छत्तीसगढ़ गठन के पूर्व से ही बिलासपुर के विकास की ओर विशेष ध्यान दिया जाता रहा है । छत्तीसगढ़ गठन के बाद प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी और उसका मुखिया बनाया गया। अजीत प्रमोद जोगी को ,जो बिलासपुर जिले के मरवाही विधानसभा का प्रतिनिधित्व करते थे ।श्री जोगी के मुख्यमंत्री बनते ही बिलासपुर के विकास की एक गाथा लिखी गई , कलक्टर राजेन्द्र मंडल के नेतृत्व में न केवल सरकारी भवनों का जीर्णोद्धार हुआ बल्कि रोड भी चमचमाने लगी व वृक्षारोपण के माध्यम से शहर में हरियाली लाई गई ,हाई कोर्ट की स्थापना की सौगात भी बिलासपुर को कांग्रसी सरकार ने ही प्रदान की , एन टी पी सी सीपत की स्थापना के माध्यम से विकास के नए आयाम विकसित किये गए , मेडिकल कॉलेज सिम्स की स्थापना की गई , तीन साल के अल्प कांग्रेस की सरकार के कार्यकाल में तो ऐसा लगने लगा था कि हम भारत की राजधानी को भी विकास की दौड़ में पीछे छोड़ देंगे ।
कांग्रेस की सरकार जाने के बाद राज्य सरकार ने केवल नाम के लिए बिलासपुर का विकास किया जो सिर्फ और सिर्फ पेपर में सिमट कर राह गया , आज बी जे पी सरकार की 15 वर्षो की उपलब्धि बस ये है कि सीवरेज के गढ्ढो ने बिलासपुर को एक नया नाम खोदपुर दे दिया , हम पूरे भारत मे खोदपुर के नाम से जाने जाने लगे । वक्त ने पुनः करवट ली और पुनः कांग्रेस की सरकार राज्य में आई , बिलासपुर पुनः विकास के ओर अग्रसर हो गया । अरपा में स्टॉप डैम का निर्माण कर पेय जल की समस्या का सदैव के लिए अंत किया जाना , अरपा को जीवित रखना की कार्ययोजना का क्रियान्वयन , नगरनिगम का परिसीमन कर महा नगरपालिका के रूप में विकसित करना और अब हवाई सेवा से देश की कर्मधानी प्रयागराज ओर राजधानी दिल्ली से जोड़ना विकास की नई कहानी लिख रहा रहा है ।
कांग्रेस की सरकारें बिलासपुर के लिए वरदान सिद्ध हो रही इसमे अब कोई दो मत नही , बिलासपुर के निवासियों को प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जो विकास के स्वप्न दिखाए थे और वादा किया था कि मैं मंत्रिमंडल में मैं आपका का प्रतिनिधि हु व विकास में किसी प्रकार की कमी नही आएगी आज साकार होता सिद्ध हो रहा।