करवा चौथ पर 46 साल बाद बन रहा दुर्लभ संयोग, डेढ़ घंटे होगी पूजा, जानें पारण का सही समय और तरीका

Shri Mi
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करवा चौथ (Karwa Chauth) हिन्दू धर्म में सुहागिनों के लिए बहुत खास व्रत होता है। महिलायें अपने पति की लंबी आयु और मंगलकामना के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। और चाँद की पूजा करके अपना व्रत खोलती है। इस साल करवा चौथ का व्रत 13 अक्टूबर यानि आज मनाया जाएगा। इस साल करवा चौथ पर बेहद दुर्लभ और खास संयोग बन रहे हैं।

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कहा जा रहा है की पूरे 46 साल बाद करवा चौथ पर दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। व्रत सवार्थ, सिद्धि, महालक्ष्मी और बुधादित्य योग में मनाया जाएगा। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक 23 अक्टूबर 1975 में करवा चौथ पर ऐसे दुर्लभ संयोग बने थे। करवा चौथ के व्रत का शुभ मुहूर्त 13 अक्टूबर चतुर्थी तिथि सुबह 1:59 से शुरू हो रहा है और 14 अक्टूबर दोपहर 3:08 में खत्म हो जाएगा। पूजन का मुहूर्त शाम 5:46 से शुरू होगा और शाम 7:08 मिनट में समाप्त होगा। पूजा की अवधि एवल 1 घंटे 15 मिनट की होगी, इस दौरान पूजा करना शुभ होगा।

महिलायें करवा चौथ की पूजा के बाद अपना व्रत खोल सकती हैं। यदि किसी कारण से आप चाँद नहीं देख पाए तो चाँद जिस दिशा में उदित होता है, उधर मुंह करके पूजा करके व्रत खोल सकती हैं। इसके अलावा महिलायें भगवान शिव के सिर पर विराजमान चंद्रमा को देखकर और पूजा करके अपना व्रत खोल सकती हैं। मंदिर जाकर भी व्रत खोला जा सकता है। आप चाहे तो वीडियो कॉल पर भी चाँद देखकर व्रत खोल सकती हैं। पारण के दौरान तामसिक भोजन का सेवन ना करें। ऐसा करने से देवी-देवता रुष्ट होते हैं।

Disclaimer: इस खबर का उद्देश्य केवल शिक्षित करना है। सीजीवाल इन बातों का दावा नहीं करता। कृपया विशेषज्ञों की सलाह जरूर लें।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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