CG Assembly Election: BJP की पहली लिस्ट ने “चौंका” दिया ….या “चौका” मारा… ? क्यों उड़ी दिग्गज दावेदारों की नींद..?

Shri Mi
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CG Assembly Election/( गिरिजेय ) छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए BJP ने अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह एवं केंद्रीय चुनाव समिति के अन्य सदस्यों की उपस्थिति में हुई बैठक के बाद पार्टी ने यह सूची जारी की है ।

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पहली सूची में बीजेपी ने 21 विधानसभा क्षेत्रों के लिए अपने उम्मीदवार घोषित किए हैं, जिनमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विधानसभा क्षेत्र पाटन से सांसद विजय बघेल उम्मीदवार बनाए गए हैं। केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक के ठीक दूसरे दिन लिस्ट ज़ारी कर बीजेपी ने सभी को “चौंका” तो दिया है।

लेकिन लिस्ट के मामले में बीजेपी का यह दांव “चौका” साबित होगा या नहीं… ? यह सवाल चुनावी माहौल को अभी से दिलचस्प बना रहा है। यह लिस्ट कई चुनावी दांव की ओर इशारा कर रही है। जिसमें सबसे अहम् तो यही है कि लिस्ट में ज्यादातर नए चेहरों के देखकर यह सवाल भी छत्तीसगढ़ की सियासी फ़िजां में तैर गया है कि क्या बीजेपी सूब़े में फ़िर से कोई नया प्रयोग करने जा रही है..?

ज़ाहिर सी बात है कि यह सवाल छत्तीसगढ़ में टिकट के दावेदार बीजेपी के तमाम दिग्गज़ों की नींद में ख़लल डाल सकता है।

बुधवार को हुई बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक को लेकर यह खबर भी सामने आई थी कि बीजेपी ने छत्तीसगढ़ की विधानसभा सीटों को 4 केटेगरी में बांटा है और रणनीति के तहत बीजेपी बहुत जल्द ही अपने उम्मीदवारों के नाम तय कर देगी।

इसके पीछे की एक वजह यह भी बताई गई थी कि कर्नाटक चुनाव में मिली हार के बाद यह बात भी उभर कर सामने आई थी कि उम्मीदवारों के चयन में देरी की वजह से भी कई सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था।

इससे सबक लेते हुए बीजेपी ने कुछ सीटों पर जल्द ही अपने उम्मीदवारों की सूची फाइनल करने की रणनीति बनाई।जिस तरह केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक के ठीक दूसरे दिन ही उम्मीदवारों की पहली लिस्ट सामने आ गई, उसके कई कई मायने निकाले जा रहे हैं।

एक तो यही है कि बीजेपी की पहली लिस्ट के साथ ही सूब़े के सियासी फ़िज़ां में हलचल मची है। और इसने लोगों को चौंका दिया है। इसके पीछे विरोधी ख़ेमे में ख़लबली मचाने की रणनीति भी हो सकती है। जहां अभी टिकट के लिए कवायद शुरू ही हुई है। दूसरी अहम् बात है कि जिन सीटों पर नाम तय हो चुके हैं, वहां उम्मीदवारों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिल जाएगा।

अब अगर इस पहली सूची को देखें तो इसमें सरगुजा इलाके की पांच सीटों पर बीजेपी ने अपने उम्मीदवार तय कर दिए हैं।अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित रामानुजगंज सीट पर पूर्व मंत्री रामविचार नेताम को उम्मीदवार बनाया गया है।

इनके अलावा प्रेम नगर से भूलन सिंह मरावी, भटगांव से श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, प्रतापपुर से श्रीमती शकुंतला सिंह पोर्ते और लुण्ड्रा से प्रबोज भिंज के नए चेहरे सामने आए हैं। इसी तरह रायगढ़ / जशपुर इलाके में खरसिया से महेश साहू और धर्मजयगढ़ से हरिश्चंद्र राठिया भी नए चेहरे हैं।

कोरबा विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाए गए लखनलाल देवांगन पहले भी विधायक रह चुके हैं। इधर मरवाही सीट से नए चेहरे के रूप में प्रणव कुमार मरपच्ची को उम्मीदवार बनाया गया है। सरायपाली सीट से श्रीमती सरला कोसरिया, खलारी से श्रीमती अलका चंद्राकर, अभनपुर से इंद्र कुमार साहू, राजिम से रोहित साहू, सिहावा से श्रवण मरकाम, डोंडी लोहारा से देवलाल हलवा ठाकुर, पाटन से विजय बघेल सांसद, खैरागढ़ से विक्रांत सिंह, खुज्जी से श्रीमती गीता घासी साहू, मोहला मानपुर से संजीव शाहा, कांकेर से आसाराम नेताम और बस्तर से मनीराम कश्यप उम्मीदवार बनाए गए हैं। इनमें से ज्यादातर चेहरे नए हैं।

