंका ने सजग करते हुए कहा, खानपान ठीक रखें, जूस की बजाय फलों को चबा कर खाएं. मसूड़ों का भी ध्यान रखें. सरसों के तेल में सेंधा नमक और हल्दी मिलाकर हफ्ते में दो बार मसाज करें.

प्रश्न -आजकल बच्चों में भी दांतों की परेशानी हो रही है. इसका क़्या कारण है?

उत्तर -छोटे बच्चों को भी डेंटिस्ट के पास जाना पड़ रहा है. इसका मुख्यकारण फास्टफूड है. फास्टफूड बच्चों के मुख्य शौक हो गये हैँ.

डॉ प्रियंका नेताम ने एक प्रश्न के. उत्तर में बताया कि यहाँ दो डेंटल कॉलेज हैं. स्टूडेंट की संख्या बढ़ रही है. इससे प्रतिस्पर्धा. भी बढ़ी है. नई टेक्नोलॉजी से डेंटल क्षेत्र. में क्रांति. आई है.पहले दाँत में खराबी होने पर निकाल देते थे. अब ऐसा नहीं है. मसूड़े ही दाँत दर्द का प्रमुख कारण है.

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