नई दिल्ली/विभिन्न राज्यों में नियुक्त हुए उप-मुख्यमंत्रियों (Deputy CM) की नियुक्ति के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है।
याचिका में कहा गया है कि संबंधित राज्य सरकारों ने भारत के संविधान और आर्टिकल 164 के प्रावधानों की अनदेखी करते हुए विभिन्न राज्यों में उपमुख्यमंत्रियों (Deputy CM) की नियुक्ति की है। ध्यान दें, भारतीय संविधान और संविधान का अनुच्छेद 164 में सिर्फ मुख्यमंत्री की नियुक्ति का ही प्रावधान है।
अधिवक्ता मोहन लाल शर्मा द्वारा दाखिल की गई याचिका में स्पष्ट कहा गया है, ”अगर कथित उपमुख्यमंत्री की नियुक्ति की जाती है, तो इसका नागरिक और राज्य की जनता से कोई लेना-देना नहीं होगा।”
याचिका में कहा गया है कि उपमुख्यमंत्रियों (Deputy CM) की नियुक्ति से बड़े पैमाने पर जनता में भ्रम पैदा होता है और राजनीतिक दलों द्वारा काल्पनिक विभाग बनाकर गलत और अवैध उदाहरण स्थापित किए जा रहे हैं। उपमुख्यमंत्री कोई भी स्वतंत्र निर्णय नहीं ले सकता है। हालांकि, उपमुख्यमंत्री को मुख्यमंत्री के बराबर ही दिखाया जाता है।
इसमें केंद्र सरकार से मांग की गई है कि वह राज्य के राज्यपालों से देश में कथित उपमुख्यमंत्रियों (Deputy CM) को शपथ दिलाने वाली ऐसी असंवैधानिक नियुक्तियों के खिलाफ कदम उठाए।
12 फरवरी को मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ इस याचिका पर सुनवाई करेगी।