इस ब्लॉक में शिक्षकों को एक करोड़ से अधिक के लंबित एरियर्स का भुगतान ….क्यों है चर्चा में ?

Shri Mi
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महासमुंद।जिले का बसना विकासखंड शिक्षाकर्मियों की नियुक्ति से लेकर पदोन्नति तक के मामले में शुरू से चर्चा में रहा है। विवादों की उपलब्धियों के कई किस्से है। जिसमे से जुड़ा एक और नया अध्याय सामने आया है। हाल ही में शिक्षकों को करीब एक करोड़ से अधिक का लंबित एरियर्स भुगतान कर दिया गया । जिसकी वजह से बसना प्रदेश के करीब 145 शिक्षा विकास खंडों के शिक्षकों के बीच सबसे ज्यादा चर्चा में है।शिक्षा विभाग से जुड़ी महत्वपूर्ण खबरों के लिए हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़िए। यहां क्लिक कीजिए

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क्योंकि प्रदेश में एक ओर शिक्षकों के वेतन के अंतर राशि के एरियर्स को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। एरियर्स पाने के लिए शिक्षक कोर्ट का दरवाजा खटखटा रहे हैं उसके बाद भी पूरा एरियर्स नहीं मिल रहा है । वही बसना में ऐसा क्या जादू हुआ कि करोड़ों की राशि के लिए आबंटन मिल गया।

एरियस पीड़ित अब चाह रहे हैं कि बसना बीइओ जैसा अधिकारी प्रदेश के 146 विकास खंड में भी आ जाए । प्रदेश के एरियस पीड़ित पक्ष की ओर से यह भी कहा जा रहा है कि विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी की कार्यशैली इनकी प्रबंधन क्षमता आर्थिक पक्ष के मामलों पर निराकरण में उच्च कोटि की भूमिका पर लोक शिक्षण संचालनालय और इंद्रावती भवन में बैठे स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों का ध्यान इनकी और कैसे नहीं गया । जब एरियर्स भुगतान बसना में हो सकता है तो बाकि 145 ब्लॉक में क्यो नही हो सकता है ..!

मामले पर बसना के विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी जे आर डहरिया का कहना है कि ब्लॉक में जो एरियर्स का भुगतान हुआ है वह स्कूल शिक्षा रायपुर संभाग के संयुक्त संचालक के कुमार की ओर से दिए गए निर्देश पर किया गया है।

इसी मामले पर संयुक्त संचालक के कुमार से यह जानने का प्रयास किया गया कि संभाग के बाकि के शिक्षा विकास खंडों में एरियर्स के भुगतान की स्थिति क्या है ..? या फिर बसना का मामला विशेष है। तो उनसे बात नही हो पाई ।

शिक्षक नेताओ से मिली जानकारी के मुताबिक अभी भी रायपुर संभाग के ब्लॉक में करोड़ो रुपये का वेतन अंतर राशि एरियर्स के रूप में अटका हुआ है।शिक्षक मामलों के जानकार कहते है कि शिक्षाकर्मी से नियमित शिक्षक बनने के तक कि यात्रा में सरकार की ओर से दी गई सौगातो की उपलब्धियों के दावे तो कई है लेकिन यह भी सच्चाई है सरकार के ऊपर इस संवर्ग के हजारों शिक्षकों की बहुत बड़ी देनदारी है।जिसकी वजह इनके वेतन की अंतर राशि आज भी सरकार के पास एरियर्स के रूप में शेष है। इनके बकाया रकम लौटने का अब तक कोई ठोस फार्मूला नही बनाया गया है।

बहुत से शिक्षक इसी एरियर्स के लिए हाई कोर्ट बिलासपुर तक गए हैं न्यायालय के आदेश को देखते हुए पीड़ित पक्ष को सिर्फ 10% प्रतिशत ही भुगतान हो पाया है विभाग की ओर से बजट का रोना बताकर इसे अटका दिया गया है।

शिक्षाकर्मी से नियमित शिक्षक बनने की अब तक के दौर में इस संवर्ग के आर्थिक लाभ के पक्ष को इन से जुड़े विभाग के अफसरों नीति कारो अब तक कि सरकारों ने खुद से कोई विशेष तवज्जो नही दी है।इसी के चलते इस शिक्षक संवर्ग में कई विसंगतियों ने जन्म लिया है इसमें एक महत्वपूर्ण है वेतन की अंतर राशि का बकाया एरियर्स है।

महासमुंद जिले के बसना ब्लॉक भले ही बाजी मार ली है इसे अब मॉडल बनाने की चाह प्रदेश के 145 विकासखंड मैं हो रही है विकास खंड शिक्षा अधिकारी प्रदेश के शेष 145 ब्लॉक में नायक के रूप में उभरे हैं।जबकि विकास खंड शिक्षा अधिकारी एरियर्स के लिए जेडी के आदेश को असली वजह बता रहे है। इसके लिए नीति नियम जैसे भी बने और बजट आबंटन जैसे भी आय हो सन्देश यही मिल रहा है कि बसना में एरियर्स के फूल खिल चुके है।

By Shri Mi
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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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