फिर भी…. धड़ल्ले से चल रहा है शिक्षकों के अटैचमेंट का खेल,इस ब्लॉक के दफ़्तरों में जमे हैं कई टीचर

Chief Editor
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बलौदाबाज़ार । जिला बलौदा बाजार के विकासखंड भाटापारा में कलेक्टर, डीईओ और नेताओं के नाम पर शिक्षकों के संलग्नीकरण का गोरखधंधा आज भी फल फूल रहा है । ज़िसमें बीईओं भी सवालों के दायरे में नज़र आ रहे हैं। डीपीआई बनने से पूर्व जिला कलेक्टर रह चुके जैन के पूर्व जिले में उनके ही आदेश की तामील नही हो रही है।कागजो में संलग्नीकरण समाप्त बताया जा रहा है।सख्त आदेश में पेंच बता कर पूरे सिस्टम को लचीला कर दिया गया। जिसकी वजह से विकास खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में बीईओ ने राष्ट्र निर्माता शिक्षकों को बाबू बना कर अटैच करके रखा है। जिसकी वजह से ब्लॉक की शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हो रही है।

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मिली जानकारी के मुताबिक बहुत से शिक्षक जो लेनदेन की दुकान के चलते सुदूर गावो में मूलशाला की जगह शहर के स्कूलो में संलग्न थे । पिछले दिनों मूल शाला भेजे जाने के आदेश से बेचैन थे। जो समयपूर्व व्यवस्था को एकतरफा समाप्त किए जाने के आदेश से उपकृत संलग्न पुरुष और महिला शिक्षकों ने बीईओ पर चढ़ाई कर दी तो उन्हे डीपीआई के आदेश की मजबूरी बता दी गई।अमूमन यही माजरा हर ब्लाक का है।विभिन्न स्कुलो में व्यवस्था में संलग्न महिला शिक्षको को दो से तीन महीने का संतान पालन अवकाश,मेडिकल अवकाश की छुट्टी देकर बीईओ ने पीछा छुड़वाने के साथ अवकाश नयी दुकान खोल ली है।

पीड़ित एक स्कूल शिक्षिका ने बताया तबीयत खराब होने के कारण उन्होंने ना चाहते हुए भी चढ़ावे की राशि देकर नजदीक के स्कूल में अपनी ड्यूटी लगवाई थी। दो महीने में वापस जाने कहा जा रहा है, व्यवस्था का प्रस्ताव ऑफिस के एजेंट के द्वारा ही घर पहुंचा कर दिया गया और आज दो माह में ही स्कूल जाने का नया आदेश दे दिया गया है,यह तो खुलेआम ठगने वाली बात है।

विकासखंड के शिक्षक नेताओ का कहना है बीईओ द्वारा व्यवस्था के नाम उगाही की जांच होनी चाहिए। जबरिया संतान पालन और झूठे मेडिकल अवकाश की आड़ में घर बैठाकर वेतन पाने वालों को वापस स्कूल भेजना चाहिए साथ ही दिए गए अवकाश की वैधता की जांच होनी चाहिये।

शिक्षक संघ पदाधिकारियो में प्रदेश शिक्षक संघ के स्थानीय प्रतिनिधि अखिलेश आडिल ,ब्लाक शिक्षक संघ के अध्यक्ष रविन्द्र वर्मा, सहा शिक्षक फेडरेशन के संजय यादव जिला अध्यक्ष ,प्रमोद धुव्र ब्लाक अध्यक्ष ने सीजी वाल से बातचीत में बताया उच्च कार्यालय का आदेश समान रूप से लागू हो,बीईओ को पालन कराना था लेकिन खुद बीईओ में अनेको संलग्न है,जिन्हें व मूल शाला हेतु कार्यमुक्त तत्काल किया जाना चाहिए।

बताया जाता है कि खुद बीईओ ने भाटापारा कार्यालय मे नातेदारों को अटैच कर रखा है।प्राप्त जानकारी अनुसार बीईओ कार्यालय भाटापारा में हाई स्कूल के व्याख्याता अशोक यदु बीईओ ऑफिस में बाबू पद पर अटैच है, इसके अलावा ग्रामीण स्कुलो से डी बारगाह हाई स्कूल क्लर्क , हाई स्कूल क्लर्क मधुसूदन देवांगन बाबू, हाई स्कूल क्लर्क मरकाम , क्लर्क अंजलि वर्मा, रंजीत यदु हाई स्कूल के शिक्षक, गोपेश साहू संकुल समन्वयक से क्लर्क, दिनेश ध्रुव सहायक स शिक्षक आपरेटर, द्रोण ध्रुव सहायक शिक्षक से आपरेटर,टी के साहू शिक्षक से आपरेटर बन कर बीईओ आफिस में संलग्न है। बी आर सी सी कार्यालय में लखराम साहू देवरी की समन्वयक और बी आर सी के पद पर नियम के विरूद्ध अपात्र होने के बाद भी संलग्न बी आर सी है, और यशवन्त राजपूत व 2 अन्य को संलग्न किया गया है। तहसील और एसडीएम कार्यालय में प्रधानपाठक सुरेंद्र साहू, रामेश्वर साहू, अभिषेक तिवारी एव आधा दर्जन से ज्यादा शिक्षक,सह्य शिक्षक मूल शालाओ में पढ़ाने की बजाय आज भी व्यवस्था में काम कर रहे हैं। कस्तूरबा गांधी शाला में एक शिक्षिका , शिक्षक व दो अन्य शिक्षिकाओ और क्लर्क को व्यवस्था में काम कराया जा रहा है। शहरी क्षेत्र में अनेक स्कूल ऐसे हैं जहां आज भी व्यवस्था में गांव से आए लोग आदेश के विरुद्ध जमे है।

जिला शिक्षा अधिकारी सी एस ध्रुव ने मामले जानकारी देते हुए बताया कि बीईओ से प्रमाणित रिपोर्ट मांगी है। जिले में शिक्षक विहींन और एकल शिक्षक वालो स्कूल को छोड़कर समस्त संलग्न शिक्षक- शिक्षिकाओं को मूल शाला एक तरफा कार्य मुक्त कर दिया गया है। आदेश का पालन नहीं करने वालों का वेतन आहरण नहीं होगा और किसी ङीडीओ के द्वारा इनका वेतन आहरित किया जाएगा उनके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जावेगी।

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