6% DA के आदेश के बाद भी क्यों नाखुश हैं कर्मचारी..? फ़ेडरेशन ने निकाला गणित- कितना होगा नुकसान..?

Chief Editor
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रायपुर ।   राज्य शासन द्वारा महँगाई भत्ता में किये गये 6 % की वृद्धि आदेश पर छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी,जशपुर जिले अध्यक्ष विनोद गुप्ता एवं महामंत्री संजीव शर्मा ने प्रतिक्रिया दिया है। उनका कहना है राज्य के कर्मचारी-अधिकारियों ने केंद्र के समान देय तिथि से 34 % डी ए एवं 7 वे वेतन पर एच आर ए के मुद्दे पर चरणबद्ध आंदोलन छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के आव्हान पर किया था।

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उन्होंने बताया कि राज्य शासन ने सातवे वेतनमान में डी ए का मौजूदा दर 22 % में 6 % का वृद्धि कर 28 % तथा छटवे वेतनमान में 15 % वृद्धि कर 174 % को 189 % करने का आदेश जारी किया है। गौरतलब है कि आदेश में 28 % डी ए को 1 अगस्त 2022 से प्रभावशील किया गया है। जबकि केन्द्र में 28 % डी ए का देय तिथि 1 जुलाई 2021 है। आदेश के कारण कर्मचारी-अधिकारियों को वेतन में 6 % का नुकसान 14 माह के अवधि में हुआ है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के आदेश से चतुर्थ वर्ग कर्मचारी को सातवें वेतनमान के न्यूनतम औसत वेतन में प्रतिमाह 994 रुपए जोकि 14 माह में  13916 रुपए का हुआ है।

तृतीय वर्ग कर्मचारी को प्रतिमाह  1694 रुपए जोकि 14 माह में  23716 रुपए; द्वितीय वर्ग को प्रतिमाह  3236 रुपए जोकि 14 माह में 45304 रुपए एवं प्रथम वर्ग को प्रतिमाह  7049 रुपए जोकि 14 माह में  98686 रुपए का नुकसान सहने के लिए बाध्य हैं।उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने कर्मचारियों को उनके हक का कई हजार रूपयों से वंचित किया है।उन्होंने बताया कि यह गणना सातवे वेतनमान के पे-मैट्रिक्स लेवल के प्रारंभिक वेतन में है।

उन्होंने बताया कि सातवे वेतन पर गृहभाड़ा भत्ता स्वीकृत करने के मुद्दे पर सरकार ने चुप्पी साध लिया है। कर्मचारियों को इसके कारण विगत 78 माह में चतुर्थ वर्ग को 10 % एवं 7 % में क्रमशः 74334 रुपए एवं 52026 रुपए ; तृतीय वर्ग को 92898रुपए , 65052 रुपए ; द्वितीय वर्ग को 205842 रुपए एवं 144066 रुपए तथा वर्ग एक को 380718 रुपए एवं 266526 रुपए का आर्थिक चपत लग चुका है। जो प्रतिमाह जारी है।

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