कांग्रेस – भाजपा के नेता जब एक ही सुर में बोले…..! तो बिलासपुर इलाक़े को क्या मिला….?

Shri Mi
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बिलासपुर में एम्स और जांजगीर में मेडिकल कॉलेज कब शुरू होगा…..? इस सवाल का जवाब आने वाला वक्त ही दे सकता है। लेकिन इन दोनों मुद्दों को लेकर छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में जिस तरह सत्ता पक्ष कांग्रेस और विपक्षी पार्टी बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं ने एकजुटता दिखाई है, उससे बिलासपुर संभाग के इस हिस्से को एक बड़ी उपलब्धि जरूर मिल गई है। वह उपलब्धि यह है कि विकास और स्थानीय जरूरतों के मुद्दे पर सभी पार्टी के लोग पार्टीबंदी से ऊपर उठकर एक साथ नज़र आए हैं। अगर इस तरह के मुद्दों पर कांग्रेस/ भाजपा नेताओं के सुर आगे भी एक साथ मिलते रहे तो पुराने दौर की तरह आने वाले समय में बिलासपुर इलाके को कई मुद्दों पर कामयाबी मिल सकती है।

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छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के दौरान शुक्रवार को यह नजारा देखने को मिला । जिसमें बिलासपुर के कांग्रेस विधायक शैलेश पांडे ने प्रश्नकाल के दौरान बिलासपुर में एम्स खोले जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने बिलासपुर में एम्स खोलने को लेकर सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों पर सवाल उठाया था।

हालांकि इसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने सदन को बताया कि बिलासपुर में एम्स खोलने के मुद्दे पर उन्होंने खुद केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय को चिट्ठी लिखी है। इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री के जवाब से भी अधिक महत्वपूर्ण यह लगता है कि बिलासपुर में एम्स खोले जाने के मुद्दे पर सभी दलों के बड़े नेता एकजुट होकर आगे आए।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष और भाजपा के वरिष्ठ नेता धरमलाल कौशिक और वरिष्ठ विधायक धर्मजीत सिंह ने भी मुद्दे का समर्थन करते हुए अपनी बात रखी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जनहित के लिए ही वह विधानसभा में हैं और यहां के मुद्दों को लेकर एकजुट रहेंगे।

शुक्रवार को ही नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने जांजगीर में मेडिकल कॉलेज खोलने की मांग को लेकर एक अशासकीय संकल्प पेश किया। जिस पर सभी दल के लोगों ने सहमति जताई और यह अशासकीय संकल्प सर्वसम्मति से पारित किया गया।

इस मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि जांजगीर में मेडिकल कॉलेज की स्थापना की मांग बहुत पुरानी है। जन भावनाओं का सम्मान करते हुए विधानसभा ने यह अशासकीय संकल्प सर्वसम्मति से पारित किया है। इस पर उन्होंने सभी सदस्यों के प्रति आभार जताया।

विधानसभा में हुई इस गतिविधि के बाद अभी यह पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता कि बिलासपुर को एम्स और जांजगीर को मेडिकल कालेज की सौगात कब तक मिल सकेगी। लेकिन विधानसभा में इस तरह के मुद्दों पर दलीय भावना से ऊपर उठकर सभी पार्टी के विधायकों की एकजुटता और ऐसे मुद्दे पर एक-दूसरे के साथ खड़े होने का जज्बा यह बताता है कि बिलासपुर संभाग के लोगों को कुछ तो मिला है।

वैसे भी इस इलाके के लोगों ने अब तक जो भी हासिल किया है ,उसे लोगों ने लड़कर ही हासिल किया है।बिलासपुर रेल्वे ज़ोन,एसईसीएल,सेन्ट्रल युनिवर्सिटी, हवाई सेवा जैसे कई उदाहरण मौज़ूद हैं। उस जज्बे को मजबूत करने की गरज़ से एक बार फिर तमाम नेता जन भावनाओं का सम्मान करते हुए एक जुटता जाहिर करते हैं तो इसमें इस इलाके के लोगों को उम्मीद की किरण दिखाई देती है। जिस दौर में आपसी खींचातान, आरोप-प्रत्यारोप और एक दूसरे पर हावी होने की कोशिश को ही राजनीति का अहम हिस्सा बनाने की होड़ लगी हो।

ऐसे दौर में आम लोगों से जुड़े मुद्दे पर तमाम पार्टी के नेता एक दूसरे की आवाज़ में अपनी आवाज़ मिलाते हैं तो नई उम्मीद ज़गती है। यह सिलसिला आगे भी बना रहे ऐसी उम्मीद भी बिलासपुर इलाक़े के आम लोग कर सकते हैं।।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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