OPS Vs NPS: केंद्रीय कर्मियों को नहीं चाहिए ‘एनपीएस’, पुरानी पेंशन बहाली के लिए मैदान में उतरे कर्मचारी संगठन

Shri Mi
6 Min Read

‘स्टाफ साइड’ की राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कैबिनेट सेक्रेटरी को इसी सप्ताह एक पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों, जिनमें केंद्रीय अर्धसैनिक बल भी शामिल हैं, उन्होंने नेशनल पेंशन स्कीम ‘एनपीएस’ का विरोध किया है। इनकी मांग है कि एनपीएस खत्म कर पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल की जाए। एक जनवरी 2004 से सरकारी सेवा में आए कर्मियों को पुरानी पेंशन व्यवस्था से बाहर कर उन्हें एनपीएस में शामिल कर दिया गया। मिश्रा ने अपने पत्र में कहा है कि एनपीएस स्कीम में शामिल हुए, जो कर्मी आज 18 साल बाद रिटायर हो रहे हैं, उन्हें क्या मिला है। एक कर्मी को एनपीएस में 2417 रुपये मासिक पेंशन मिली है, दूसरे को 2506 रुपये और तीसरे कर्मी को 4900 रुपये पेंशन मिली है।

Join Our WhatsApp Group Join Now

महंगाई राहत का भी कोई प्रावधान नहीं

शिव गोपाल मिश्रा के मुताबिक, अगर यही कर्मचारी पुरानी पेंशन व्यवस्था के दायरे में होते, तो उन्हें प्रतिमाह क्रमश: 15250 रुपये, 17150 रुपये और 28450 रुपये मिलते। एनपीएस में कर्मियों द्वारा हर माह अपने वेतन का दस फीसदी शेयर डालने के बाद भी उन्हें रिटायरमेंट पर मामूली सी पेंशन मिलती है। इसमें पुरानी पेंशन व्यवस्था की तरह महंगाई राहत का भी कोई प्रावधान नहीं है। जो कर्मचारी पुरानी पेंशन व्यवस्था के दायरे में आते हैं, उन्हें महंगाई राहत के तौर पर आर्थिक फायदा मिलता है। श्रीकुमार कहते हैं, केंद्र सरकार के सभी विभागों में एनपीएस को लेकर भारी रोष व्याप्त है। कर्मियों को इससे भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है। उनकी सामाजिक सुरक्षा की गारंटी भी नहीं रही। रिटायरमेंट के बाद सरकारी कर्मियों को जानबूझकर कष्टों में धकेला जा रहा है।

आर्थिक फायदा कम, नुकसान ज्यादा

एनपीएस को लागू हुए 18 साल हो चुके हैं। इस योजना में शामिल कोई कर्मचारी रिटायर होता है, तो उसे महज तीन-चार हजार रुपये पेंशन मिलती है। पुरानी पेंशन व्यवस्था में रिटायरमेंट के बाद कर्मी को पेंशन के तौर पर उसकी बेसिक वेतन का 50 फीसदी मिलता था। दूसरे लाभ भी रहते थे। एनपीएस में ये सब नहीं है। पुरानी पेंशन व्यवस्था में 40 फीसदी एडवांस ले सकते हैं। इसके 15 साल बाद 40 फीसदी पेंशन वापस मिलती है। एनपीएस तो मार्केट आधारित व्यवस्था है। इसमें आर्थिक फायदा कम, जबकि नुकसान ज्यादा होता है, क्योंकि बाजार में सदैव जोखिम की गुंजाइश बनी रहती है।

ओपीएस, अब कई राज्य कर रहे लागू

पुरानी पेंशन व्यवस्था में यह प्रावधान है कि रिटायरमेंट वाले कर्मी की आयु 80 साल के पार होती है, तो उसकी पेंशन में बीस फीसदी का इजाफा हो जाता है। अगर कोई 100 वर्ष तक जीवित रहता है, तो उसे बेसिक पे जितनी पेंशन मिलती है। कुछ समय पहले संसदीय समिति ने यह सिफारिश की है कि 65 वर्ष की आयु तक पेंशन में पांच फीसदी की बढ़ोतरी की जाए। इसके बाद यदि पेंशनधारक 70 वर्ष की आयु पार कर लेता है, तो दोबारा से उसकी पेंशन में पांच फीसदी का इजाफा कर दिया जाए। 80 वर्ष के बाद पेंशन में बीस फीसदी बढ़ोतरी करने की बात कही गई है। ऐसा इसलिए किया गया कि बहुत से लोगों का जीवन काल 80 साल तक कम ही पहुंच पाता है। पश्चिम बंगाल सरकार ने अपने यहां एनपीएस को लागू ही नहीं किया। वहां पुरानी पेंशन व्यवस्था चल रही है। मिश्रा ने अपने पत्र में लिखा है कि अब झारखंड, छत्तीसगढ़, पंजाब व राजस्थान में एनपीएस वापस ले लिया गया है। अन्य राज्य सरकारें भी पुरानी पेंशन बहाली के लिए विचार कर रही हैं।

लोकसभा चुनाव में खामियाजा भुगतना होगा

केंद्र सरकार, कर्मियों की इस मांग पर गहराई से विचार करे। पुरानी पेंशन, केंद्रीय कर्मियों के लिए एक बड़ा मुद्दा है। ‘स्टाफ साइड’ की राष्ट्रीय परिषद ने कैबिनेट सचिव से मुलाकात के लिए समय मांगा है। इस बाबत 26 सितंबर को जंतर-मंतर पर असैनिक रक्षा कर्मियों ने प्रदर्शन किया था। कर्मियों का कहना था कि केंद्र सरकार अब पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू नहीं करती है तो उसे 2024 के लोकसभा चुनाव में खामियाजा भुगतना पड़ेगा। ‘स्टाफ साइड’ की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य (जेसीएम) एवं अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ ‘एआईडीईएफ’ के महासचिव श्रीकुमार का कहना है, केंद्र सरकार ने पुरानी पेंशन खत्म कर कर्मियों के साथ धोखा किया है। एनपीएस में अगर कोई कर्मी अपनी 25 साल की सेवा के बाद रिटायर होगा, तो उसे दो-चार हजार रुपये पेंशन मिलेगी। पुरानी पेंशन व्यवस्था में रिटायरमेंट होते ही कर्मचारी को उसकी अंतिम बेसिक सेलरी का 50 फीसदी मिलता था, जिसमें महंगाई राहत भी जुड़ती थी।

केंद्रीय कर्मियों ने दिया सरकार को ये विकल्प

भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ के महासचिव और रक्षा मंत्रालय की जेसीएम-2 लेवल काउंसिल के सदस्य मुकेश सिंह ने पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाली की मांग को लेकर प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने पीएम को कई सुझाव दिए थे। केंद्र सरकार अगर एनपीएस को खत्म नहीं करना चाहती, तो उसे कर्मियों को शर्तिया न्यूनतम पेंशन जो कि अंतिम वेतन का आधा हो, प्रदान करनी होगी। इतना ही नहीं, इसे महंगाई राहत भत्ते से जोड़ना होगा। अगर केंद्र सरकार जल्द ही ये मांग पूरा नहीं करती है, तो नवंबर में दिल्ली, केंद्रीय कर्मियों की दहाड़ सुनेगी। देशभर के लाखों केंद्रीय कर्मी, राष्ट्रीय राजधानी में हल्लाबोल करेंगे।

TAGGED:
By Shri Mi
Follow:
पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
close