18 साल का करती हैं इंतजार…क्योंकि लड़कियां होती है इमोशनल फूल..महिला आयोग अध्यक्ष डॉ.नायक ने गिनाया…लव मैरिज के साइड इफेक्ट

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—भागकर शादी करना और फिर चार महीने बाद कोर्ट कचहरी वकील का चक्कर लगाना ठीक नहीं है। लड़कियां इमोशनल फूल होती हैं। देखने में आया है कि लड़कियां 18 साल होने का इंतजार करती हैं। फिर भावनाओं में बहकर घर से भागकर शादी कर लेती हैं। इसका परिणाम ठीक नहीं होता है। उन्हैं पढ़ाई लिखाई पर ध्यान देना चाहिए। लेकिन वह इस समय भावनाओं में बहकर लड़कों में सलमान और शाहरूख खान देखने लगती है। और दाल नून के चक्कर में चार पांच महीने में सारी सच्चाई सामने जाती है। यह सच है कि संविधान में व्यस्क को मन मुताबिक शादी का अधिकार है। लेकिन एक महिला और आयोग की अध्यक्ष होने के नाते मेरी जिम्मेदारी बनती है। कि लड़कियां पहले पढ़ाई लिखाई पूरी करें फिर सोच समझकर फैसला करें। आती है।  

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राज्य महिला आयोग डॉ. किरणमयी नायक ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि बिलासपुर में महिला आयोग की टीम ने कई महत्वपूर्ण प्रकरणों का निराकरण किया है। इस दौरान डॉ. नायक ने पत्रकारों के सवालों का भी जवाब दिया।

 

लड़कियां करती है 18 साल का इंतजार

आपका लव मैरिज पर दिया गया बयान कितना उचित है। जबकि संविधान इसका विरोध नहीं करता है। सवाल के जवाब में डॉ.नायक ने कहा कि महिला आयोग अध्यक्ष बनने के बाद आयोग लगातार देख रहा हैं कि 65 प्रतिशत से अधिक विवाद लव मैरिज से जुड़ा है। लोग भागर शादी करते हैं तीन चार महीने बाद कोर्ट, वकील, पुलिस और आयोग का चक्कर लगाते हैं। महिला आयोग अध्यक्ष ने कहा कि  अधिकांश लड़किया 18 साल होने का इंतजार करती है। लड़के भी 21 साल होने का इंतजार करते हैं। और फिर भागकर आस्य समाज  में शादी कर लेते है।

लड़कों में शाहरूख और सलमान को देखती हैं

 

इसलिए हमारी जिम्मेदारी बनती है कि लड़कियों को दाल आटे का भाव की जानकारी देना जरूरी है। यानि उन्हे समझाना हमारी नैतिक जिम्मेदारी भी है। मै पूछती हूं कि जब भागकर शादी कर रहे थे..तो उस समय उन्हें लड़कों में शाहरूख और सलमान दिख रहा था। और खुद को यह समझ रही थी कि डायरेक्टर उन्हें हनीमून पर स्विटजर लैण्ड भेजेगा।  मैं इस फिल्मी शादी के तरीके के खिलाफ हूं। फिल्मी तरीके के चक्कर में पड़कर लड़के और लड़कियां अपना जीवन खराब कर रही है। मेरा सुझाव है कि पढ़ने लिखने के उम्र में शादी करने की जल्दबाजी ना करें। पहले अपना कैरियर बनाएं। फिर एक दूसरे की परख करने के बाद ही शादी करें।

महिलाएं इमोशनल फूल

क्या यह सुझाव एक महिला का है या आयोग की अध्यक्ष का है। किरणमयी नायक ने कहा कि एक महिला के साथ एक वकील और महिला आयोग के अध्यक्ष का भी सुझाव है। मुझे महिलाओं के रोते हुए चेहरे ठीक नहीं लगते है। किसी ने प्यार मोहब्बत के चार गाने और फिल्म दिखाएं..और भावनाओं में बहकर पीछे चली जाती हैं। दरअसल महिलाएं इमोशनल फूल होती हैं।

 

लव मैरिज को कानूनी मान्यता

लव मैरिज को कानूनी मान्यता है। सवाल पर डॉ. किरणमयी नायक ने कहा कि उन्होने लव मैरिज को अवैध नहीं कहा है। बल्कि लव मैरिज से बचने को कहा है। कम उम्र में लड़किया बिना सोझे समझे प्यार के चक्कर में पड़कर शादी कर लेती है। मैने यह भी देखा है कि पढ़ी लिखी लड़कियां अंगूठा छाप से भी प्यार में पड़कर शादी कर लेती है। बाद में जब नून तेल लकड़ी का चक्कर शुरू होता है तो लड़किया कोर्ट कचहरी और पुलिस थाना का चक्कर लगाती हैं।

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