बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरुवार को वर्चुअल मीटिंग के जरिए प्रदेश के प्रमुख औद्योगिक संगठनों के पदाधिकारियों से बातचीत की। इस मौके पर छत्तीसगढ़ लघु एवं सहायक उद्योग संघ के अध्यक्ष हरीश केडिया ने पुरजोर तरीके से मांग रखी कि 6 मई के बाद लॉकडाउन को और आगे नहीं बढ़ाया जाना चाहिए। क्योंकि ऐसा होने पर मजदूर बेरोजगार होंगे , व्यवसाय चौपट हो जाएगा और टैक्स के साथ ही राजस्व कमी आने से प्रदेश की अर्थव्यवस्था भी चरमरा जाएगी।
वर्चुअल मीटिंग में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस बात को लेकर सराहना की कि उद्योगों की ओर से अपनी फैक्ट्री को बंद करके भी कोरोना मरीजों के लिए ऑक्सीजन सप्लाई किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि उद्योगों में चल रहे संकट की उन्हें जानकारी है और आने वाले समय में उद्योग बढ़िया तरीके से चलें, इसके लिए पूरा प्रयास रहेगा। वर्चुअल मीटिंग में छत्तीसगढ़ लघु एवं सहायक उद्योग संघ के अध्यक्ष हरीश केडिया ने कहा कि कोरोना संकट की इस घड़ी में मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व के कारण छत्तीसगढ़ में संकट कम गहराया है। श्री केडिया ने मुख्यमंत्री से पुरजोर शब्दों में मांग की कि 6 मई के बाद लॉकडाुन को और आगे नहीं बढ़ाना चाहिए। अन्यथा श्रमिक बेरोजगार होंगे व्यवसाय चौपट हो जाएगा और टैक्स के साथ ही राजस्व कमी आने से राज्य की अर्थव्यवस्था भी चरमरा जाएगी।
हरीश केडिया ने आगे कहा कि बिलासपुर जिले के लघु उद्योगों में लगभग 6000 मजदूर श्रमिक कार्यरत हैं। लेकिन फैक्ट्री परिसर में रहकर ही कार्य करने की शर्त के कारण करीब आधे यानी 3,000 मजदूर ही काम कर रहे हैं। इससे करीब 1000 मजदूर 45 वर्ष से अधिक हैं। उद्योगपतियों ने सघन अभियान चलाकर 45 साल से ऊपर के शत-प्रतिशत मजदूरों को वैक्सीन लगवा दिया है।। जगह- जगह पर कैंप लगाकर , मोबाइल वैन चला कर सरकार ने जो टीकाकरण अभियान चलाया है ,उसके कारण भी उद्योगपतियों के टीकाकरण अभियान को सफलता मिली है।
श्री केडिया ने मुख्यमंत्री का ध्यान इस ओर भी आकर्षित किया कि 1 वर्ष से अधिक समय से लघु उद्योग गंभीर गंभीर संकट में है। कच्चा माल आ नहीं रहा है। सीमेंट, स्टील , प्लास्टिक जैसे कच्चा माल का दाम 50% से ज्यादा बढ़ गया है। किंतु उत्पादित वस्तु का दाम बढ़ नहीं पा रहा है। बेचने की भी समस्या है। ट्रांसपोर्ट की जबरदस्त समस्या है। एडवांस पर पेमेंट देकर अपना कच्चा माल लेते हैं। लेकिन हमें भुगतान नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने बताया कि उद्यमियों को बैंकों की किस्त, सरकारी टैक्स ,श्रमिकों का भुगतान कैसे होगा इसकी बड़ी चिंता है। इस वर्चुअल मीटिंग में मुख्यमंत्री के साथ ही उद्योग मंत्री कवासी लखमा ,अतिरिक्त मुख्य सचिव सुब्रत साहू ,प्रमुख सचिव उद्योग एवं वाणिज्य मनोज कुमार पिंगुआ के अलावा विभिन्न औद्योगिक संगठन के पदाधिकारियों ने भी अपनी बातें रखी।।