Shiv Rudrabhishek।कालों के काल महादेव के भक्त बड़ी संख्या में उनकी आराधना करते हैं। हिंदू धर्म में भगवान शिव को सबसे अधिक लोकप्रिय देवताओं में से एक माना जाता है। भगवान शिव को पूजने के लिए वैसे तो हर दिन किसी अवसर से कम नहीं, परंतु बात सावन मास के सोमवार की हो, तो यह मौका सर्वोत्तम माना जाता है।
इस दौरान भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भक्त तरह-तरह से पूजा अर्चना करते हैं। सावन मास के सोमवार को भगवान शिव की पूजा करने का विशेष महत्व बताया गया है।
भगवान शिव और माता पार्वती की विधि विधान से पूजा करने से मनोवांछित फल प्राप्त होता है। आज हम आपको सावन सोमवार व्रत की पूजन सामग्री और पूजा की विधि बता रहे हैं, जिससे हम भगवान शिव को प्रसन्न कर उनकी कृपा पा सकते हैं।
सावन सोमवार व्रत 2023 पूजा सामग्री
1- फूल, पंच फल, पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी
2- दक्षिणा, गंगाजल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र
3- पूजा के बर्तन, कुश आसन, दही, शुद्ध देशी घी
4- शहद, आम्र मंजरी, मदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध
5- कपूर, धूप, दीप, रूई, गंध रोली, मौली, जनेऊ, पंच मिष्ठान्न
6- बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, मलयागिरी चंदन
7- शिव व मां पार्वती की श्रृंगार सामग्री
वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन का प्रथम सोमवार व्रत श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन रखा जाएगा।
इस विशेष दिन पर रेवती नक्षत्र का निर्माण हो रहा है जो 9 जुलाई को रात्रि 7:29 से शुरू होगा और इसका समापन 10 जुलाई को 18:59 पर हो जाएगा। इसके साथ इस दिन सुकर्मा योग भी बन रहा है जो दोपहर 12:34 से शुरू होगा। इस दौरान पंचक का भी निर्माण हो रहा है। लेकिन भगवान शिव की उपासना में पंचक मान्य नहीं होगा।
सावन सोमवार व्रत-पूजा विधि
सावन मास के सोमवार को व्रत और भगवान शिव माता पार्वती की पूजा करने के लिए सबसे पहले सुबह जल्दी उठ जाएं। स्नानादि से निवृत्त होकर भगवान शिव के समक्ष कुश वाले आसन पर बैठ जाएं।
अब भगवान का पंचामृत से रुद्राभिषेक करें। इसके बाद शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, आलू, चावल, चंदन और भांग चढ़ाएं। इन सबके बाद भगवान भोलेनाथ माता पार्वती और भगवान गणेश को चंदन का तिलक लगाएं।Shiv Rudrabhishek
इसके बाद भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश को घी-शक्कर का भोग लगाकर धूप-दीप दिखाकर उनकी आरती करें। अब पूरे दिन के लिए फलाहार कर भगवान शिव का स्मरण करें।Shiv Rudrabhishek