Bilaspur संभाग का यह ज़िला जलाभाव ग्रस्त क्षेत्र घोषित

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रायगढ़/ कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने छ.ग.पेयजल परिरक्षण अधिनियम के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए रायगढ़ संपूर्ण जिले को 10 मई 2024 से 15 जुलाई 2024 तक जलाभाव ग्रस्त क्षेत्र घोषित किया है। उक्त अधिनियम की धारा 6 के अंतर्गत रायगढ़ जिले में उपरोक्त अवधि में सक्षम अधिकारी की पूर्वानुमति के बिना कोई नलकूप पेयजल अथवा पेयजल के अलावा किसी भी अन्य प्रयोजन के लिए खनन नहीं किया जा सकेगा।

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लेकिन शासकीय एजेंसी जैसे-लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को संपूर्ण जिले में तथा नगर पालिक निगम, नगर पालिक परिषद एवं नगर पंचायतों को केवल पेयजल हेतु अपने नगरीय निकाय की सीमा के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में नलकूप खनन हेतु अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी।

उन्हें केवल इस अवधि में खनन कराये गये नलकूपों की जानकारी प्राधिकृत अधिकारी को भेजना होगा। उक्त अनुक्रम में नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में नलकूप खनन हेतु अनुविभागीय अधिकारी राजस्व से विधिवत अनुमति की आवश्यकता होगी। जन सुविधा को ध्यान में रखते हुए उक्त अधिनियम की धारा 6 के अंतर्गत नलकूप खनन हेतु अनुमति की आवश्यकता होगी।

कलेक्टर गोयल द्वारा जन सुविधा को ध्यान में रखते हुए उक्त अधिनियम की धारा 6 के अंतर्गत नलकूप खनन हेतु अनुमति प्रदान करने के लिए एसडीएम को प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त किया गया है। इनमें रायगढ़ के तहत आने वाले क्षेत्र के लिए एसडीएम रायगढ़, खरसिया के लिए एसडीएम खरसिया, घरघोड़ा के तहत आने वाल क्षेत्र के लिए एसडीएम घरघोड़ा, धरमजयगढ़ के तहत आने वाले क्षेत्र के लिए एसडीएम धरमजयगढ़, लैलूंगा क्षेत्र के लिए एसडीएम लैलूंगा एवं पुसौर के तहत आने वाले क्षेत्र के एसडीएम पुसौर को प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त किया गया है।

उक्त प्राधिकृत अधिकारी अपने-अपने कार्य क्षेत्र में छ.ग.पेयजल परिरक्षण अधिनियमों में उल्लेखित प्रावधानों के अनुसार नलकूप खनन आवश्यक होने पर अनुमति प्रदान करने की कार्यवाही करेंगे। यदि किसी व्यक्ति या एजेंसी द्वारा उक्त अधिनियम के उल्लंघन में नलकूप खनन करना पाया जाता है तो उसके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।

By Shri Mi
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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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