CG NEWS:बिलासपुर। गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के सभागार के साथ अन्य स्थानों पर भी चंद्रयान-3 की लैंडिंग के अद्वितीय एवं अविस्मरणीय पल को विश्वविद्यालय परिवार के सदस्यों ने अनुभूत किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने कहा कि यह भारत के वैज्ञानिक प्रतिभा, कौशल, संकल्प और पराक्रम का प्रतीक है। हम गिरते हैं, संभलते हैं और फिर दोगुनी ऊर्जा के साथ विजयपथ पर अग्रसर हो जाते हैं। हम अपनी असफलताओं से घबराते नहीं है बल्कि उनसे सीखकर सफलताओं के नये सौपान गढ़ते हैं, चंद्रयान-3 हमारी इसी क्षमता का प्रतीक है।
कुलपति प्रो. चक्रवाल ने कहा कि हमारे वैज्ञानिकों ने वह अद्भुत कार्य करके दिखाया जो दुनिया के कुछ गिने-चुने देशों ने ही अब तक किया है। भारत दुनिया का पहला देश है जिसने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर यह कारनामा करके दिखाया है। उन्होंने कहा कि आने वाले 14 दिनों तक प्रज्ञान रोवर चंद्रमा की सतह पर घूमकर जानकारियां जुटाएगा जो आने वाले समय में भारत ही नहीं अपितु पूरे विश्व के वैज्ञानिक अनुसंधानों के लिए अहम होंगी।
चंद्रयान 3 भारत का एक महत्वपूर्ण भारतीय अंतरिक्ष मिशन है, चंद्रयान-3 चाँद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने का भारत का दूसरा प्रयास था जिसमें हमने सफलता हासिल की। यह मिशन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा 14 जुलाई, 2023 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया था और करीब दो हफ़्ते बाद, यानी करीब 5 अगस्त को चंद्रयान-3 ने चन्द्रमा की कक्षा प्रवेश किया था। 23 अगस्त को अपने निर्धारित समय के अनुसार चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक अपना स्थान ले लिया है ।
CG NEWS:सीयू बना भारत के वैज्ञानिक पराक्रम के अद्वितीय पल का साक्षी- कुलपति प्रो. चक्रवाल
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