बीजेपी की इस लिस्ट के मुताबिक दुर्ग सांसद विजय बघेल को पाटन सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। जहां से छत्तीसगढ़ के मौजूदा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल विधायक चुनकर आते हैं। इस तरह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को के सामने चुनौती पेश करने की कोशिश नज़र आ रही है।

इससे यक़ीनन पाटन सीट का मुक़ाब़ला दिलचस्प हो जाएगा। छत्तीसगढ़ के विधानसभा क्षेत्रों में बिलासपुर जिले की कोटा और रायगढ़ जिले की खरसिया विधानसभा सीट ऐसी है, जहां से बीजेपी अब तक एक भी चुनाव नहीं जीती है। इनमें से खरसिया सीट से महेश साहू को उम्मीदवार बनाया गया है।

लेकिन कोटा विधानसभा सीट अभी पेंडिंग है। जहां से इस बार कोई नया चेहरा सामने आ सकता है। इस सीट पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव, बिलासपुर के पूर्व महापौर किशोर राय और हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए लोरमी विधायक धर्मजीत सिंह का नाम भी दावेदार के रूप में लिया जा रहा है।

उधर खरसिया विधानसभा सीट से 2018 के पिछले चुनाव में आईएएस से इस्तीफा देकर राजनीति में आए ओ पी चौधरी बीजेपी के उम्मीदवार थे। उनकी जगह पर महेश साहू को प्रत्याशी बनाया गया है। इसका मतलब साफ है कि ओपी चौधरी अगर चुनाव लड़े तो उन्हें रायगढ़ या चंद्रपुर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया जा सकता है।

बीजेपी की इस लिस्ट में जातीय समीकरण के हिसाब से ओबीसी वर्ग में साहू समाज को अधिक अहमियत दी गई है। खरसिया से महेश साहू, अभनपुर से इंद्र कुमार साहू, राजिम से रोहित साहू और खुज्जी से श्रीमती गीता घांसी साहू उम्मीदवार बनाए गए हैं।

बीजेपी उम्मीदवारों की पहली फेहरिस्त का एक इशारा यह भी है कि इस बार बीजेपी छत्तीसगढ़ में ज्यादातर सीटों पर नए चेहरे मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है ।माना जा रहा है कि जिस तरह 2019 के पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों पर अपने सभी सांसदों की टिकट काट दी थी।

कुछ वैसा ही प्रयोग इस बार विधानसभा चुनाव में भी हो सकता है। पहली सूची में पूर्व मंत्री राम विचार नेताम और विजय बघेल का नाम जाना पहचाना है। इनके अलावा बाकी चेहरे नए हैं।

हालांकि अभी छत्तीसगढ़ की 90 में से महज़ 21 सीटों पर ही उम्मीदवारों के नाम सामने आए हैं। लेकिन पहली लिस्ट का ट्रेंड देखकर सूब़े में कई पुराने दिग्गज़ों की नींद में ख़लल लाज़िमी है। सियासी हलकों में यह भी माना जा रहा है कि अगर पुराने दिग्गज़ों की टिकट पक्की होती तो पहली लिस्ट में उनका भी नाम शामिल हो सकता था।

उधर लिस्ट आने के बाद यह सवाल भी तैरने लगा है कि क्या बीजेपी छत्तीसगढ़ की कुछ विधानसभा सीटों पर लोकल पार्टियों से तालमेल की गुंजाइश भी तलाश रही है..? वैसे पहली लिस्ट में मौज़ूदा सांसद विजय बघेल का नाम आने के बाद यह उम्मीद भी की जा रही है कि अगली लिस्ट में और भी सांसद के नाम आ सकते हैं।

कुल मिलाकर बीजेपी ने पहली लिस्ट ज़ारी कर लोगों को चौंका तो दिया है औऱ छत्तीसगढ़ के चुनावी मुक़ाब़ले को दिलचस्प बनाने का संकेत भी दे दिया है। इसे देखते हुए बाकी सीटों पर उम्मीदवारों की सूची को लेकर अब लोगों की दिलचस्पी और बढ़ गई है।

By Shri Mi
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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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