मेंटल हास्पिटल अधीक्षक पर गंभीर आरोप…मेंटल मरीजों को छोड़.. किया निजी प्रैक्टिस..शासन की गाइड लाइन का उल्लंघन किया

BHASKAR MISHRA
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 बिलासपुर—सेंदरी स्थित मानसिक अस्पताल अधीक्षक और प्रभारी संयुक्त संचालक स्वास्थ्य डॉ. जेपी आर्य को सरकारी काम काज के दौरान निजी अस्पताल में इलाज किए जाने को लेकर दोषी पाया गया है। मामले की जानकारी कलेक्टर के निर्देश के बाद जांच के दौरान सामने आयी है। जांच में बताया गया है कि इलाज डॉ.आर्य ने अस्पताल के मरीजों को दिए जाने वाले समय को निजी अस्पताल के मरीजों को दिया है। जानकारी के बाद कलेक्टर ने डॉ जेपी आर्य के खिलाफ कार्रवाई के लिए सचिव स्वास्थ्य विभाग की अध्यक्षता में टीम गठन कर उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

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            जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ.जे.पी.आर्या वर्तमान में अधीक्षक राज्य मानसिक चिकित्सालय सेंदरी के साथ-साथ प्रभारी संयुक्त संचालक संभागीय स्वास्थ्य सेवायें के पद पर कार्यरत हैं। एक दैनिक समाचार पत्र में 10 फरवरी को यूनिटी हॉस्पिटल बिलासपुर में निजी प्रैक्टिस के संबंध में विज्ञापन प्रकाशित कराया था। विज्ञापन संज्ञान में आने के बाद जिला कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को जांच के लिए निर्देश दिए।  मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के चिकित्सकों की टीम ने 10 फरवरी को ही यूनिटी हॉस्पिटल का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान डॉ.जे.पी.आर्या के यूनिटी हॉस्पिटल में लगातार कार्य करने को लेकर दस्तावेजी प्रमाण को जब्त किया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने जांच प्रतिवेदन जिला कलेक्टर के सामने पेश किया।

जानकारी देते चलें कि शासकीय चिकित्सकों के निजी प्रैक्टिस करने के संबंध में छ.ग. शासन ने लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के चिकित्सकों को शर्तों पर निजी प्रैक्टिस करने की छूट दिया है। निजी प्रैक्टिस केवल ड्यूटी अवधि के बाद किए जाने का निर्देश है। साथ ही चिकित्सक को अपने स्वयं की चेम्बर अथवा क्लीनिक होने चाहिए। स्वयं की क्लीनिक के अतिरिक्त अन्य किसी पाली क्लीनिक अथवा चिकित्सालय में निजी प्रैक्टिस करते हैं, तो  अनुशासनात्मक कार्रवाई का निर्देश भी है।

डॉ.जे.पी.आर्या वर्तमान में प्रशासकीय पद पर कार्यरत हैं। प्रशासकीय पद पर रहते हुए निजी प्रैक्टिस की पात्रता नही हैं। ऐसे प्रकरणों पर निगरानी और कार्रवाई हेतु राज्य स्तरीय समिति का गठन शासन स्तर पर किया गया है। जिसमें सचिव स्वास्थ्य विभाग की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति गठित है।  समिति के अध्यक्ष अपर मुख्य सचिव व संचालक स्वास्थ्य सेवायें रायपुर को डॉ. आर्य पर नियमानुसार कार्रवाई का पत्र दिया गया है।

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