बड़े फैसले: प्रभारवाद पूरी तरह होगा समाप्त ABEO ही बनेंगे BEO ,संकुल समन्वायको की होगी छुट्टी

Chief Editor
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बिलासपुर: स्कूल शिक्षा विभाग में बड़े लंबे समय से चले आ रहे प्रभार वाद के विवाद को विराम लगाते हुए होली की पूर्व संध्या में मुख्यमंत्री निवास में आयोजित फाग प्रतियोगिता और होली मिलन समारोह के दौरान स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने यह निर्णय लिया है कि विकास खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) के पद के लिए सहायक विकास खंड शिक्षा अधिकारी (ABEO) ही पात्र होंगे।

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इसके अलावा डीएमसी के लिए प्रदेश के 33 जिलों में ABEO को ही प्रतिनियुक्ति देते हुए उच्च वर्ग के वेतन का लाभ दिया जाएगा। बीआरसीसी के पद के लिए शिक्षक और प्रधान पाठक का पद प्रतिनियुक्ति से भरा जाएगा। संकुल समन्वयको को प्राथमिकता दी जाएगी। व्याख्याता अब प्रतिनियुक्ति पर जिला शिक्षा अधिकारी बन सकते है। इसके लिए विभागीय साक्षात्कार परीक्षा पास करने के नियम बनाए जाने हैं।

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देर रात शिक्षा मंत्री के बंगले से यह भी खबर निकलकर सामने आई है कि प्रदेश में अब संकुल समन्वयको की व्यवस्था समाप्त की जाएगी। संकुल का कार्य निजी एजेंसी को दिया जाएगा। निजी एजेंसी प्लेस मेंट के माध्यम से संकुल की व्यवस्था संचालित करेगी।

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सीएम श्री साय के बंगले से रंग और ठंढाई के सुरूर में रंगे सूत्र ने बताया कि शिक्षा विभाग के अगले मंत्री के रूप में धरम लाला कौशिक की वापसी हो सकती है। श्री कौशिक के सुझाव से स्कूल शिक्षा विभाग में नए क्रांतिकारी परिवर्तन किए जाने का प्रस्ताव कैबिनेट में रखा जाने वाला है। सूत्र ने यह भी जानकारी दी कि सहायक शिक्षकों की वेतन संगति दूर करने के लिए आलोक शुक्ला फार्मूला अमल में ला कर सहायक शिक्षकों को एक मुश्त पदोन्नति देने का प्रावधान चुनाव के पूर्व जुलाई महीने में लाया जा सकता है।

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इसी सूत्र ने यह भी बताया कि पूर्व शिक्षा मंत्री श्री टेकाम के OSD रह चुके पूर्व DEO श्री बंजारा को धरम लाल कौशिक के OSD बनने का आफर दे दिया गया है ताकि चुनाव बाद व्यवस्था बनाने में दिक्कत्ते नही हो।चलते चलते यह जानना भी जरूरी की प्रदेश अभी यह प्रस्तावित निर्णय सार्वजनिक नही हुआ है। कब इसे मजूंरी दी जाएगी यह भी तय नहीं है। इसलिए इसको लेकर कोई प्रतिक्रिया शिक्षक नेताओं की ओर से नही आई है…!

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लेकिन इस गुप्त निर्णय में परिवार नियोजन का एक संदेश छुपा हुआ है। जो यह है कि सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी जो पीएससी के माध्यम से भर्ती होकर लोक शिक्षण विभाग में आए हैं इनकी संख्या लगभग सुपर 241 है..! ये अपने टैलेंट और सिस्टम में संख्या कम होने के दम पर सरकार से कुछ भी अपने पक्ष में काम और पदस्थापना करवाने सक्षम अधिकारी साबित हो रहे हैं। संख्या कम होने की वजह से सरकार की लाडले भी बने हुए हैं। संख्या कम है तो एकजुट है शासन को भी इनकी मांगे पूरी करने में कोई बहुत बड़ा आर्थिक भार भी नहीं आ रहा है।यही वजह है कि BEO और DMC के पद के लिए इस कैडर को अधिक महत्व दिया गया है।
नोट : यह खबर नगाड़े की थाप और होली के फाग गीत संगीत की महफिल के बगल में संपादक की खबर लिखने की तुतारी में होलियायाना मस्ती के रंग और भंग के सुरूर में लिखी गई है। होली के दिन ऐसी कुछ चटपटी खबरो से छत्तीसगढ़ की पत्रकारिता की पुरानी परंपराओं को संजोने का एक प्रयास है। यह खबर पूर्णतः व्यंग व मनोरंजन मात्र है।

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