हो जाएगा 85 रूपए लीटर पेट्रोल..अमर ने कहा ..सरकार शिगुफाबाजी छोड़े..वेट दरों में करे कटौती

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—– भाजपा के वरिष्ठ नेता  पूर्व मंत्री  अमर अग्रवाल ने प्रेस  नोट जारी कर प्रदेश की भूपेश सरकार से पेट्रोल डीजल पर वेट कम किए जाने की मांग की है। पूर्व मंत्री ने राज्य सरकार पर बहानेबाजी का भी आरोप लगाया है। उन्होने कहा कि वेट कम नही कर राज्य सरकार जनता के हित के साथ खिलवाड़ कर रही है। 

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             भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि  केन्द्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी कम कर जनता को बड़ी राहत दी है। अन्य राज्यो की तरह भूपेश सरकार को भी नैतिक जिम्मेदारी के साथ वेट कम करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने भी आग्रह किया है कि जनहित में पेट्रोल डीजल पर वैट कम किया जाए। लेकिन अन्य राज्यों की तरह राज्य छत्तीसगढ़ सरकार ने अभी तक वेट कम नहीं किया है। जिसके चलते जनता को महंगाई से राहत नहीं मिलते दिखाई दे रही है।

                अमर ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की दरों में कमी को लेकर राज्य की सरकार केवल राजनीतिक बहानेबाजी में लगी है। छत्तीसगढ़ की जनता जानना चाहती है कि सरकार की जनता के हित में लिए गए निर्णय, योजनाओं और नीतियों के लाभ से राज्य सरकार  क्यो वंचित कर रही है। जब बढ़े हुए दाम जनता चुकाती है तो सस्ती हुई सेवाओ का लाभ भी जनता को मिलना चाहिए। राजनीतिक कारणों से प्रदेश की जनता के साथ दोहरा व्यवहार भूपेश बघेल की सरकार को बंद करना चाहिए।

केन्द्र विरोधी छत्तीसगढ़ सरकार

          अमर ने बताया कि दरअसल छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल का एजेंडा शुरू से केंद्र विरोधी रहा है। 2009 में मनमोहन सरकार की एक्साइज की दर तक केंद्र सरकार को कर में छूट देनी चाहिए। मुख्यमंत्री का बयान बिल्कुल तर्कहीन है। एक तरफ तो वे 2 वर्ष पूर्व स्थिति में वेट कर को कम नहीं करना चाहते। दूसरी ओर 12 साल पूर्व की स्थिति में एक्साइज में छूट चाहते हैं। छत्तीसगढ़ में इस समय पेट्रोल पर स्टेट टैक्स यानी वैट के रूप में 25 प्रतिशत प्लस 2 रुपए और डीजल पर 25 प्रतिशत प्लस 1 रुपए प्रति लीटर लिया जा रहा है। राज्य सरकार केंद्र की तरह निर्णय लेते हुए 100 रुपए लीटर की जगह 85 रुपए लीटर पेट्रोल और 75. 80 रुपए लीटर डीजल छत्तीसगढ़ की जनता को उपलब्ध कराया जा सकता है।

खाद्य तेल होंगे सस्ता

                   पूर्व मंत्री के अनुसार केन्द्र सरकार ने पिछले दिनों अन्य उपाय करते हुए पाम आयल, सोयाबीन और सूरजमुखी पर आधार शुल्क समाप्त करने की घोषणा की है। खाद्य तेलों में कमी के लिए कृषि उपकर भी घटाया है। पेट्रोल और डीजल पर की गई कटौती से विभिन्न वर्गों को सीधा लाभ मिलेगा। 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में भी वैट में कमी कर लोगों को राहत दी है। दोनों मिलाकर देखें तो डीजल की कीमतों में लगभग 20 रूपए की कमी, पेट्रोल में लगभग 13 रूपए कमी का लाभ उपभोक्ताओं को मिलने वाला है।

