एक दिवसीय कार्याशाला में बोले महाधिवक्ता…कोर्ट का मुख्य उद्देश्य..जीवन और स्वतंत्रता की रक्षा करना…आईजी ने कहा यह…

BHASKAR MISHRA
बिलासपुर—सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के निदेश पर एक दिवसीय राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन किया। न्यायालय के निर्देश पर अर्नेश कुमार बनाम बिहार राज्य, मो आसफ़ आलम बनाम झारखंड राज्य, सत्येंद्र कुमार अंतिल वर्सेस CBI  में गिरफ़्तारी को केन्द्र में रखकर guidelines of honorable courts पर चर्चा हुई।
पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर रेंज बिलासपुर डॉ. संजीव शुक्ला के मार्गदर्शन में बिलासपुर जिले के प्रार्थना सभा भवन में guidelines of honorable courts  विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के बतौर मुख्य अतिथि महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन भारत विशिष्ट अतिथि आशीष शुक्ला, अतिरिक्त महाधिवक्ता उच्च न्यायालय ने शिरकत किया। उप  महाधिवक्ता डॉ सौरभ कुमार पांडे, सहायक प्राध्यापक हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय डॉक्टर परवेश कुमार राजपूत, प्रमुख वक्ता के रूप में शामिल हुए। न्यायालय के निर्देश पर बताए गए प्रकरणों में गिरफ्तारी को लेकर बिंदुवार जानकारी साझा किया।
प्रशिक्षकों ने प्रश्नोत्तरी के माध्यम से पुलिस अधिकारियों की जिज्ञासाओं को शांत किया। शंकाओं और समस्याओं का समाधान किया। पुलिस महानिरीक्षक, बिलासपुर रेंज, डॉ संजीव शुक्ला ने कहा कि गिरफ़्तारी संबंध में न्यायालयों के दिशानिर्देशों का पालन किया जाना है। पुलिस अफ़सरों के लीगल नॉलेज और संवेदनशीलता में वृद्धि के लिए सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है। सेमिनार का मुख्य उद्देश्य पुलिस अफ़सरों को गिरफ़्तारी के संबंध में नवीनतम दिशानिर्देशों से परिचित कराना है। उन्होंने बताया पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर सभी प्रशिक्षण प्राप्त पुलिस अधिकारी मास्टर ट्रेनर के रूप में एक माह के अंदर अपने जिले के प्रत्येक विवेचक को प्रशिक्षित करेंगे।
महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन भारत ने बताया कि उच्चतम और उच्च न्यायालयों के दिशानिर्देशों का मुख्य उद्देश्य नागरिकों के जीवन और स्वतंत्रता की रक्षा करना है।  अतिरिक्त महाधिवक्ता आशीष शुक्ला ने कहा कि उच्चतम एवं उच्च न्यायालयों के दिशानिर्देशों के पीछे मंशा को समझने की ज़रूरत है। दंड प्रक्रिया की संहिता धारा 41(1)(B) में दिए गए प्रावधानों का परिपालन ही अर्नेश कुमार के केस में बताया गया है। विवेचना संबंधी समस्त प्रकरणों में पालन करने की आवश्यकता है।
उप महाधिवक्ता सौरभ कुमार पाण्डे नें बताया कि क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम की दिशा अब साक्ष्य संकलन पर है।  गिरफ़्तारी के लिए  डाक्यूमेंटेशन की उत्कृष्टता पर ज़ोर दिया। डॉ परवेश कुमार राजपूत, सहायक प्राध्यापक हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय रायपुर ने महिलाओं और बच्चों के संबंध में न्यायालय ने समय-समय पर निर्देश जारी किया है।
जिला बिलासपुर पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने आशा जतायी कि पुलिस अफ़सर सेमिनार से उच्चतम और माननीय उच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों से परिचित होकर अपने ज़िले के विवेचकों को ट्रेनिंग देंगे।  रजनेश सिंह ने दौरान सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान िकया। आभार भी जाहिर किया। कार्यक्रम का संचालन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अर्चना झा ने किया।
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