निर्माणाधीन कैंसर अस्पताल को 32 करोड़ का भुगतान..स्वास्थ्य मंत्री ने लगाया मुहर…बताया…राज्य शासन ने दिया अपना हिस्सा

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— राज्य शासन ने कोनी स्थित कैंसर अस्पताल के निर्माण कार्यों को लेकर अपने हिस्से का भुगतान किया है। मामले में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बताया कि गुरूवार दोपहर को 32 करोड़ 31 लाख की प्रशासनिक स्वीकृत पर मुहर लगा दिया गया है।  उन्होने बताया..यह सच है कि कैंसर अस्पताल का निर्माण कार्य मार्च में पूरा हो जाना चाहिए था। लेकिन किन्ही कारणों से देरी हुई है। लेकिन राज्य शासन ने 32 करोड़ 31 लाख रूपओं की प्रशासनिक स्वीकृतक अपने हिस्से की राशि का भुगतान कर दिया है। साथ ही विभाग को निर्देश भी दिया गया है कि कैंसर अस्पताल के निर्माण कार्यों में तेजी लाए। जिससे ना केवल बिलासपुर बल्कि आस पास और अन्य राज्यों से दूर दराज शहरों में कैंसर के इलाज को लेकर भटकने वालों को परेशानियों से छुटकारा मिले।

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जानकारी देते चलें कि 21 नवम्बर 2022 को कोनी स्थिति निर्माणाधीन मल्टीसुपर स्पेशलिटी के पास राज्य और केन्द्र सरकार के सहयोग से कैंसर रिसर्च सेन्टर और अस्पताल निर्माण को लेकर भूमिपूजन किया गया। कार्यक्रम में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव  समेत दिग्गज नेताओं के अलावा स्वास्थ्य विभाग की मुख्य सचिव मनिन्दर ने भी शिरकत किया।

पत्रकारों से बातचीत के दौरान तत्कालीन समय प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बताया कि राज्य और केन्द्र सरकार के सहयोग से बनने वाले कैंसर अस्पताल में कुल 112 करोड़ रूपयों से अधिक खर्च होगा। खर्च में 60 प्रतिशत अंश केन्द्र और 40 प्रतिशत राशि का भुगतान राज्य सरकार करेगी।

गुरूवार को प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बताया कि राज्य सरकार ने गुरुवार राज्य शासन की तरफ से अपने हिस्से भुगतान कर दिया है। गुरूवार को 32 करोड़ 31 रूपयों की प्रशासनिक स्वीकृत पर मुहर लगा दिया गया। टीएस ने बताया कि निश्चित रूप से कैंसर अस्पताल निर्माम कार्यों कई वजहों से देरी हुई है। लेकिन अब देरी का सवाल ही नही होगा। प्रशासन को कैंसर अस्पताल के निर्माम कार्यों में तेजी लाने का आदेश दिया गया है। उम्मीद है बहुत जल्द ही सेवाएं भी शुरू हो जाएंगी।

स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने बताया कि बिलासपुर में कैंसर अस्पताल बन जाने के बाद आम जनता को परेशानियों से छुटकारा मिलेगा। अभी तक लोगों को इलाज के लिए मुम्बई,दिल्ली,हैदराबाद,अहमदाबाद समेत अन्य दूर दराज शहर जाना पड़ता है। लेकिन अस्पताल बन जाने के बाद ना केवल दूरी की समस्याएं खत्म होगी। बल्कि आर्थिक रूप से परेशानियों का भी मरीजों और उनके परिजनों को सामना नहीं करना पड़ेगा। 

प्रदेश के इस महत्वपूर्ण अस्पताल का फायदा ना केवल छत्तीसगढ़ बल्कि सीमावर्ती प्रदेश के जिलों को भी होगा।

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