शहर के कई स्कूलों की हालत जर्जर….तिफरा स्कूल बदहाली पर जांच समिति की मुहर पर बोले विक्रांत ..अब चलेगा अभियान

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—आजाद मंच के नेता विक्रांत तिवारी ने बताय कि तिफरा स्कूल की सच्चाई सामने आने के बाद हमारी टीम को नई ऊर्जा मिली है। हाईकोर्ट ने पहले संज्ञान में लिया। कलेक्टर ने जांच समिति ने गठन कर सच्चाई को सामने लाया। साथी ही शिक्षा विभाग के जिम्मेदार लोगों की असलियत को पोल भी खोल दिया है। विक्रांत ने कहा कि हमारी टीम ने फैसला किया है कि अब जिले के एक एक जर्जर स्कूल की स्थितियों को सामने लाया जाएगा। ताकि बच्चों को सुरक्षित वातावरण में पठन पाठन हो। 
 24 जुलाई को सुबह पूर्व शासकीय माध्यमिक शाला तिफरा में अचानक मध्यान्ह भोजन के समय भरभरा कर जर्जर स्कूल का प्लास्टर गिर गया। इस दौरान एक बच्ची को चोट पहुंची। मामले की जानकारी लगने के बाद आजाज मंच की टीम मौके पर पहुंची। पूछताछ के दौरान जानकारी मिली स्कूल बहुत जर्जर है। प्लास्टर गिरने का हादसा पहले भी हो चुका है। मामले को वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया। बावजूद इसके स्कूल और बच्चों के हितों को ध्यान में रखकर किसा प्रकार का प्रयास नहीं किया गया। 
विक्रांत तिवारी ने बताया कि पत्र पत्रिकाओं में मामला सामने आने के बाद घटना को हाईकोर्ट ने स्व संज्ञान में लिया। कोर्ट के निर्देश पर कलेक्टर ने तत्काल एक टीम का गठन किया। जांच समिति ने रिपोर्ट कलेक्टर के सामने पेश कर बताया कि भवन मेंटेनेंस के लिए 3:50 लाख रूपए शासन ने दिया था। इसके अलावा 4 नए कक्षों के निर्माण के लिए लगभग 35 लाख की राशि भी स्वीकृति है। लेकिन अधिकारियों ने स्कूल का तरफ ध्यान नही दिया। निगम इंजीनियरों ने यह भी बताया कि भवन में पठन पाठन संभव नहीं है। क्योंकि कभी भी हादसा हो सकता है।
रिपोर्ट में यह भी बताया कि शिक्षकों के बार-बार निवेदन के बाद भी ना तो राशि का आवंटन किया गया। और ना ही मेंटेनेंस का ही काम हुआ। भवन अब सुधार के लायक भी नहीं है।
आजाद मंच नेता विक्रांत ने बताया कि ऊपर वाले की कृपा थी कि सभी बच्चे सुरक्षित हैं। मामला यदि समय पर सामने नहीं आता तो किसी बड़ी घटना से इंकार नहीं किया जा सकता था। पहले भी स्कूल का प्लास्टर गिरा..लेकिन खबर को बाहर आने से रोक दिया गया। इस बार शिक्षा विभाग को खबर दबाने का मौका नहीं मिला।
विक्रांत ने कहा कि बिलासपुर कलेक्टर सौरभ कुमार को धन्यावाद देता हूं कि उन्होने हादसे को गंभीरता से लिया और छात्र हित में उचित और सुरक्षित कदम उठाना के फैसला किया है। आजाद मंच नेता ने बताया कि सवाल आज भी खड़ा है कि आखिर राशि स्वीकृत होने के बाद भी मेंटनेंस या निर्माण क्यों नहीं किया गया। कलेक्टर से हमारी मांग है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।
आजाद मंच नेता ने दुहराया कि जिले ही बल्कि शहर में कई स्कूलों की हालत बहुत ही जर्जर है। बल्कि यह कहें कि तिफरा स्कूल से भी बदतर स्थिति में स्कूलों में बच्चे पढ़ने को मजबूर हैं। हम जल्द ही अभियान चलाकर ऐसी स्कूलों की स्थिति को कलेक्टर के सामने पेश करेंगे। ताकि भविष्य में किसी हादसे से समय रहते बचा जा सके। 
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