दामों पर लगेगा अंकुश

             केंद्र सरकार के उठाए गए कदमों से खाद्य तेलों में 5 से 20 रुपयों प्रति किलो की कमी आयी है। आने वाले दिनों में अनुमान लगाया जा रहा है कि सरसों के वायदा कारोबार पर रोक लगाने से तेल के दाम में भी कमी आएगी।  कीमतों में कमी का लाभ आम उपभोक्ताओं तक पहुंचेगा । बचत बढ़ेगी और मांग में वृद्धि भी  होगी। तरलता बढ़ेगी, मुद्रास्फीति से संबंधित उपभोक्ता धारणा में परिवर्तन आएगा। कीमतों में कटौती का लाभ उद्योग जगत के साथ किसानों को होगा। जिसके सकारात्मक प्रभाव से परिवहन लागत में कमी आएगी। रोजमर्रा चीजों में बढ़ते दामों पर अंकुश लग सकेगा।

65 करोड़ की राजस्व हानि

           अमर ने कहा कि केवल एक्साइज कटौती से केंद्र सरकार को राजस्व हानि 50 से 65 हजार करोड़ अनुमानित हैं।  लेकिन इकोनॉमी की बढ़ी रफ्तार राजस्व के स्रोतों में वृद्धि कर राजस्व हानि को वहनीय बनाया जा रहा है। इस प्रकार ईंधन की कीमतों में प्रति लीटर कमी के साथ खाद्य तेलों में आयात शुल्क प्रतिस्थापन और शुल्कों में की गई कमी का सीधा असर घरेलू बजट के साथ अर्थव्यवस्था की रफ्तार में पड़ेगाए। लेकिन छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार की नीयत जनता को राहत देने वाली नही है। वैट में छूट की बजाय केंद्र की आलोचना का राग अलापने में मगन है। पिछले ढाई साल से छत्तीसगढ़ की जनता को भ्रमित करने का कार्य किया गया है। राज्य मंत्रिमंडल में संवाद हीनता, मतभेद और सत्ता संघर्ष से विकास कार्यो से सरकार का कोई सरोकार नही है। इसलिए राज्य की जनता को पेट्रोल में छूट का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

टीएस का प्रस्ताव,,सीएम चुप

             वाणिज्यकर मंत्री टी एस सिंह देव वेट में कटौती के लिए प्रस्ताव भेजे जाने की बात करते हैं। लेकिन दूसरी ओर उनके प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री से कोई विचार नही होता है। इस बात को जनता समझ रही है। आज भी जब अपने हिस्से का वेट टैक्स अन्य राज्यों की तरह कम करके जनता को ईंधन जनित महंगाई में राहत देना चाहिए तो भूपेश बघेल केंद्र सरकार की नुक्ताचीनी में लगे हुए हैं। इससे साबित हो गया है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री केवल अपनी कुर्सी बचाने में लगे हैं।

लालीपॉप कह रहे..वेट में करें कमी

              प्रेस नोट में अग्रवाल ने बताया कि एक तरफ भूपेश बघेल पेट्रोल और डीजल की दरों में कटौती को लॉलीपॉप कहते हैं।  दूसरी तरफ से खुद वैट में कटौती करने को तैयार नहीं है। बल्कि आने वाले चुनाव का धान के समर्थन मूल्य 2800 रुपए क्विटल का शिगूफा छोड़ रहे हैं। डीजीपी की बदली पर मुख्यमंत्री का बयान आया है कि प्रशासनिक व्यवस्था की दृष्टिकोण से बदलाव किया गया है । इससे जाहिर होता है कि 3 वर्षों से प्रशासनिक अव्यवस्था के लिए केवल राज्य सरकार जिम्मेदार है।

सीएम का विरोधाभारी बयान

   अमर ने बताया कि भूपेश बघेल की सरकार विरोधभासो वाली है। केंद्र को उलाहना देना  संवैधानिक ढांचे पर अविश्वास जताना और अपनी अकर्मण्यता और खोखले वादों की नाकामी को केंद्र सरकार के माथे डालना ही काम है।

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