राजधानी दिल्ली के अमन विहार थाने में एक महिला वकील से बदसलूकी और मारपीट का मामला सामने आने के बाद रोहिणी कोर्ट के वकीलों में खासी नाराजगी है. घटना के विरोध में वकीलों ने दिनभर कोर्ट का कामकाज ठप रखा. व
कीलों ने कोर्ट परिसर में रोष मार्च निकाला और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की जिसके बाद रोहिणी जिला पुलिस प्रशासन ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए. इस मामले में आरोपित तीन महिला पुलिस कर्मचारियों समेत चार को निलंबित किया गया है.
शुक्रवार की सुबह रोहिणी कोर्ट बार एसोसिएशन ने महिला साथी से पुलिसकर्मियों द्वारा की गई मारपीट और बदसलूकी की घटना के विरोध में वर्क सस्पेंड करने की घोषणा की. इस दौरान अधिवक्ताओं ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की.
उन्होंने आरोप लगाया कि 21 मई रविवार को अमन विहार थाने में वकील लीलावती के साथ पुलिसकर्मियों द्वारा मारपीट की गई. इस मामले में अभी तक एफआइआर दर्ज नहीं की गई है. महिला वकील से मारपीट को लेकर पुरुष व महिला वकीलों ने शुक्रवार को काम नहीं किया. इस घटना के विरोध में वकीलों ने कोर्ट के अंदर और बाहर मार्च किया और पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इससे वीरवार को कोर्ट पहुंचे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा.
रोहिणी कोर्ट बार एसोसिएशन के सचिव एडवोकेट मंजीत माथुर ने बताया कि महिला वकील से मारपीट को लेकर एक दिन की सांकेतिक हड़ताल की गई है. अगर भविष्य में ऐसे मामलों पर रोक नहीं लगी तो बड़ा प्रदर्शन होगा. उन्होंने बताया कि इस मामले में पुलिस कर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू हो गई है.
प्रदर्शन में शामिल वकील गीता शर्मा, पूजा गुप्ता, निधि गुप्ता, शिवाली गौतम, राधा रानी, धनेश्वरी भारती, कविता कपिल, संगीता तलवार ने कहा कि पुलिस द्वारा महिला वकील को घसीटा गया, उनसे मारपीट की गई. इतना ही नहीं थाने के अंदर के सीसीटीवी कैमरे बंद करके आपराधिक साजिश रची गई.
इससे साफ है कि एक षडयंत्र के तहत वकील के साथ ऐसा व्यवहार किया गया. अगर पुलिस वकील के साथ ऐसा व्यवहार करती है तो आम महिलाओं के साथ कैसा व्यवहार करती होगी? महिला वकीलों ने मांग की कि पुलिसकर्मियों पर ऐसी कार्रवाई होनी चाहिए जिससे भविष्य में इस तरह की घटनाओं के लिए उदहारण बन सके.
यह है पूरा मामला
दरअसल, पीड़ित वकील लीलावती को एक मामले की अमन विहार थाने से एफआइआर की कापी चाहिए थी. इसको लेकर उन्होंने महिला जांच अधिकारी से संपर्क किया तो एफआइआर की कॉपी देने के लिए जांच अधिकारी ने उन्हें थाने बुलाया जहां उन्हें FIR की कॉपी के लिए एक से दूसरे कमरे में घुमाया जा रहा था. इससे परेशान होकर उन्होंने पुलिस कर्मियों से सवाल पूछे. आरोप है कि सवालों से बौखलाकर पुलिस कर्मियों ने कहा, ‘हमें वकालत मत दिखा. इसके बाद पुलिस कर्मियों ने थाने के सीसीटीवी कैमरों को बंद कर दिया और उनसे मारपीट की. मामला जब पुलिस अधिकारियों तक पहुंचा तो उन्होंने पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर उन पर विभागीय जांच के आदेश दे दिए.