WALL PAINTING: कोटा विधानसभा की दीवारों को चढ़ा चुनावी बुखार….कांग्रेस नेता अटल,विजय, संदीप ने दिखाई ताकत..भाजपा भी कम नहीं

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—संभावना है कि अक्टूबर नवम्बर में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होगा। दिसम्बर में नई सरकार भी बन जाएगी। मतलब चुनाव सिर पर है..और नेताओं की शहर से गांव तक आपाधापी शुरू हो गयी है। इस आपाधापी से ही ग्रामीण मतदाताओं को जानकारी मिल गयी है कि चुनाव होने वाला है। कांग्रेस हो या भाजपा…सभी लोग अपने अपने तरीके से टिकट पाने..ताकत का प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं।  माना जाता है कि चुनाव का पहला विगुल वाल पेंटिग से ही फूंका जाता है। और इसी के साथ चिरपरिचित दिग्गजों से लेकर नए प्रतियोगी टिकट के लिए अपना नाम दिवारों पर गुदवाना यानि लिखवाना शुरू कर देते हैं। यद्यपि पूछने पर रटा रटाया जवाब होता है कि टिकट किसी एक को ही मिलेगी..लेकिन वालपेटिंग से हैसियत का अहसास तो कराया ही जा सकता है। इसी क्रम में कोटा विधानसभा में वाल पेटिंग दौर चरम पर है। क्या कांग्रेस क्या भाजपा..अन्य पार्टी के नेताओं ने वाल पेटिंग के साथ टिकट की दावेदारी शुरू दिया है।

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माना जाता है कि जब वाल पेंटिंग शुरू हो जाए..तो समझो चुनावी मेला होने वाला है। मतलब चुनाव सिर पर है। यद्यपि दीवारों पर चुनाव आयोग के अनुसार वालपेटिंग करना सख्त मना है। लेकिन शर्त आदर्श चुनाव संहिता के साथ शुरू होता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए टिकट के दावेदार पहले से ही वाल पेंटिग का खेल शुरू कर देते हैं। दीवार से वालपेटिंग हटाना या नहीं हटाना.. चुनाव आयोग पर निर्भर है। क्योंकि वाल पेटिंग के समय नेता इस बात का ध्यान रखते हैं कि ऐसा कुछ नहीं लिखाया जाए…जिससे चुनाव आयोग नाम पर चूना पोतवा दे। इसलिए सभी लोग जनता के प्रति आभार लिखाकर अपना काम कर देते हैं।

कोटा विधानसभा मूल रूप से कांग्रेस का हमेशा से मजबूत गढ़ रहा है। कुछ स्थान को छोड़ दें तो कांग्रेस का ही सिक्का चलता है। वर्तमान में कांग्रेस से अलग होकर नई पार्टी बनाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पत्नी डॉ. रेणु जोगी कोटा से विधायक है। 2023 में विधानसभा चुनाव लड़ेंगी या नहीं..इसका फैसला जोगी कांग्रेस या फिर रेणु जोगी लेंगी। फिलहाल कोटा विधानसभा के घरों के दीवारों पर रेणु जोगी का नाम कही नजर नहीं आता है। जो नजर भी आ रहा है उसे पर्याप्त नहीं कहा जा सकता है। कांग्रेस पार्टी की तरफ से कोटा विधानसभा के कमोबेश 5 संगठन ब्लाक में दिग्गज कांग्रेस नेताओं का नाम जहां तहां दीवारों पर जमकर देखने को मिलता है।

कांग्रेस संगठन के पांचों ब्लाक गौरेला, पेन्ड्रा, रतनपुर, बेलगहना और कोटा के शहर और गांव के कमोबेश सभी घरों के दीवारों पर वॉल पेटिंग की भरमार है। पर्यटन बोर्ड चेयरमैन अटल श्रीवास्तव ने भी वालपेंटिग के बहाने कोटा विधानसभा में चुनाव लड़ने का दावा कर दिया है। विधानसभा क्षेत्र के कमोबेश सभी गांव के घऱों पर बड़े बड़े और खूबसूरती के साथ लाल रंगों में अटल श्रीवास्तव विधानसभा के मतदाताओं के प्रति आभार प्रदर्शित किया है। वालपेंटिग में मुख्यमंत्री के नाम का भी विशेष उल्लेख है। जिसे लोग पसंद भी कर रहे हैं। वालपेटिंग के अक्षर आकर्षक हैं। कुछ क्षेत्रों के मतदाताओं में मंत्री दर्जा प्राप्त अटल का नाम चर्चा का विषय भी है।

