धमतरी/मई की दोपहरी और तपती धूप में कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी ने आज जिले के विभिन्न ग्रामों में चल रहे विस्तृत राजस्व सर्वेक्षण कार्य का मुरुमसिल्ली पहुंचकरमौके निरीक्षण किया।
इस दौरान उन्होंने मुरुमसिल्ली में चल रहे सर्वेक्षण कार्य की विस्तृत जानकारी राजस्व अधिकारियों और ग्रामीणों से ली। कलेक्टर ने गांव की सीमा निर्धारित करने हेतु गांव के चारो ओर स्थायी चांदामुनारा निर्मित करने कहा
वन ग्राम से राजस्व ग्राम घोषित किए गए 87 वन ग्रामों को राजस्व ग्राम बनाने के लिए सर्वेक्षण कार्य जिले मे किया जा रहा। राजस्व सर्वेक्षण दल द्वारा मई की दोपहरी में तपती धूप में सर्वेक्षण कर रहे टीम की सराहना की।
उल्लेखनीय है कि असर्वेक्षित ग्रामों का सर्वेक्षण करने धमतरी जिले के कलेक्टर द्वारा जिला स्तरीय सर्वे दल का गठन किया गया। अलग अलग ग्रामों में लगभग 40-50 सदस्यीय सर्वे टीम बनाई गई। सर्वेक्षण हेतु कार्ययोजना तैयार कर सभी 87 ग्रामों का सर्वेक्षण किया गया।
इन गांवो में अभियान चलाकर राजस्व अभिलेख तैयार किए जा रहे है। सर्वेक्षण कार्य पांच चरणों मे संपादित होता है। ग्राम की अधिसूचना, आई आई टी रुड़की द्वारा गांव मे कोआर्डीनेट लेकर बाऊंडीफिकेशन हेतु सेटेलाइट से नक्शा उपलब्ध कराता है।
उसका भौतिक सत्यापन कर विसंगतियों को दूर कर रूड़की भेजा जाता है। वहाँ से नक्शा मिलने पर ग्राम पंचायत मे प्रथम प्रकाशन कर दावा आपत्ति आहूत की जाती है। दावा आपत्ति के निराकरण कर पुनः रुढ़की भेजी जाती है। रूड़की से संशोधित नक्शा आते ही अंतिम प्रकाशन कर दावा आपत्ति मंगाकर उसका निराकरण किया जाता है।
कलेक्टर के आदेश से इसके बाद भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 107, 108, 235, 236, 237, 242, 248 मे दिये गये नियमो व उपबंधो के तहत क्षेत्र नक्शा, खसरा, बी वन, अधिकार अभिलेख, निस्तार पत्रक, मिशल अभिलेख, रीनंबरिंग सूची और अन्य सहायक क्षेत्र अभिलेख तैयार कर की जाती है।
तैयार अभिलेंखों का त्रिस्तरीय जांच भू-अभिलेख शाखा मे की जाती है। परिष्कृत अभिलेख तैयार हो जाने के बाद सर्वेक्षण समाप्ति की अधिसूचना जारी करते हुये भुंईया साफ्टवेयर मे अपलोड कराने की कार्यवाही की जाती है। उसके बाद नवीन राजस्व ग्राम के संबंधित पटवारी द्वारा आनलाईन अभिलेख प्रविष्टि की जाती है।