अमरजीत भगत का छलका दर्द…शायरी पढ़कर बताया..कौन है चुनाव हराने वाला..सन्यांस और मूंछ पर कही यह बात

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—रायपुर से सरकारी आवास खाली कर अपने गृहग्राम लौट रहे निवर्तमान खाद्य मंत्री और कांग्रेस नेता अमरजीत भगत बिलासपुर पहुंचे। उन्होने इस दौरान मूंछ और राजनीति से सन्यास पर बयान दिया। उन्होने सवाल जवाब के दौरान कहा कि अब आप लोग कुछ भी कहें। लेकिन यह तो सच है कि हम हार गए हैं। हमें डूबाने वालों हमाराे अपने ही लोग है। उन्होने बताया कि पहले प्रधानमंत्री तो अपना वादा निभाएं…फिर हमसे सवाल करें।

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 रायपुर से गृहग्राम जा रहे निवर्तमान खाद्य मंत्री कांग्रेस नेता अमरजीत भगत थोड़े समय के लिए छत्तीसगढ़ भवन पहुंचे। इस दौरान उन्होने पत्रकारों से बातचीत कर हार की पीड़ा को जाहिर किया। सवाल जवाब के दौरान अमरजीत भगत ने कहा कि पिछले चुनाव में हमने एक होकर और एक दूसरे के सहयोग के साथ चुनाव लड़ा था। जीत भी मिली थी।

लेकि इस चुनाव में चीज का कहीं ना कहीं कमी देखने को मिली है। जिसके कारण पार्टी को अप्रत्याशित हार मिली है। एक कारण यह भी है और इशारे ही इशारों में अमरजीत भगत पार्टी के अन्तरलह को भी सामने रखा गया। सवाल पूछा गया था कि क्या सरकार की योजना चुनाव में कारगर साबित नहीं हुई। या फिर चुनाव में हार की वजह पार्टी अन्तरकलह है।

बयानबाजी से कटुता आती है

एक अन्य सवाल पर कि पूर्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल और  विधायक बृहस्पति सिंह के बयान बहुत ही तल्ख हैं। सरकार के खिलाफ उनके बयानों में कितनी सच्चाई है। कुमारी शैलजा और भूपेश बघेल पर दोनो नेताओं ने करारा हमला किया है। जवाब में अमरजीत भगत ने कहा कि कारण जो भी हो अभी हार के तुरंत बाद..जो भी बातें हैं..पार्टी प्लेटफार्म पर होंगी। क्योंकि सार्वजनिक बयानबाजी से आपसी कटुता बढ़ जाएगी।

अब आप लोग कुछ भी कहें..हार तो गए

हारी बाजी को जो जीत जाए तो बाजीगर कहते हैं..जीती बाजी हारने पर क्या कहेंगे…। भगत ने कहा अब जो कहना है कह सकते हो। लेकिन एक कहावत यह भई है कि गैरों में कहां दम था..हमें तो अपनों ने लूटा… मेरी कश्ती वहां डूबी..जहां पानी कम था।

सन्यास का सवाल..दिया यह जवाब

राहुल गांधी के बिलासपुर दौरा पर आपका बयान था कि यदि सरकार नहीं बनेगी तो राजनीति से सन्यास ले लूंगा…मूंछों पर भी आपका बयान आय़ा है। भगत ने बताया कि बयान का मुझे स्मरण नहीं है। लेकिन चुनाव का परिणाम विपरीत आया है। परिणाम को हम स्वीकार करते हैं। भाजपा काम करे…इससे ज्यादा मुझे कुछ कहना भी नहीं है।

पहले प्रधानमंत्री तो करें..फिर हम बढ़ेंगे

भारतीय जनता युवा मोर्चा ने आपको सेविंग किट भेजा है…खाद्य मंत्री ने दुहराया कि प्रधानमंत्री हमारे नेता हैं। नोटबंदी के दौरान उन्होंने 50 दिन में अगर हालात नहीं सुधरने पर चौक चौराहा में बुलाकर लटकने और लटकाने की बात कही थी। प्रधानमंत्री जी ने कहा…पहले उसे पूरा करें..फिर हम भी आगे बढ़ेंगे।

राजनीति सन्यास के सवाल को टालते हुए भगत ने कहा…कि पहले प्रधानमंत्री अपने वादों को पूरा करें…जो उन्होने नोटबन्दी के दौरान कही थी। फिर हम भी करेंग।

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