किसान भी करेंगे मुख्यमंत्री से भेंट मुलाकात…धीरेन्द्र ने बताया…लोहंडीगुड़ा की तरह करेंगे किसानों की जमीन वापस दिलाने की मांग

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 11,12 और 13 को बिलासपुर,मस्तूरी और बिल्हा विधानसभा का प्रवास कर स्थानीय लोगों से भेंटमुलाकात के बहारे जन संवाद करेंगे। मामले की जानकारी के बाद मस्तूरी के किसानों ने भी मुख्यमंत्री से मुलाकात कर कौड़ियों के दाम खरीदी गए 120 एकड़ जमीन वापस दिलाने की मांग करेंगे। किसान नेता धीरेन्द्र दुबे ने बताया कि भेंट मुलाकात के दौरान सबी किसान अपनी पीड़ा को मुख्यमंत्री से साझा करेंगे।
मस्तूरी विकासखंड स्थित जयरामनगर क्षेत्र के किसानों ने एलान किया है कि किसान नेता धीरेन्द्र दुबे की अगुवाई में भेंट मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री से संवाद करेंगे। धीरेन्द्र दुबे ने बताया कि भेंट मुलाकात के दौरान पाराघाट के सभी प्रभावित किसान क्षेत्र से जुड़ी किसानों की समस्याओं से अवगत कराएंगे।
 
 
मुख्यमंत्री से लगाएंगे जमीन लौटाने की गुहार
धीरेन्द्र के अनुसार मुख्यमंत्री को जानकारी देंगे कि वसुंधरा कंपनी ने 14 साल पहले 100 किसानों से 120 एकड़ जमीन सस्ते में खरीद। स्टील कंपनी डालने की बात कह रोजगार समेत अन्य सुविधा देने का सपना दिखाया। ताकि जनसुनवाई का कोई  विरोध ना करे। जनसुनवाई के 13 साल साल बाद वसुंधरा कंपनी ने कोई निर्माण कार्य नही किया। इस दौरान प्रभावित किसान रोजगार को लेकर उम्मीद पर बैठे रहे।
 
 
वसुंधरा से जमीन लौटाए जाने की मांग
पाराघाट, बेलटुकरी, भनेशर के किसान उस समय ठगे गये जब मार्च 2022 को रातोरात वसुंधरा कंपनी ने किसानों की जमीन को ऊंची कीमत राशि कंपनी को बेच दिया।  इस बात की स्थानीय प्रभावित किसानों को भनक तक नहीं लगी। आज तक कम्पनी ने ना तो किसी किसान को रोजगार दिया है और ना ही गांव की कोई सुविधा ही मिली है।
मामले में कई बार किसानों ने अपनी शिकायत को जिला प्रशासन के सामने रखा। बावजूद इसके किसान आज भी न्याय के लिए दर दर भटक रहे हैं। मामले में आज कोई कार्यवाही नही हुई है। अब तीनों गाँव के किसानों को मुख्यमंत्री से न्याय की उम्मीद है। भेंट मुलाकात के दौरान किसान लोहंडीगुड़ा की तरह जमीन वापसी की मांग करेंगे।
किसान नेता ने बताया कि चार साल पहले ग्राम पंचायत भनेशर में होराइजन कोल बेनिफिकेशन कम्पनी की जनसुनवाई हुई। जनसुनवाई के दौरान कम्पनी ने वादा किया था कि स्थानीय लोगों को रोजगार दिया जाएगा। लेकिन आज तक किसी ग्रामीण को रोजगार नहीं दिया गया है। बल्कि बाहरी लोगो को बुलाकर स्थानीय लोगों के रोजगार को छीना जा रहा है। इस बात को लेकर जमीन देने वाले किसानों में गहरा आक्रोश है। विरोध करने पर प्रभावित किसानों के आवाज को दबाया जा रहा है।
 
होरोजाइन कोलवाशरी की शिकायत
धीरेन्द्र ने कहा कि होरोइजन कोल बेनिफिकेशन जनसुनवाई के दौरान कई लोगों ने कम्पनी खोले जाने का विरोध भी किया। लेकिन पर्यावरण विभाग ने विरोध को खारिज कर दिया। कोलवाशरी खोलने के  बनाए गए डंपिंग यार्ड से उठने वाले प्रदूषण से स्थानीय लोग परेशान हैं। कोल वाशरी घनी आबादी के बीच मे है ।भनेशर , जयरामनगर ,पाराघाट, खैरा ,खुडूभाठा, देवगांव ,बेलटुकरी ,कछार तक के गाँव के किसान कोयले से हो रहे बंजर होती जमीन को लेकर बहुत चिंतित हैं।
धीरेन्द्र ने बताया कि एक तरफ राशि कंपनी का प्रदूषण और मात्र 500 मीटर दूर कोलवाशरी के चलते लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। जबकि मात्र साढ़े तीन किलोमीटर की दूरी पर राष्ट्रीय मगरमच्छ पार्क कोटमीसोनार स्थित है। 200 मीटर में संत जोशेफ मिशन हाईस्कूल और 700 मीटर की दूरी पर जयरामनगर हाईस्कूल है। मतलब इंसान ही नहीं बल्कि जीव जन्तुओं की हालत बहुत बुरा है।
पीएमजीएसवाय सड़क की दुर्दशा
पर्यावरण और जिला प्रशासन ने आंख मूंदकर जनसुनवाई करा दिया। इसके बाद किसी ने लोगों की परेशानियों को समझने का प्रयास नहीं किया। धीरेन्द्र ने बाताय कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क मुख्य उद्देश्य  ग्रामीण यातायात उपलब्ध कराना है।  बारहमासी सड़क से गावों की मुख्यमार्ग से जोड़ना है। लेकिन जिला प्रशासन ने बिना जांच पड़ताल कोलवाशरी को हरी झण्डी दिखा गया। जबकि नियमानुसार कोलवाशरी खोले जाने के पहले सड़क की स्थिति के बारे में पता लगाया जाना जरूरी है। लेकिन जिला प्रशासन ने ऐसा कुछ भी नहीं किया। नतीजन हल्के वाहनों के लिए गांव को मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिए बनाई गयी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क की हालत बद से बदतल हो गयी है।
यद्यपि छत्तीसगढ़ ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण विभाग ने कंपनियों को नोटिस भी दिया है। बावजूद इसके राशि स्टील पावर कंपनी और होराइजन कोल वाशरी के ओवर लोडेड गाड़ियां धड़ल्ले से दौड़ रही है।  इसलिए होराइजन कोलवाशरी की अनुमति रद्द करने के साथ ही वसुंधरा कंपनीको बेची गयी जमीन को किसानों को लौटाए जाने को लेकर मुख्यमंत्री से भेंट मुलाकात के दौरान किसान अपनी बातों को रखेंगे।
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