नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी, समन्वयक गिरफ्तार

Shri Mi
3 Min Read

भुवनेश्वर/शहीदनगर पुलिस ने सरकारी नौकरी के नाम पर ठगी करने वालों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बहुत से युवाओं से लगभग 40 लाख रुपये बरामद किए हैं। साथ ही, उत्कल विश्वविद्यालय के दूरस्थ और सतत शिक्षा निदेशालय के कर्मचारी माधब चंद्र सेठी को एस मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है।

Join Our WhatsApp Group Join Now

उत्कल विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग में अकादमिक समन्वयक है।

एसीपी (जोन 5) गौतम किसान ने बताया कि 22 सितंबर को हमें बसंत कुमार दास नामक व्यक्ति से शिकायत मिली कि माधब चंद्र सेठी नाम के व्यक्ति ने उन्हें राज्य सचिवालय में एएसओ की नौकरी दिलाने का वादा कर पैसे लिए थे. एसीपी ने कहा कि सेठी ने दास को एएसओ की नौकरी दिलाने के लिए 12 लाख रुपये देने के लिए राजी किया था और शुरू में उनसे अग्रिम राशि के रूप में 2 लाख रुपये लिए थे. जब एएसओ परीक्षा परिणाम जारी हुआ और दास को मेरिट सूची में अपना नाम नहीं मिला तो उसने सेठी से पैसे वापस करने का अनुरोध किया.

लेकिन सेठी ने उसके पैसे नहीं लौटाए. उल्टे गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी.

इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने धारा 420 और 506 के तहत मामला दर्ज किया. जांच के दौरान पुलिस को आरोपी के खिलाफ कुछ सबूत मिले और उसके आधार पर आगे की पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया. आरोपी के खिलाफ मिले सबूतों के आधार पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है.

पुलिस के मुताबिक डीडीसीई में काम करने के बाद सेठी विभिन्न छात्रों के संपर्क में आया और इसका फायदा उठाकर वह सरकारी नौकरी दिलाने के इच्छुक उम्मीदवारों से झूठे वादे कर रहा था. सेठी उत्कल विश्वविद्यालय में काम कर रहा था, इसलिए छात्र और अभ्यर्थी उन पर भरोसा करते थे.

एसीपी ने बताया कि फिलहाल पुलिस को उन पांच युवकों के नाम पता चल गए हैं, जिन्हें सेठी ने ठगा है, लेकिन इनकी संख्या 35 से 40 हो सकती है. प्रारंभिक जानकारी के अनुसार ठगे गए छात्र उत्कल विश्वविद्यालय के हैं. जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि आरोपियों ने वाणी विहार के रस्मिरंजन परिडा से 4,00,000 रुपए, वाणी विहार के दुष्मंता कुमार पाणिग्रही से 4,00,000 रुपए, स्मृति रंजन स्वाईं से 70,000 रुपए और गीत गोविंदा से 1,20,000 रुपए की धोखाधड़ी की थी.

By Shri Mi
Follow:
पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
close