बिलासपुर—मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रदेश के मुखिया विष्णुदेव साय पहली बार बिलासपुर प्रवास पर पहुंचे। केन्द्रीय विश्वविद्यालय में आयोजित बाबा गुरूघासीदास की जयंति कार्यक्रम में शिरकत किया। इसके पहले सभी भाजपा नेता और जनप्रतिनिधियों समेत अधिकारियों के अलावा विश्वविद्यालय प्रशासन ने हैलीपेड पर सीएम का स्वागत किया। बाबा घासीदास को नमन करने के बाद मुख्यमंत्री मुख्य कार्यक्रम आयोजन स्थल रजन जयंति सभागार पहुंचकर उपस्थित लोगों को संबोधित किया। किताब का विमोचन के अलावा प्रतिगिताओं में सभी विजेताओं का सम्मान भी किया।
मुख्यमंत्री का हेलीपैड पर स्वागत
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का बिलासपुर पहुंचने पर हेलीपैड में आत्मीय स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री बनने के बाद साय गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय में आयोजित बाबा गुरु घासीदास जयंती समारोह में शामिल होने पहली बार बिलासपुर पहुंचे हैं। इस दौरन उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा का भी सभी ने स्वागत किया। केंद्रीय विश्वविद्यालय परिसर स्थित हेलीपैड पर प्रमुख रूप से कुलपति आलोक कुमार चक्रवाल, बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक, बिलासपुर विधायक मर अग्रवाल, बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला,महापौर रामशरण यादव, पूर्व विधायक रजनीश सिंह,कमिश्नर केडी कुंजाम, आईजी अजय यादव, कलेक्टर अवनीश शरण, एसपी संतोष सिंह, रामदेव कुमावत समेत बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि ने मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया।
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बाबा गुरु घासीदास की प्रतिमा पर किया माल्यार्पण
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने गुरु घासीदास बाबा की जयंती पर गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित बाबा घासीदास की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर सादर नमन किया। छत्तीसगढ़ की खुशहाली और समृद्धि के लिए गुरु बाबा से आशीर्वाद लिया। कार्यक्रम में हजारों की संख्या में विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं मौजूद थे। मुख्यमंत्री बनने के बाद श्री साय का किसी शैक्षणिक संस्थान में पहला दौरा था।
विमोचन,पुरस्कार और डोनेशन कार्यक्रम में शामिल
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जयंती समारोह और कुल उत्सव में शामिल हुए। अपने संबोधन में साय ने कहा कि बाबा का सामाजिक समरसता एवं समानता का संदेश आज अधिक प्रासंगिक और सार्थक है। उनके उपदेश आज भी छत्तीसगढ़ की सामाजिक समरसता कायम है।बाबा के बताये रास्ते पर चलकर छत्तीसगढ़ सरकार सामाजिक समरसता को और समृद्ध करने का प्रयास करेगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति आलोक कुमार चक्रवाल ने किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कुलपति की संपादित किताब ‘गुरू घासीदास सतनाम पंथ के प्रवर्तक’ का विमोचन भी किया। साय ने विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित प्रतियोगिताओं के विजेता छात्र -छात्राओं को सम्मानित भी किया। विशेष अतिथि एटीईक्यू इन्टरनेशनल के अध्यक्ष डॉ. विलियम पेन्टर ,बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक, बिलासपुर विधायक अमर अग्रवाल,बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला उपस्थित थे।
विश्व में एक मात्र विश्वविद्यालय
प्रदेश मुखिया ने जयंती समारोह आयोजित करने के लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन को बधाई दी। उन्होने बताया कि 18 वीं सदी में देश में सामाजिक भेदभाव एवं छूआछूत की भावना चरम पर थी। ऐसी हालात में बाबा घासीदास जी का अवतरण हुआ। उन्हेांने मनखे-मनखे एक समान का उपदेश देकर सामाजिक समरसता का सूत्रपात किया। हमें गर्व है कि बाबा घासीदास के नाम पर पूरे देश का एकमात्र विश्वविद्यालय है। बाबा के आशीर्वाद और जनता के सहयोग से छत्तीसगढ़ को और समृद्ध राज्य बनाएंगे। प्रकृति ने छत्तीसगढ़ की भूमि को उर्वरा बनाया है। खनिज एवं वन ससांधनों की बहुलता है। छत्तीसगढ़ को देश का नम्बर वन राज्य बनाने के लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं होगी।
मुख्यमंत्री ने जयंती के अवसर पर कॉलेज के एनएसएस ईकाई द्वारा ब्लड डोनेशन कैम्प का शुभारंभ किया। विश्वविद्यालय में बच्चों के लिए संचालित सस्ते केन्टीन की प्रशंसा की। मुख्यमंत्री ने घासीदास विश्वविद्यालय का राजधानी में विस्तार के लिए पूर्ण सहयोग का भरोसा दिया।