5 सूत्रीय माँगों को लेकर कर्मचारियों ने किया सरकारी काम बंद

Shri Mi
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रायपुर :छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के आव्हान पर अपने 5 सूत्रीय माँगों के लिए कर्मचारियों ने प्रदेश के सरकारी कामकाज को ठप्प कर दिया।

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सरकार द्वारा कर्मचारियों के असल मुद्दों को नजरअंदाज करने का आक्रोश सभी जिलों में दिखाई दिया। मंत्रालय, संचालनालय, न्यायालय सहित प्रदेश भर के शासकीय कार्यालयों में सन्नाटा पसरा रहा ।

प्रदेश भर के जिला, ब्लॉक/तहसील मुख्यालय में कर्मचारियों ने धरना, प्रदर्शन एवम् रैली निकालकर स्थानीय प्रशासन को 5 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्य सचिव के नाम ज्ञापन सौंपा गया छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा,महासंघ के संयोजक अनिल शुक्ला, मंत्रालयीन संघ के अध्यक्ष महेन्द्र सिंह राजपूत ने कहा कि यदि सरकार ने समय रहते निर्णय नहीं लिया तो 1 अगस्त से 23 से अनिश्चितकालीन हड़ताल होना तय है।

उन्होंने स्पष्ट कहा कि कर्मचारियों को केन्द्र के समान सातवे वेतनमान में गृहभाड़ा भत्ता देना होगा। गौरतलब है कि अभी कर्मचारियों को छटवे वेतनमान में गृहभाड़ा भत्ता दिया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि कर्मचारियों को केंद्र के समान देय तिथि से महँगाई भत्ता देने में सरकार आनाकानी कर रही है।

सरकार ने पिंगुआ कमेटी का गठन किया लेकिन कर्मचारी संवर्गों का वेतन विसंगति निराकरण जैसे मुद्दों का समाधान आज पर्यन्त नहीं हुआ। जन घोषणा पत्र में अनियमित/संविदा/दैनिक वेतन भोगी/कार्यभारित/अन्य कर्मचारियों के नियमितीकरण का उल्लेख है।जोकि नहीं हुआ।

वहीं चार स्तरीय वेतनमान के मामले में भी सरकार ने कोई कार्यवाही नहीं किया। उन्होंने बताया कि सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को लागू जरूर कर दिया।

लेकिन पेंशन हेतु प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना नहीं होने से योजना का व्यापक लाभ नहीं मिलेगा। तकनीकी पेंच के कारण शिक्षक (LB) संवर्ग सहित अन्य कर्मचारियों को पेंशन लाभ नहीं मिलेगा। पेंशन हेतु अहर्तादायी सेवा को 33 वर्ष के स्थान पर 25 वर्ष करने के माँग पर सरकार ने निर्णय नहीं लिया। जिसके कारण कर्मचारियों का आक्रोश काम बंद हड़ताल में दिखा है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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