लापरवाही ठीक नहीं..वैक्सीन आने तक रहना होगा सचेत..माइक्रो लाकडाउन की जरूरत को..महसूस कर रहे लोग

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर… समय जैसे जैसे बीत रहा है…कोरोना मरीजो की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। चिंता की बात है कि इन दिनों जो भी नए मरीज सामने आ रहे है। उनमें कुछ ही मरीजो में कोविड के लक्षण दिखाई दे रहे है। यानि कोविड संक्रमित होने के बाद भी मरीजों में कोरोना के लक्षण नही दिख रहे हैं। यही जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग गंभीर नहीं है। निश्चित रूप से अंजाने में ही सही कोरोना का प्रसार बेतहासा हो रहा है। आकड़ो की माने तो शनिवार को जिले में पाए गए 190 संक्रमित मरीजो में से केवल 12 प्रतिशत मरीजो में कोरोना के लक्षण पाए गए है। बाकि मरीजो में कोविड के कोई भी लक्षण नजर नहीं आए हैं।
 
            ने वाले त्योहारों के सीजन को देखते हुए बाजारों में भीड़ बढ़ गयी है। अधिकांश जगहों पर बिना मास्क पहने लोग दिखाई दे रहे हैं। लापरवाही के चलते कोरोना का खतरा बढ़ गया है ।जिले में संक्रमित मरीजों की संख्या 11,000 पार होने वाली है। पॉजिटिव मरीजो में एकबार फिर जिले के मेडिकल स्टाफ,डॉक्टर, पुलिसकर्मी,रेलकर्मी,एनटीपीसी कर्मी,हाईकोर्ट कर्मचारी,निजी हॉस्पिटल के मरीज और स्टाफ समेत अन्य नामी गिरामी लोग कोविड के चपेट में आए है।
 
                लाकडाउन हटने के बाद एक फिर लोग धीरे-धीरे लोगों की  लापरवाही सामने आने लगी है। ऐसे में जिला प्रशासन को मामले में गंभीरता के साथ कदम उठाना होगा। वैक्सीन आने तक लोगों की जान माल की सुरक्षा के लिए जागरूकता अभियान चलाना जरूरी हो गया है। पिछले माह अंत में 8 दिनों का लॉकडाउन लगाया गया था। इसके बाद कोरोना मामले काफी नियंत्रण देखने को मिला। लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक बार फिर 8 दिन का माइक्रो लॉकडाऊन की लोग जरूरत महसूस कर रहे हैं। 
 
             जानकारी देते चलें कि भारत सरकार ने केरल राजस्थान छत्तीसगढ़ समेत छह राज्यों में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर केंद्रीय दल का गठन किया है। दल इन राज्यों में कोरोना के बढ़ते हुए बादलों पर विशेष रूप से निगरानी कर राज्य सरकारों के साथ महामारी उन्मूलन में  योगदान देगी। लेकिन प्रशासनिक अमले की अपनी सीमा है।  लोगों को स्वयं और परिवार की रक्षा के लिए जागरूक प्रयास करने पड़ेंगे।
 
           देखने में आया है कि कोरोना टेस्ट के नाम पर लोग सहभागिता नही कर रहे हैं। इस बात को एक बार फिर गंभीरता से लेने की जरूरत है। प्रशासन के साथ नागरिकों को भी लगातार पूरी सचेतना सतर्कता के साथ कोरोना वैक्सीन के आने तक जागरूक रहना होगा।  जीवन की गतिविधियों में भागीदारी करनी पड़ेगी।  इन सबके बीच परिस्थितियों को देखते हुए माइक्रो लॉकडाउन भी बड़ा कारगर उपाय होगा।इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है।

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