मृतक बच्चों के परिजनों को 12 लाख का मुआवजा…कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा..संभव था हादसा को रोकना..विभाग माफियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—सेंदरी स्थित अरपा नदी में डूब कर मृत पटेल परिवार के लड़कियों के परिजनों से जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी ने मुलाकात कर दुःख जाहिर किया है। दुःख से उबरने के लिए ढ़ाढस भी बँधाया। परिवार के सदस्यों से कहा कि दुःख में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ ही पूरी कांग्रेस पार्टी शामिल है। घटना ने सभी को गहरा दुःख पहुँचा है 
 
साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिला प्रशासन की तरफ से 12 लाख रूपया बतौर मुआवजा राशि दिया। डूबने से बची दोनो बचों का हौसला भी  बढ़ाया।  घटना  को लेकर केशरवानी ने कहा कि गाँव के लोगों ने शिकायत किया है कि यदि सेंदरी के नदी पर रेत के अवेध उत्खनन पर रोक लगायी गयी होती और खनिज विभाग ने अपनी ज़िम्मेदारी का  निर्वहन  किया होता तो बड़ी घटना नही होती। 
जानकारी देते चलें कि सेंदरी रेत घाट समेत कई घाट रेत उत्खनन के लिए स्वीकृत नही है। कुछ घाट की लीज़ समाप्त हो चुकी है। बावजूद  इसके रेत का उत्खनन किया जाता रहा है। बारिश के पहले अंधाधुंध रेत खोदने की वजह से नदी में बड़े बड़े गड्ढे हो हुए हैं। नदी में पानी आने के बाद गड्ढे नज़र नही आत हैं। और मौत ज़ैसी मार्मिक घटना से लोगों को सामना करना पड़ता है।
कार्यवाही के बाद भी अवेध उत्खनन रूक नहीं रहा
   कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि खनिज विभाग को नदी किनारे के गाँवो में जाकर ग्रामीण जनो से अवेध उत्खनन को लेकर चर्चा करे।जहाँ बस्ती से लगी अरपा नदी के घाट है ..लोगों को जागरुक करें। कुछ सक्रिय युवाओं को जोड़कर नदी में निगरानी का ज़िम्मा दे। इससे सूचना तंत्र मज़बूत होगा और अवेध उत्खनन पर  भी रोक लगेगा।
 अक्सर देखने में आता है कि खनिज विभाग का ध्यान रेत के अवेध उत्खनन करने वाले वहनो ख़ास तौर पर गाँव के ट्रैक्टर पर रहता है। 
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि सरकार की मंशा के अनुरूप अवेध उत्खनन करने वालो पर नदी घाट पर ही कड़ी कार्यवाही करें  ! खुलेआम पोकलेन से रेत खोदने वाले हाउवा में ले जाकर रेत डम्प कर लेते हैं। उसे बढ़ी हुई क़ीमतों पर बेचते हैं।
 
 
कठोर कार्रवाई करे विभाग
विजय ने खनिज विभाग से कहा है कि रेत या किसी भी प्रकार के अवेध उत्खनन और परिवहन पर रोक लगाए। अंजाम देने वालो के ख़िलाफ़ कठोरता से कार्यवाही करे। खनिज विभाग के अधिकारी अपनी ज़िम्मेदारी का निर्वहन अच्छे से करें। 
 सेंदरी से पहले भी रेत के अवेध उत्खनन के कारण मौत होती रही है। फिर चाहे कछार में 6 साल की बच्चे की खनन में डूबने से मौत हो या फिर लोफाँदी में पिकनिक मनाने गये युवक की मौत। चाटीडीह में भी रेत के अवेध उत्खनन में डूबने से एक बच्चे की मौत हुई है। तमाम घटनाओं को खनिज विभाग के अधिकारियों को नज़रंदाज़ नही करना चाहिए।  सबक लेना चाहिए..जिससे  मौत को रोका जा सके। और माफियों पर कठोर कार्रवाई हो।
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