हाईकोर्ट ने 38 साल से चली आ रही शादी को खत्म करने का सुनाया फैसला

Shri Mi
2 Min Read

तिरुवनंतपुरम। केरल उच्च न्यायालय ने हस्तक्षेप करते हुए पिछले 38 वर्षों से चली आ रही शादी को खत्म करने का फैसला किया है।

Join Our WhatsApp Group Join Now

अदालत ने कहा कि जो विवाह पूरी तरह से टूट गया है, उसे बनाए रखना दोनों पक्षों के प्रति क्रूरता के समान होगा और इससे कोई सार्थक उद्देश्य पूरा नहीं होगा।

शीर्ष अदालत के एक फैसले के अनुसार अपरिवर्तनीय रूप से टूटने के बावजूद पक्षों को एक साथ रखना दोनों पक्षों के प्रति क्रूरता होगी। 

हाईकोर्ट ने महिला के पति की अपील के बाद यह फैसला लिया। पति ने पारिवारिक अदालत के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। 

पति ने दावा किया कि शादी पूरी तरह से टूट गई है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि उनकी पत्नी और दो बच्चों ने उनकी उपेक्षा की है और उन्हें अपने बेटे की शादी में भी आमंत्रित नहीं किया गया है।

हालांकि, प्रतिवादी ने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों से इनकार किया और कहा कि शादी में मामूली झगड़े को क्रूरता के रूप में नहीं माना जा सकता है।

फैमिली कोर्ट ने आरोपों को तलाक देने के लिए किसी भी मानसिक या शारीरिक क्रूरता के रूप में नहीं पाया और याचिका खारिज कर दी।

हालांकि, उच्च न्यायालय ने कहा कि 38 साल पुरानी शादी को पुनर्जीवित नहीं किया जा सकता। 

कोर्ट ने कहा, “विवाह को बनाए रखना दोनों पक्षों के लिए क्रूरता है। इससे कोई सार्थक उद्देश्य पूरा नहीं होगा।” न्यायालय ने दोनों पक्षों के बीच विवाह को समाप्त कर दिया।

By Shri Mi
Follow:
पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
close