शिक्षक आंदोलनः सरकार को सद्बुद्धि के लिए यज्ञ के बाद चक्काजाम की बड़ी तैयारी

Chief Editor
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रायपुर । राजधानी रायपुर में वेतन विसंगति की मांग को लेकर शिक्षक हड़ताल का रविवार को नौंवा दिन था। आज धरना स्थल गायत्री मंत्र, यज्ञ और भजन कीर्तन से सराबोर रहा। ऐसा लगा यहाँ कोई धरना आंदोलन नही बल्कि कोई धार्मिक अनुष्ठान चल रहा हो। यहां आज भी सहायक शिक्षकों की भीड़ उमड़ी हुई थी। इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष मनीष मिश्रा ने सभी शिक्षकों से नैतिक समर्थन की अपील भी जारी की थी । इसके अलावा भी प्रदेश के सभी शिक्षकों का इन्हें प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन मिला हुआ है। हालांकि एक बड़ा धड़ा फेडरेशन के धरना आंदोलन में शामिल नहीं है । बहुत से व्याख्याता और वर्ग 2 के शिक्षक जबसे आंदोलन जारी है, तब से स्कूल जाना आना कर रहे हैं। यह लड़ाई फेडरेशन के सहायक शिक्षक खुद के बूते पर लड़ रहे हैं ।

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एक और महत्वपूर्ण बात धरना स्थल पर चर्चा पर मालूम हुई कि बहुत सहायक शिक्षक दूसरे शिक्षक संघो से संबंध रखते हैं । वह भी इस लड़ाई में शामिल हैं । उन्हें लगता है कि इस मंच से समस्या का समाधान हो जाएगा । उनकी वेतन विसंगति दूर हो जाएगी ।

मुख्यमंत्री के दो महत्वपूर्ण बयानों के बाद भी यहां के शिक्षकों को लगता है कि सरकार उनकी मांगे मान लेगी। इसलिए दूर दराज से आए सहायक शिक्षक बोरिया बिस्तर के साथ धरना स्थल पर डटे हुए हऐं । सरकार की ओर आस लगाए हुए हैं।
सभी को मनीष मिश्रा के नेतृत्व पर भरोसा है । जिसका समर्पण भाव यहां धरना स्थल पर चर्चा में मालूम होता है। धरना स्थल के माहौल को देखकर समझा जा सकता है कि मनीष मिश्रा प्रदेश के शिक्षक राजनीति में उभर कर आए हैं।
मनीष मिश्रा ने आगे की रणनीति पर जानकारी देते हुए बताया कि सोमवार को हमारे धरना स्थल पर किसान नेता राकेश टिकैत आने वाले हैं । हम यहां उनका सम्मान करेंगे । उसके इसके बाद हम उनसे हमारे आंदोलन का समर्थन मांगेंगे। और चक्का जाम सोमवार को होकर रहेगा।

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सद्बुद्धि यज्ञ के विषय में जानकारी देते हुए फेडरेशन के प्रदेश उपाध्यक्ष शिव मिश्रा प्रदेश प्रवक्ता बसंत कौशिक और मीडिया प्रभारी राजू टंडन ने बताया कि शास्त्र कहते हैं कि यज्ञ और मंत्रों की ध्वनि से नकारात्मक ऊर्जा सकारात्मक हो जाती है । इस ऊर्जा की जरूरत हमारी मांगों को दूर करने वाले सभी सज्जनों के लिए बेहद जरूरी है। ताकि सत्ता में आने के बाद किये गए वादे पर वादा करने वाले कायम रहे। सहायक शिक्षकों का हित जो अलमारी में कैद है । वह खुले जिनके नीति नियम अमल में लाकर शिक्षकों के हित में सकारात्मकता के साथ शासन निर्णय ले।

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