पांच सालों में छत्तीसगढ़ी कला संस्कृति को मिली पहचान…मुख्यमंत्री ने किया बहुउद्देश्यीय परिसर का शिलान्यास….आत्मानन्द उन्ययन कार्य का किया लोकार्पण

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बिलासपुर शहर में  छत्तीसगढ़ी ब्राह्मण समाज के बहुउद्देशीय परिसर का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने साइंस कॉलेज प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम में बिलासपुर में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम कॉलेज के उन्नयन कार्य का लोकार्पण भी किया। साथ ही बेलतरा में नए शासकीय कॉलेज का शुभारंभ भी किया। बघेल ने विप्र समाज की 60 वरिष्ठजनों और युवा प्रतिभाओं का समाज की ओर से शाल और श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया। ब्राह्मण समाज की सामाजिक एवं सांस्कृतिक पत्रिका सरयू द्विज का विमोचन भी  किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने किया।

कार्यक्रम में शामिल मुख्यमंत्री ने उपस्थित लोगों को संबोधित किया। उन्होने कहा कि हर समाज का अपना एक भवन होना चाहिए। इसी सोच के साथ हमारी सरकार ने प्रदेश के सभी समाजों को जिला एवं राज्य स्तर पर जमीन दिलाने का काम किया है। सभी समाज को विभिन्न सामाजिक कार्यों एवं बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के लिए एक भवन की आवश्यकता होती है।  कई समाज संपन्न होेने के बावजूद भी स्वयं का सामाजिक भवन नहीं बना पाते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए विभिन्न अवसरों पर समाजों को भवन के लिए जमीन दिया गया है।

पिछले पांच सालों में हमने छत्तीसगढ़िया संस्कृति और लोक परंपरा को आगे बढ़ाने का काम किया है। यहां की तीज-त्यौहार, खान-पान, पुरातन खेलकूद को नई पहचान मिला है। आज प्रदेश के गांव की महत्ता बढ़ रही है। उन्हें पहले सिर्फ खेती किसानी के लिए जाना जाता था। अब हमारे गांव सांस्कृतिक, आर्थिक एवं बौद्धिक रूप से सशक्त हो रहे हैं।

मंत्री  रविन्द्र चौबे ने न्यायधानी में ब्राम्हण समाज के लिए जमीन देने पर मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के ब्राम्हण समाज ने राज्य के कई प्रमुख आंदोलन का अगुवाई किया है। ब्राम्हण समाज अन्य समाज के लोगों को ज्ञान एवं राह दिखाने का कार्य किया है। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़िया संस्कृति को आगे बढ़ाने का कार्य किया है। यहां के लोक संस्कृति एवं खान-पान का मान बढ़ाया है। मुख्यमंत्री के आह्वान पर मजदूर दिवस के दिन जनप्रतिनिधि, अधिकारी से लेकर पूरे प्रदेशवासियों ने बोरे बासी खाकर श्रमिकों का मान बढ़ाया। मुख्यमंत्री के खेती-किसानी की ओर विशेष प्राथमिकता देने के प्रयासों से ही आज गांव में पलायन बंद हो गया है। अब शहर से लोग गांव की ओर आना शुरू कर रहे हैं।

 

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मुख्यमंत्री के सलाहकार  प्रदीप शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति एवं लोक पंरपरा पीछे छूट रही थी।  जिसे मुख्यमंत्री ने नई पहचान देते हुए उन्हें सहेजने का कार्य किया है। छत्तीसगढ़ी ब्राम्हण समाज के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप शुक्ला ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया और  स्वागत भाषण दिया।

मौके पर गौसेवा आयोग के अध्यक्ष रामसुंदर दास, संसदीय सचिव रश्मि आशीष सिंह, विधायक शैलेष पाण्डेय, छत्तीसगढ़ योग आयोग के अध्यक्ष ज्ञानेश शर्मा, जैव विविधता बोर्ड के अध्यक्ष राकेश चतुर्वेदी, कृषक कल्याण परिषद के अध्यक्ष सुरेन्द्र शर्मा, महापौर रामशरण यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष अरूण सिंह चौहान, पर्यटन मण्डल अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव, जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष प्रमोद नायक, मंडी अध्यक्ष राजेन्द्र शुक्ला, जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण  सिंह चौहान, जिला पंचायत सभापति अंकित गौरहा, अपेक्स बैंक के अध्यक्ष बैजनाथ चन्द्राकर, रायपुर नगर निगम सभापति प्रमोद दुबे, अरपा बेसिन प्राधिकरण उपाध्यक्ष अभय नारायण राय, विजय केशरवानी,भाजपा नेत्री हर्षिता पाण्डेय समेत  अन्य जनप्रतिनिधिगण और समाज के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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