इसके अलावा जिला संगठन प्रमुख विजय केशरवानी पिछले चार साल से कोटा में पार्टी गतिविदय़ों को लेकर विशेष रूप से सक्रिय हैं। विजय केशरवानी ने ब्लाक से लेकर सेक्टर जोन तक अपने ही समर्थक को पार्टी की जिम्मेदारी दी है। जिला किसान और जिला आदिवासी प्रमुख की गिनती विजय के करीबी में होती है। रतनपुर,कोटा और बेलगहना ब्लाक प्रमुख केशरवानी के लिए लगातार वाल पेटिंंग का काम कर रहे हैं। वालपेटिंग में अध्यक्ष की गरिमा का विशेष ध्यान रखा गया है। पूरी की पूरी दीवार पर मोहन मरकाम और भूपेश बघेल के प्रति आभार जाहिर करती ईबारत को आसानी से पढ़ा जा सकता है। और नाम की चर्चा भी है।

क्षेत्र में दीवारों पर सर्वाधिक वाल पेंट स्थानीय नेता संदीप शुक्ला का नजर आता है। संदीप शुक्ला पिछले कई सालों से कई पदों पर रहे हैं। स्थानीय होने के कारण क्षेत्र के लोग संदीप को जानते भी है। औसत सर्वाधिक वाल पेटिंग संदीप शुक्ला का ही है। इस समय संदीप शुक्ला कोटा मंडी अध्यक्ष भी हैं। बेलगहना क्षेत्र समेत आस पास के इलाकतों में अच्छी पकड़ रखते हैं। लोकसभा चुनाव में अटल श्रीवास्तव का ना केवल मदद किया। बल्कि बेलहना ब्लाक से जीत दिलाने में मदद भी किया है। बताते चलें कि संदीप पिछले 6 महीने पहले से गांव गली मुख्य मार्गों के घरों पर वालपेटिंग कर दूसरे के लिए स्थान भी नहीं छोड़ा है। कुछ तो धुंधले भी हो चुके हैं। लेकिन नया का दौर भी शुरू है। क्षेत्र में लगातार सक्रियता भी बनाकर रखें हैं ।

कांग्रेस नेता और जिला पंचायत अध्यक्ष अरूण चौहान भी क्षेत्र में वालपेटिंग को लेकर किसी से कमजोर नजर नहीं आते हैं। हां वालपेटिंग की संख्या में कमी जरूर है। अप्रभावी है…ऐसा नहीं कहा जा सकता है। कई जगह तो संदीप और अरूण चौहान का नाम होड़ करते हुए दिखाई देता हैं। इसके अलावा भी कांग्रेस के कई नाम जैसे वादिर खान समेत अन्य लोगों को भी दीवारों पर आकर्षक राइटिंग के साथ पढा जा सकता है। 

इसके अलावा भाजपा से बिलासपुर की कांग्रेस नेत्री  और तेज तर्रार निगम पार्षद सुनीता मानिकपुरी का भी नाम भी दीवारों पर नजर आता है। बेशक वॉलपेटिंग के अक्षर छोटे हैं…लेकिन भाजपा की तरफ से सुनीता मजबूत उपस्थिति रखती नजर आती है। इसके अलावा भाजपा से ही कोटा क्षेत्र में लम्बे समय से सक्रिय अपनी बारी का इंतजार करते जीवन मिश्रा ने भी वालपेंटिंग से नाम चलाने में कामयाब नजर आते हैं। यद्यपि जीवन का लेटर सुनीता से थोड़ा छोटा नजर आता है।

बावजूद इसके पूरे विधानसभा में कांग्रेस नेता संदीप शुक्ला, जिला अध्यक्ष विजय केशरवानी और पर्यटन बोर्ड चैयरमैन अटल श्रीवास्तव, जिला पंचायत अध्यक्ष अरूण चौहान भाजपा के किसी नेता से वालपेटिंग में बहुत आगे है। हां भाजपा से मोहित जायसवाल, गणेश यादव, गोंड़वाना से नन्द भैया की चर्चा जमकर है।

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