अपोलो मे सेमीनारःगंभीर बीमारियों के इलाज में फिजियो थेरेपी की भूमिका अहम्

apollo_dec_last_indexबिलासपुर।फिजियोथैरेपी भौतिक चिकित्सा का आधुनिक चिकित्सा जगत में एक विशेष योगदान रहा है। इसके महत्व को देखते हुए अपोलो हास्पिटल बिलासपुर द्वारा फिजियोथेरेपी एवं पुर्नवास विषय पर राज्य स्तर के सेमीनार का आयोजन रविवार  को किया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रेल्वे के मुख्य चिकित्सा निदेशक डाॅं सी.एन.पीपरीकर, अतिथि डाॅं संगीता पी.टी इन्चार्ज प्रिंसिपल अपोलो फिजियोथैरेपी काॅलेज दुर्ग थे  एवं अध्यक्षता मेडिकल सुुपरिन्टेन्डेन्ट अपोलो हास्पिटल बिलासपुर डाॅं पी.के.पांडा ने की। इस अवसर पर अपोलो हास्पिटल बिलासपुर के वरिष्ठ चिकित्सकगण प्रमुख वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। इस कड़ी में वरिष्ट न्यूरो सर्जन डाॅं सुनील शर्मा ने माॅंसपेशियों में आई कमजोरी की वजह से हुई शारीरिक अक्षमता के इलाज एवं पुर्नर्वास में फिजियोथैरेपी के योगदान को काफी महत्वपूर्ण बताया।

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वरिष्ट चिकित्सक एवं आई.सी.यू विभाग के प्रमुख डाॅं.मनोज राय ने हाॅस्पिटल की गहन चिकित्सा ईकाई में भर्ती गंभीर मरीजों के पुर्नवास के दौरान फिजियोथेरेपी के योगदान पर  प्रकाश डाला । उन्होने बताया कि जो गंभीर मरीजों के जीवन की रक्षा के लिये कृत्रिम श्वसन का सहारा लिया जाता है। जिसे आम बोलचाल की भाषा में वेंटिलेटर कहा जाता है। इन मरीजों के वापस प्राकिृतिक श्वसन पुर्नवास की प्रक्रिया में फिजियोथेरेपी एक महत्वपुर्ण भूमिका अदा करता है। नियमित रूप से की जाने वाली श्वसन संबंधी क्रियायें ना सिर्फ फेफड़ों को बल प्रदान करती है वरन जीवनदायनी सिद्ध होती है।

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वरिष्ठ जोड़ प्रत्यारोपण एवं हडडी रोग विशेषज्ञ डाॅं गौरी शंकर असाटी ने घुटने एवं कुल्हों के प्रत्यारोपण होने पर मरीज के पुर्नर्वास में नियमित फिजियोथैरेपी को एक अभिन्न अंग माना है। उन्होनें बताया की जिस प्रकार एक जटिल शल्य चिकित्सा की सफलता के लिये एक कुशल सर्जन आवश्यक होता है।  ठीक उसी प्रकार उस कुशल सर्जन की सफलता एक कुशल फिजियोथैरेपिस्ट पर भी निर्भर करती हैं। वरिष्ठ स्पाईन एवं हड्डी रोग विशेषज्ञ डाॅं आशीष जायसवाल ने बताया की कमर का दर्द इन दिनों न सिर्फ एक आयु वर्ग के लोगों में वरन सभी आयु वर्ग में सामान्य हो गया है। अधिकांश मरीजो में नियमित फिजियोथैरेपी से कमर के दर्द में विशेष लाभ प्राप्त होता है। किन्तु ऐसा विशेषज्ञ की सलाह के उपरांत ही किया जाना चाहिये। फिजियोथैरेपी विभाग के प्रमुख डाॅ विक्रम कुमार ने कोहनी की चोट एवं फिजियोथैरेपी विषय पर प्रकाश डाला।

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