बिलासपुर।शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के सीतापुर और आसपास के क्षेत्रों से 15 सो मजदूरों को स्पेशल ट्रेन से बिलासपुर लाया गया.लखनऊ से छूटकर बिलासपुर होते हुए रायपुर रवाना हो गई. प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार 15 100 मजदूरों को गलत ट्रेनों से लाया गया है इनमें से 1150 मजदूर बिलासपुर के हैं .सभी मजदूरों को ब्लॉक और गांव स्तर पर भेज कर क्वारंटाइन किया गया है.इसके अलावा अन्य बचे हुए मजदूरों को मुंगेली कोरबा जांजगीर समेत मंजिलों को विभिन्न साधनों से भेज दिया गया है.बिलासपुर पहुंचने पर मजदूरों के बीच भारी अव्यवस्था देखने को मिली ना तो सोशल डिस्टेंसिंग का कोई पालन करते नजर आया और ना ही लोगों ने मासिक ही लगाया था. इस दौरान प्रशासन को कड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ा.बावजूद इसके व्यवस्था बनाने में टीम नाकाम साबित हुई.सीजीवालडॉटकॉम के WhatsApp NEWS ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये
रेलवे प्रशासन भी मजदूरों को भीड़ को देखकर हाथ खड़ा कर दिया स्वास्थ विभाग की टीम कुछ लोगों का टेंपरेचर जरूर लिया लेकिन भीड़ को देखते हुए यह काफी कम था.ऐसी सूरत में टेस्ट का सवाल ही नहीं होता है.जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया क्योंकि अब स्थिति सामान्य की तरफ है.इसलिए भी लोगों ने टेस्ट करवाना उचित नहीं समझा है जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए.भीड़ बहुत होने के कारण सीमित संख्या में उपस्थित डॉक्टरों की टीम स्कैन करने में भी नाकामयाब साबित हुई.
फिर भी सभी मजदूरों को कम से कम 10 दिन क्वारंटाइन सेंटर में रहना अनिवार्य है.ऐसी सूरत में बहुत ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है.क्वारंटाइन सेंटर में अस्थमेटिक के साथ करोना का सामान टेस्ट किया जाएगा.संदिग्ध मरीज पाए जाने पर आइसोलेशन की प्रक्रिया होगी.