Shardiya Navratri 2023 , Subha Muhurt। हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार शारदीय नवरात्रि बस आने ही वाला है। शारदीय नवरात्रि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। नवरात्रि का त्योहार हर साल चार बार आता है और उसमें दो गुप्त नवरात्रि और दो चैत्र व शारदीय नवरात्रि होती है।
शारदीय नवरात्रि का त्योहार पूरे देश में मनाया जाता है। इस साल नवरात्रि का त्योहार 15 अक्टूबर 2023 से शुरू हो रहा है।
शारदीय नवरात्रि शुभ मुहूर्त/Shardiya Navratri 2023
हर साल की तरह इस साल भी नवरात्रि अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाई जाएगी। इस साल प्रतिपदा तिथि समय 14 अक्टूबर 2023 की रात 11 बजकर 24 मिनट से शुरू हे रही है और 15 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होगी। इस दिन उदया तिथि का बहुत महत्व है इस लिए नवरात्रि का त्योहार 15 अक्टूबर 2023 को मनाया जाएगा और 23 अक्टूबर 2023 नवरात्रि समाप्त हो जाएगी।
हिंदू पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि के पहले दिन यानी 15 अक्टूबर को कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त है। घटस्थापना का शुभ मुहूर्त 15 अक्टूबर को सुबह प्रातः 06 बजकर 30 मिनट से शुरू होगा और प्रातः 08 बजकर 47 मिनट पर खत्म हो जाएगा।
इसके साथ ही एक और शुभ मुहूर्त बन रहा जिसे अभिजीत मुहूर्त कहा जाता है। इसका शुभ समय 15 अक्टूबर को सुबह 11 बजकर 48 मिनट से शुरू हो रहा है और दोपहर 12 बजकर 36 मिनट पर समाप्त हो रहा है।
कलश स्थापना विधि/Shardiya Navratri 2023
शारदीय नवरात्रि के पहले दिन सुबह उठकर स्नान आदि करके साफ वस्त्र पहनें।
फिर मंदिर की साफ-सफाई करके गंगाजल छिड़कें।
इसके बाद लाल कपड़ा बिछाकर उस पर थोड़े चावल रखें। मिट्टी के एक पात्र में जौ बो दें।
साथ ही इस पात्र पर जल से भरा हुआ कलश स्थापित करें। कलश में चारों ओर आम या अशोक के पत्ते लगाएं और स्वास्तिक बनाएं।
फिर इसमें साबुत सुपारी, सिक्का और अक्षत डालें।
एक नारियल पर चुनरी लपेटकर कलावा से बांधें और इस नारियल को कलश के ऊपर पर रखते हुए मां जगदंबे का आहवाहन करें।
फिर दीप जलाकर कलश की पूजा करें।