महिलाओं ने कलेक्टर कार्यालय घेरा…राष्ट्रपति के नाम दिया आक्रोश पत्र…कहा ममता सरकार को करें बर्खास्त…शाहजहां को फांसी पर लटकाएं

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—जनजाति सुरक्षा मंच के बैनर तले भाजपा नेताओं समेत आम महिलाओं ने संदेशखाली घटनाक्रम के खिलाफ कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया। महिलाओं ने इस दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार को बर्खास्त करने की मांग की। महिलाओं ने संदेशखाली में बलात्कार और संपत्ति लूटपाट के आरोपी शाहजहां शेख को फांसी पर चढाने की मांग की है। महिलाओं ने जिला प्रशासन को राष्ट्रपति के नाम आक्रोश पत्र भी दिया। साथ ही तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ नारेबाजी की।

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जनजाति सुरक्षा मंच के बैनर तले महिलाओं ने वाजपेयी मैदान से रैली निकालकर कलेक्टर कार्यालय का घेराव  किया। महिलाओं के साथ भाजपा नेताओं ने संदेशखाली के गुनहगार को फांसी पर लटकाने की मांग की। महिलाओं ने नारेबाजी करते हुए पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन की मांग कर जिला प्रशासन को आक्रोश पत्र दिया।

कलेक्टर कार्यालय घेराव करने पहुंची महिलाओं ने बताया कि संदेशखाली में ममता सरकार के शहर पर महिलाओं के साथ बलात्कार किया जा रहा है। गरीब आदिवासियों की जमीन को हड़पा जा रहा है। तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहाँ शेख और उनके साथी घर घुसकर ना केवल माता बहनों के साथ बलात्कार को अंजाम दे रहे हैं। बल्कि अपहरण कर जगग जगह ले जाकर दैहिक शोषण कर रहे हैं। शाहजहां शेख के आतंक में संदेशखाली जनता जानवार की जिन्दगी जीने को मजबूर हैं।

महिलाओं ने बताया कि शाहजहाँ शेख के खिलाफ संदेशखाली की महिलाओं ने रैली निकालकर आक्रोश जाहिर किया। अपराधी शाहजहाँ शेख चूंकि तृणमूल कांग्रेस का नेता है। ममता बनर्जी की पुलिस आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर रही है।

 महिलाओं ने कहा कि घटनाक्रम पर बंगाले के राज्यपाल ने केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर ना केवल दुख जाहिर किया। बल्कि यह भी कहा कि यहां जो कुछ भी हो रहा है वह सभ्य समाज के लिए कतई ठीक नहीं है। जांच पड़ताल के दौरान जो भी सामने आया..उसे देखना ही नहीं बल्कि सुनना और सोचना भी अपराध है। संदेशखाली में जो कुछ भी देखा मुझे नहीं देखना चाहिए था।

 कोलकाता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम की अगुवाई वाली खंडपीठ ने कहा कि यह बहुत आश्चर्यजनक है कि जिस व्यक्ति को समस्या का कारण बताया जा रहा है, उसे अभी भी पकड़ा नहीं जा सका है । वह कानून तोड़ कर भाग रहा है।”मुख्य न्यायाधीश ने यह भी  कहा, “प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि अनुसूचित जनजाति ग्रामीणों की जमीन उनकी इच्छा के विरूद्ध और उचित कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किए बिना उनसे ले ली गई।”

कलेक्टर कार्यालय घेरावन करने वाली महिलाओं ने जिला प्रशासन को राष्ट्रपति के नाम मांग पत्र दिया। महिलाओं ने कहा कि “संदेशखाली में तृणमूल कांग्रेस से जुड़े लोग आदिवासी महिलाओं का यौन उत्पीड़न कर रहे है। जमीन पर कब्जा कर रहे हैं।” ममता बनर्जी  क्रूरता की रानी’ हैं। मुख्यमंत्री यह स्वीकार करने के बजाय संदेशखाली में हुई घटनाओं को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रही हैं।” एक महिला होने के नाते राष्ट्रपति को महिलाओं का दर्द समझना होगा। ममता बनर्जी की सरकार को बर्खास्त कर आरोपी शाहजहां शेख समेत फांसी पर लटनकाना होगा।

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