जशपुर:-। संसदीय सचिव एवं विधायक यू.डी. मिंज ने 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर जनता से अपील की है कि वे जशपुर क़े पर्यावरण को समृद्ध करने अपने आस पास अधिक से अधिक पौधे लगाएं और उसकी सुरक्षा क़े लिए कदम आगे बढ़ाएं. उन्होंने अपने विधानसभा अंतर्गत तीनो जनपद दुलदुला, कुनकुरी, फरसाबहार की जनता मतदाताओं क़े साथ जिले भर क़े लोगों को पौधे लगाने में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाने में सक्रिय भूमिका निभाने को कहा है
संसदीय सचिव एवं विधायक यू.डी. मिंज ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन, अतिवृष्टि,अनावृष्टि , ओलों की बारिश आदि समस्या से छुटकारा पाने सभी वर्गों पौधरोपण करें. जिला स्तर ब्लॉक स्तर पर आयोजित कार्यक्रम में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले.ग्राम पंचायत, विद्यालय स्तर एवं अन्य विभागीय स्तर पर पौधे लगाने उनकी देखरेख करते हुए उन्हें पेड़ बनाने तक की जिम्मेदारी व्यक्तिगत रूप से उठाना होगा.
सामुदायिक वानिकी अपनाएं
विधायक यू. डी. मिंज ने कहा कि ग्रामीणों को वनों के संरक्षण करने क़े लिए भी आगे आना होगा.जशपुर के बदलते जलवायु एवं पर्यावरण की रक्षा की पूरी जिम्मेदारी ग्रामीणों पर है. जलाऊ लकड़ी क़े लिए खेतों के मेड़ों पर ऐसे पौधे लगाएं जो आपको जंगल जाने से रोके साथ ही मेड़ो एवं खाली जमीन पर फलदार वृक्ष लगाना चाहिए. जशपुर के बदलते जलवायु पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि हमारा जशपुर पहले ऐसा नही था पूर्व में घना वन होता था यहां अकेले लोग दिन में भी निकलने से कतराते थे मौसम शिमला की तरह होता था वनों की अंधाधुंध कटाई की वजह से हम गर्म जिलों की श्रेणी में आ गए हैं और अब प्राथमिकता के साथ हमें अपने आस पास वनों को बसाकर फिर से जशपुर में हरियाली लानी होगी इसके लिए सभी को प्रयास करने होंगे !
उन्होंने कहा कि
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के वनों के प्रति प्रेम तथा उनके द्वारा शुरू की गई योजना पर उन्होंने कहा मुख्यमंत्री जी का प्रयास अतुलनीय है कोरोनाकाल में ऑक्सीजन की कमी से जूझते प्रदेश की जनता की व्यथा दूर करने, कृषकों को अतिरिक्त आय देने तथा आम जनता के लिए आय के अवसर खोलने उनका यह प्रयास सराहनीय है. वनों से आच्छादित प्रदेश हो यह सपना वास्तव में हमें नई ऊंचाइयों की ओर लेकर जाएगा, चूंकि जशपुर अन्य जिलों की अपेक्षा कम गर्मी वाला जिला है इसलिए यहां चाय कॉफ़ी, कहुआ, स्ट्राबेरी, अनानास, नासपाती, सेब, अंगूर, केले, नारियल, सुपारी, काजू, के अलावा मिर्च, सरई, सरसों , जटँगी , उरद , टाउ, आदि की फसलें बहुतायत होती है/हो सकती है इसलिए वृक्षारोपण आवश्यक है मुख्यमंत्री जी के द्वारा किया गया यह प्रयास जिले के वन संपदा को बढ़ाने बल मिलेगा !
उन्होंने विगत वर्ष हुए पौधरोपण कार्यक्रम में जीवित रहे पौधों के लिए वन विभाग को धन्यवाद दिया है और कहा है वह विभाग इस बार फिर से पौधों को सहेजने उचित देखभाल करेगी ऐसा विश्वास है.
उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष 05 जून को हम सभी मिलजुल कर पौधरोपण करते आये हैं पौधरोपण के इस कार्य को सिर्फ 05 जून को ही नही मनाएं बल्कि इसे जीवन भर मनाएं पौधरोपण करें और करवाएं क्योंकि जल है तभी कल होगा , हम होंगे आप होंगे उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि अब हर महीने अपनी क्षमता और उसकी सुरक्षा के आधार पर पौधे लगाने हम सभी को प्रण करना चाहिए !