रायपुर।राज्य शासन द्वारा 16 अगस्त को दुर्ग जिले के धमधा विकासखंड के ग्राम राजपुर की शगुन गौशाला और 18 अगस्त को बेमेतरा जिले के साजा विकासखंड के ग्राम गोडमर्रा की फूलचंद गौशाला एवं ग्राम रानो की मयूरी गौशाला में पशुओं की आकस्मिक मृत्यु को गंभीरता से लेते हुए इस पूरे मामले की जांच के लिए एकल सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया गया है। पूर्व प्रमुख सचिव विधि एवं सेवानिवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश ए.के. सामंत रे इस मामले की जांच करेंगे। जांच आयोग तीन माह के भीतर रिपोर्ट राज्य शासन को सौंपेगा।न्यायायिक जांच के बिन्दु मे, कितने पशुओं की मृत्यु किन कारणों से हुई ?क्या उक्त घटना घटित होने से रोकी जा सकती थी ? घटना के लिए कौन-कौन उत्तरदायी हैं ?घटना की पुनरावृत्ति न हो इस उद्देश्य से गौशालाओं के समुचित प्रबंधन हेतु क्या-क्या सुधार किए जाएं ? गौशाला पंजीयन एवं अनुदान तथा पर्यवेक्षण की व्यवस्था को और प्रभावी बनाने के लिए और क्या-क्या सुधार किए जाएं ?गौशालाओं के प्रबंधन को अनवरत रूप से व्यवस्थित रखने के लिए विधि के प्रावधानों को किस प्रकार प्रभावी बनाया जाए? जांच के दौरान अन्य लोक महत्व के बिन्दु जिनकी जांच करना आयोग आवश्यक समझे।
छत्तीसगढ़:गौशालाओं में पशुओं की आकस्मिक मृत्यु की न्यायिक जांच के आदेश

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