बिलासपुर—-भाजपा नेता और प्रदेश के पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने सरकार पर युवाओं को झांसा देने का आरोप लगा है। प्रेस नोट जारी कर अमर ने कहा कि कांग्रेस सरकार के 5 साल में किए गए कार्यों के बारे में बताएं। साथ ही भाजपा शासनकाल के बारे में बिना सिर पर के आरोप लगाना बन्द करें। जिसका जनता जनार्दन से कोई सरोकार नहीं है।
पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल के कार्यालय से प्रेस नोट जारी कर भाजपा नेता ने कहा कि आनन फानन में राज्य चुनाव जीतने के लिए अनाप शनाप फैसले ले रही है। पांच सालों तक युवा हितों पर कुठाराघात करने वाली सरकार रोजगार नहीं दे पा रही थी। कोरोना काल और वित्तीय प्रबंधन के हवाले से सरकारी सेवा में भर्ती हुए युवाओं को आकर्षक वेतन देने की बजाय स्टाइंफण्ड वेतन दिया जा रहा था। परिवीक्षा अवधि को बढ़ा कर अकारण 2 से 3 वर्ष कर दिया। सरकारी सेवा में चयन के बाद वेतन कटौती और परिवीक्षा अवधि बढ़ाने की सजा युवाओं के लिए देश के किसी अन्य राज्य में नहीं है। 3 वर्षों तक नये भर्ती हुए शासकिय सेवकों के वेतन में क्रमशः तीस, बीस, एवं दस प्रतिशत की कटौती के विरोध में युवा संगठनों ने कई बार आवाज उठाई। हमने समय समय पर मुख्यमंत्री जी एवं मुख्य सचिव छ.ग. शासन को चिट्ठी लिखकर युवाओं के विरूद्ध कुप्रथा बंद करने के लिए आगाह किया। बावजूद इसके राज्य सरकार अनदेखी करती रही।
अमर ने कहा कि ठीक चुनाव के समय सत्ता डगमगाते देख सरकार को होश आना शुरू हुआ है। लेकिन छ.ग. के युवा जानता है कि चुनावों के समय स्वाभाविक रूप से भर्ती प्रक्रिया बाधित रहती है। मुख्यमंत्री के झांसे को प्रदेश के युवा और भोली भाली जनता अच्छी तरह से जानती है। पांच वर्षों तक युवा हितों की अनदेखी करने वाली सरकार का स्टाईफन वेतन बंद करने की घोषणा केवल लॉलीपॉप है। सरकार को चाहिए था सफलतापूर्वक पास किये नये भर्ती युवाओं को उनके कटौती की राशि एरियर के रूप में ब्याज सहित दी जाए। परिवीक्षा अवधि को अन्य राज्यों की तरह दो साल रखने का फौरी ऐलान किया जाये। युवाओं के साथ ऐसा अन्याय देश के किसी भी राज्य में नहीं किया जा रहा हैं।
प्रेस नोट में अमर अग्रवाल ने स्टाइपेंड वेतन बंद किये जाने के निर्णय को नाकाफी बताते हुए ट्वीट कर मुख्यमंत्री की घोषणा को चुनावी झांसा करार दिया है।