प्राचार्य को राज्य सरकार ने किया बर्खास्त ….. 20 लाख के मामले में विभाग ने किया था सस्पेंड

Shri Mi
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रायपुर।भ्रष्टाचार के मामले में शिक्षक को राज्य सरकार ने बर्खास्त कर दिया है। तीन साल पुराने मामले में जांच और राज्य सरकार को भेजे गये प्रस्ताव के आधार पर शिक्षा विभाग ने प्राचार्य पीएल वर्मन को सेवा से बर्खास्त करने का आदेश दिया है। इस मामले में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय डोंगरीपाली विकासखंड बरमकेला रायगढ़ के तत्कालीन प्राचार्य पीएल वर्मन सस्पेंड भी हो चुके थे। 30 मार्च 2019 को सस्पेंड किये गये बर्मन को 12 फरवरी 2020 को बहाल किया गया था। इस दौरान बिलासपुर जेडी की तरफ से जांच प्रस्ताव के आधार पर अब सरकार ने प्राचार्य पीएल बर्मन को अनिवार्य सेवानिवृति का आदेश दिया है। बर्मन अभी प्राचार्य शासकीय हाईस्कूल सोढ़ेकला विकासखंड पुसौर में पदस्थ थे।

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आरोप था कि डोगरीपाली में प्राचार्य रहते बर्मन ने करीब 20 लाख रूपये का गबन किया था। इस मामले में जब उन्हें विभाग की तरफ से ससपेंड किया गया, तो भी बर्मन जबरिया स्कूल में अपना अटेंडेंस लगाते रहे। विभाग ने इसे घोर लापरवाही माना है।बिलासपुर संयुक्त संचालक की तरफ से भेजे गये जांच प्रतिवेदन के आधार पर प्राचार्य से जवाब मांगा गया तो नियत 15 दिनों के भीतर उन्होंने विभाग को जवाब तक नहीं दिया, जिसके बाद DPI ने संबंधित विभागों से मंतव्य लेकर अनिवार्य सेवानिवृति की कार्रवाई का आदेश जारी कर दिया है।

शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय डोंगरीपाली विकासखंड बरमकेला के प्राचार्य बीएल बर्मन पर छात्र-छात्राओं से शुल्क और राज्य सरकार की तरफ से मिलने वाली राशि में 19 लाख 94 हजार 617 के भ्रष्टाचार का आरोप लगा। इस मामले में 30 मार्च 2019 को विभाग की तरफ से प्राचार्य पीएल बर्मन को सस्पेंड किया गया। मामले में 11 महीने बाद 12 फरवरी 2020 को उन्हें निलंबन से बहाल किया गया। इस दौरान 20 मई 2019 और 20 जून 2019 तक जांच के आधार पर आरोप पत्र भेजे गये। जांच के दौरान भी बर्मन पर गंभीर आरोप लगे, उन्होंने जांच दल को सहयोग नहीं किया, वहीं केशबुक, वाउचर सब आधे-अधूरे मिले, जो अधिकारियों को देखने तक नहीं दिये गये।

गंभीर बातें जो जांच के दौरान सामने आयी, उसके मुताबिक बर्मन को 30 मार्च 2019 को संस्पेंड कर दिया गया था, लेकिन वो जबरिया 22 अप्रैल 2019 तक स्कूल आकर अटेंडेंस बनाते रहे और फिर अप्रैल का पूरा वेतन देने के लिए विभाग पर दवाब बनाते रहे। जांच टीम ने इसे बेहद गंभीर माना।

जांचकर्ता के रूप में जेडी बिलासपुर को 19 लाख 94 हजार का भ्रष्टाचार की जानकारी सही पायी गयी। विभाग की तरफ से 29 मार्च 2022 को जांच प्रतिवेदन के आधार पर पंजीकृत डाक से प्राचार्य बर्मन को भेजा गया और 15 दिन के भीतर जवाब मांगा गया, लेकिन प्राचार्य वर्मन ने इसका जवाब नहीं दिया।जांच प्रतिवेदन के आधार डीपीआई का अभिमत लिया गया, जिसके बाद डीपीआई के अभिमत और जांचकर्ता अधिकारी के जांच प्रतिवेदन पर शिक्षा विभाग ने संयुक्त रूप से फैसला लिया कि पीएल बर्मन तत्कालीन प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय डोंगरीपाली को नियम 1966 के नियम  10(3) के तहत अनिवार्य सेवानिवृति की शस्ति अधिरोपित किये जाने का प्रशासकीय निर्णय लिया गया।

राजपत्रित अधिकारी के नाते छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग रायपुर से भी इस मामले में अभिमत लिया गया, जिसमें विभागीय प्रस्ताव पर सहमति प्रदान की गयी। इस मामले में शिक्षा विभाग के अवर सचिव की तरफ से पत्र जारी कर दिया गया है। पीएल बर्मन अभी विकासखंड पुसौर के शासकीय हाईस्कूल सोढेकला में प्राचार्य के पद पर पदस्थ हैं।   

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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